Find the Latest Status about बहर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बहर.
Khushi Kandu
White हमनें भी दिल लगाया है दिल्लगी की बात न पूछो हमनें ख़ुदा माना था उसको अब उसकी जात न पूछो ©Khushi Kandu #flowers #बहर #khushikandu #khushithought
#flowers #बहर #khushikandu #khushithought
read moreV S
White समय बेहरा है किसी की सुनता नहीं लेकिन अंधा नहीं है देखता सब है ©V S #love_shayari #समय #बहरा #नोजोटो #नोजोटो_हिंदी #नोजोटोइंडिया Anshu writer vineetapanchal Deewani Bholenath ki Bhavana kmishra
#love_shayari #समय #बहरा #नोजोटो #नोजोटो_हिंदी #नोजोटोइंडिया Anshu writer vineetapanchal Deewani Bholenath ki Bhavana kmishra
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
New Year 2025 221 2121 1221 212 मेहनत करूँगा ख़ून पसीना बहाऊँगा मैं एक रोज़ नाम जहाँ में कमाऊँगा उम्मीद और हौसलों के दम पे ज़ीस्त में आसान मुश्किलों को मैं करके दिखाऊँगा होगी ज़रा सी देर मुझे जानता हूँ पर मंज़िल पे एक रोज़ पहुँच मैं भी जाऊँगा मुझको समझ रहे हैं जो हारा हुआ यहाँ वादा रहा मैं जीत के उनको दिखाऊँगा माज़ी की हर ख़ता से मैं लेकर कड़ा सबक़ मैं जिंदगी का कारवाँ आगे बढ़ाऊँगा जीते जी ऐसा काम करूँगा हयात में मर कर भी मैं सभी को सदा याद आऊँगा ©विवेक ठाकुर 'शाद' 👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21
👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - कोई अपना नहीं... 👉 काफ़िया - आ 👉 रदीफ़ - नहीं होता 👉 बह्र - बहर-ए-हज़ज मुसम्मन सालिम 👉 वज़्न - 1222 1222 1222 1222 👉 अरकान - मुफ़ाईलुन मु
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - सुहाना मौसम.... 👉 काफ़िया - आना 👉 रदीफ़ - हुआ 👉 बह्र - बहर-ए-मुतदारिक मुसम्मन सालिम 👉 वज़्न - 212 212 212 212 👉 अरकान - फ़ाइलुन फ़ाइलुन
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - अरमाँ दफ़्न हुए.... 👉 काफ़िया - ओ 👉 रदीफ़ - अच्छा हुआ 👉 बह्र - बहर-ए-रमल मुसम्मन महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 2122/2122/2122/212 👉 अरकान - फ़ाएलातु
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा, अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा-ए-खुदा न समझा,उमीदे-अदल थी जिनसे,वो बाप विरासत देने मे गूंगा-बहरा सा मुझे दिखा//२ जो दबाते है सरमाया अपने हमशीरी का,वो रोजे मह्शर अल्लाह-रसूल् से शर्मिंदा खड़ा सा मुझे दिखा//३ वो एहसासे कमतरी का शिकार न दिखा,हाँ आज उसके मन मे जहरीला गुबार उड़ता सा मुझे दिखा//४ नफरत की अफीम बोई है,जिस हासिद ने,अब ईद दिवाली स्नेह मिलन पर,वो नफरते फसल काटता सा मुझे दिखा//५ हाशिये पर पसमन्दो को निशाना बनते मुझे दिखा, इस मानिंद नशेमन रिआया का गिरता सा मुझे दिखा//६ जो अना और किना परस्त बड़े लोग है,मुझको तो ऐसे लोगो का किरदार अदना सा मुझे दिखा//६ जाइए मत आप"शमा"की बेबाकी पर,मै खामखाह, सुर्ख़रू हुआ,जो ये हयात शनासा सा मुझे दिखा//७ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
#sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
read more