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Vikrant Rajliwal Show
Vikrant Rajliwal Show
Vikrant Rajliwal Show
HintsOfHeart.
"हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ यानी हमारे दोस्तों के बेवफ़ा होने का वक़्त आया" ( I needed my friends' help today; They were no friends, they turned away.) ©HintsOfHeart. #पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #उर्दू ग़ज़ल के प्रसिद्ध कवि और पत्रकार।
Sangeeta Kalbhor
बाकी असणारचं आहे.. वाटतात गाडून टाकाव्यात मनातल्या भावना अगदी खोल खोल...त्या कोणाच्याही नजरेस येऊच नयेत...किंबहुना मीही कधी त्या उकरायच्या म्हंटल्या तरी त्याचे माणिकमोती बनावेत आणि यावे त्या विचारांनी आपल्या दुसऱ्या रुपात... हे असे म्हणण्या पाठीमागचे कारण असे आहे ना की काही भावना उगाचंच आपले मानसिक स्वास्थ्य खराब करतात... काही काही देणेघेणे नसताना... येते मरगळ मनाला आणि नंतर शरीराला आणि मग एकूणच जगण्याला..तेव्हा मग नको नको जीव होतो... शांत व्हायला आणि त्यातून बाहेर पडायला मनाची आणि विचारांची कोण मशागत करावी लागते काय सांगू... आणि मला तर या विचारांचा आणि भावनांचा जाम त्रास होतो...अगदी नको नकोसा करणारा.. एक ठराविक वेळ आणि काळ जाईपर्यंत हे विचारांचे गारुड नाही हटत ध्यान पटलावरुन... सारखे आपले तेचं तेचं आठवून आणि साठवून होतो त्रागा जो कधीकधी मलाही कळत नाही का आणि कशासाठी... तसं पाहिले तर या जीवसृष्टीमध्ये कोण कोणाला समजून घेते हो...अगदी जीवातला जीव जरी काढून ठेवला तरी एखाद्या दगडाला तो काय समजणार? निर्दयी त्या जीवाला मारेल ठोकर आणि म्हणेल... " बसं...की अजून काही' ' अशा वेळेस हा आपला मुर्खपणा असतो तो कळतो आपणास पण जेव्हा जीव हेका धरतो ना तेव्हा सगळ्या जाणीवा आणि विचारांना तिलांजली मिळालेली असते.. शहाण्यातला शहाणा आणि लहाणातला लहाणही या मनाच्या आणि जीवाच्या पुढे गुडघे टेकवतो.. स्वतःला अपराधी मानतो...हताश होतो... हे थोडे अधिक प्रत्येकाच्या बाबतीत झालेले असते...असावे... मग यावर उपाय काय तर मनावर लगाम घालायचा ...हासूड मारायचा आणि तरीही विचार नाहीत थांबले तर सरळ वेसन घालायची... जरा जरी इकडे तिकडे विचार किंवा भावना झाली की लगेचच इकडून दोर कसायचा...जाम...म्हणजे लागेल ओढ आणि थांबेल विचार रुपी जनावर..तिथल्या तिथे आणि राहील शांत जिथे आपल्याला हवे असेल... मला तरी असे वाटते की आपण आपले असतोच कुठे जेणेकरून आपण झोकून द्यावे एखाद्या भावनेत आपल्याला... अनेक नात्यांची गुंफण बनली की एक अख्खं आयुष्य आपल्याला मिळते...महत्प्रयासाने.. काय अधिकार असतो आपला आपल्यावर... नक्कीच नाही... जेव्हा केव्हा येतील भावनांचे ढग एकवटून तेव्हा आवश्यक असेल तर त्या ढगांना होऊ द्यावे रिक्त मनसोक्तपणे... कुठलाही आणि कोणाचाही विचार न करता जावे आपण आपल्या अंतःकरणाच्या प्रांगणात...प्यावे वारे आणि व्हावे टपोरे थेंब...सर्वांगावरुन अलगद ओघळणारे आणि तनामनाच्या संपूर्ण जाणीवांना नखशिखांत मुग्ध करणारे... व्हावा आपणच आपला सखा आणि लावावे पळवून दुःखा..... जमेल का हे मला तरी जे मी माझ्या लेखणीतून स्त्रवू दिलेय.... कदाचित...नव्हे ...नक्कीच होईल... आताच पहा ना माझी भावनांची उतरंड बरीच वरपर्यंत रचत चालली होती पण जसजसा मी उतरंडीच्या पहिल्या गाडग्याचा विचार केला आणि पाहिले आत तर खरंच काही नाही सापडले हो...तिथे केवळ रिक्त पोकळी होती जिच्यात मला हवे ते भरता येईल अशी....असेच वरच्या प्रत्येक गाडग्यात आढळले... मग मी प्रत्येक गाडग्याचा विचार केल आणि भरुन टाकले मला घडविणाऱ्या विचारांनी... आता ना कुठला विचार ना कुठली भावना... आता आहे फक्त नव्याने आपल्याशा केलेल्या भावना आणि त्यांना जगविण्यासाठी स्वतःला जगविण्याचा अट्टाहास..... बाकी असणारच आहे लेखणीत नेहमी मी माझी..... गढलेली...दडलेली आणि वेढलेली..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Hope बाकी असणारचं आहे.. वाटतात गाडून टाकाव्यात मनातल्या भावना अगदी खोल खोल...त्या कोणाच्याही नजरेस येऊच नयेत...किंबहुना मीही कधी त्या उकरा
