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Divan Dodiyar
White बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं ! ©Divan Dodiyar #Thinking बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं ! शायरी हिंदी में
#Thinking बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं ! शायरी हिंदी में
read moreDeependra Dubey
White हमें राहों में उनकी तलाश थी जो हमारी राहों में कांटो की जगह फूल बिछा सके। ज़िन्दगी को उन्हीं राहों में खुशी से चला सके। ज़िंदगी उनसे कुछ नहीं मांगती बस ज़िंदगी का दो पल, ख़ुशी बिता सके। ©Deependra Dubey #Thinking शायरी शायरी शायरी
#Thinking शायरी शायरी शायरी
read moreलेखक 01Chauhan1
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है ©लेखक 01Chauhan1 कभी कभी
कभी कभी
read moreSukhdev joshi Joshi
green-leaves कभी अपने को अकेला महसूस मत करना जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है। ©Sukhdev joshi Joshi कभी अपने को अकेला महसूस मत करना। #Ga #Sa #Hain शायरी हिंदी
Aacky Verma
Unsplash तेरे जिस्म की खुशबू भुला नही बस तुझको गले लगाने को तरसता हु और तुझको याद करके नम हो जाती है आँखे और कभी कभी थोड़ा बरसता हु insta: @aackyshayari www.aackyshayari.in ©Aacky Verma तेरे जिस्म की खुशबू भुला नही बस तुझको गले लगाने को तरसता हु और तुझको याद करके नम हो जाती है आँखे और कभी कभी थोड़ा बरसता हु
तेरे जिस्म की खुशबू भुला नही बस तुझको गले लगाने को तरसता हु और तुझको याद करके नम हो जाती है आँखे और कभी कभी थोड़ा बरसता हु
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली .... कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते... कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं.. कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..
सहेली... कभी-कभी..लाला..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
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