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Parasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मौसम बदल रहा है सम्हल के चल, दिल से दिल मिल रहा है सम्हल के चल। तूफां तो बहुत आयेंगे जिंदगी में तेरे, वक़्त भी निकल रहा है सम्हल के चल। ©अनिल कसेर "उजाला" सम्हल के चल
सम्हल के चल
read moreGhanshyam Ratre
शीत लहरें कोहरे का ठंडा का महिना है । गरम वाले सुती ऊनी वस्त्र लगते सुहाने हैं।। बहुत ठंडा लगता है ठंड से शरीर कांपते हैं। ठंडा में गर्मागर्म खाने के चीजें अच्छे लगते हैं।। ©Ghanshyam Ratre ठंडा के महिने
ठंडा के महिने
read moreParasram Arora
Unsplash बिकास के नए स्टेशनो क़ी दुरी अब तय होंगी बुलेट ट्रेनो क़ी तेज़ रफ्तारो से रिश्तोऔर संबंधो के नामकर्णअब तय होगे ताप मापी यत्रो से ©Parasram Arora विकास के नए मापदंड
विकास के नए मापदंड
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
read moreGondwana Sherni 750
White मै निः शब्द हु उस विकास के लिए जिसने गांव को शहर बना दिया जंगल को काट के रोड बना दिया ऑक्सीजन पैसों से बाट रहे हैं पुरखो की संस्कृति को फैशन बना दिया हमारी व्यवस्था को मिटाने के लिए दूसरी व्यवस्था बना दिया गया अपने पुरखो का कॉपी कर दिया गया इतना कुछ बदल जाने के बाद भी हमारे लोग फैशन को संस्कृति कहेंगे थाईयो को अपना पुरखा मानेंगे पक्के घरों को विकास मानेंगे रोड को उन्नति कहेंगे गर्व करो तुम अपने व्यवस्था को भूल के थाईयो के व्यवस्था की ओर जा रहे हो Preeti uikey 750 10/11/24 ©Gondwana Sherni 750 #sad_quotes विकास विनाश
#sad_quotes विकास विनाश
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