AwadheshPSRathore_7773
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर बारिशें हों तो भीग जाया कर काम ले कुछ हसीन होंठों से बातों बातों में मुस्कुराया कर दर्द हीरा है दर्द मोती है दर्द आँखों से मत बहाया कर चाँद ला कर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर धूप मायूस लौट जाती है कभी छत पे कपड़े सुखाने आया कर घर से बाहर निकल हवाओं में ज़ुल्फ़ से ख़ुशबुएँ उड़ाया कर कोई तस्वीर कोई अफ़साना कुछ न कुछ रोज़ ही बनाया कर कौन कहता है दिल मिलाने को कम से कम हाथ तो मिलाया कर इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई हम न सोए रात थक कर सो गई। ©AwadheshPSRathore_7773 #Reindeer Bollywood के प्रसिद्ध लेखक डॉ.राही मासूम रजा की death anniversary पर मुझे यह नज़्म उनके एक चाहने वाले से प्राप्त हुई सोंचा आपको भे
AwadheshPSRathore_7773
खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे ,कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे...!! नन्हें के आने की “खबर”“माँ” की तबियत का दर्द और पैसे भेजने का “अनुनय” विनय।“फसलों” के खराब होने की वजह...!! कितना कुछ सिमट जाता था एक“नीले से कागज में”... जिसे नवयौवना भाग कर “सीने” से लगाती और “अकेले” में आंखो सेआंसू बहाती माँ” की आस थी “पिता” का संबल थी बच्चों का भविष्य थी और ,गाँव का गौरव थी ये “चिठ्ठियां” अब तो “स्क्रीन” पर अंगूठा दौडता हैं,और अक्सर ही दिल तोड़ता है “मोबाइल” का स्पेस भर जाए तो सब कुछ दो मिनट में “डिलीट” होता सब कुछ “सिमट” गया है 6 इंच में ,जैसे “मकान” सिमट गए फ्लैटों में ! जज्बात सिमट गए “मैसेजों” में “चूल्हे” सिमट गए गैसों में और इंसान सिमट गए नोटों में!वाह रे कलयुग वाह क्या बात है तेरी वाह....! ©AwadheshPSRathore_7773 "अंखियों का पानी बड़ा बेजुबा दर्द मेरा कह पाए ना , O साथी O साथी O साथी तेरी चिट्ठी पते पर आए ना" प्रसिद्ध पार्श्व गायक के गाए बोल हे यह,पहच
HintsOfHeart.
"झूठ आज से नहीं अनन्त काल से रथ पर सवार है और सच चल रहा है पाँव-पाँव नदी, पहाड़, काँटे और फूल और ऊबड़-खाबड़ रास्ते सब सच ने जाने हैं झूठ तो एक आसमान में उड़ता है और उतर जाता है जहाँ चाहता है" ©HintsOfHeart. #भवानी_प्रसाद_मिश्र #जन्म_जयंती ■ हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक।
AwadheshPSRathore_7773
विश्व प्रसिद्ध आशुतोष भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर हमारे यहां मेरे birt place मंदसौर शहर में स्थित है मेरा दावा है यह की जो मंदिर महादेव का हमारे यहां स्थित है ऐसा विश्व में कहीं भी कोइ दूसरा मंदिर नहीं है जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कहें या लापरवाही की वो लोग इस मंदिर को वो प्रसिद्धि दिला नहीं पाए जिसका यह मंदिर और इसकी अष्टमूर्ति प्रतिमा हकदार है खैर अब वापस युग बदल रहा है और आने वाले कल को पूरी दुनिया यहाँ घूमने अवश्य ही आएगी। ।🙏जय महादेव/🇮🇳/जय हिंद🙏 ©AwadheshPSRathore_7773 विश्व प्रसिद्ध आशुतोष भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर का यह अद्वितीय मंदिर विश्व में मंदिर स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है जो एक ही शीला को
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर के उलटे हनुमानजी :- 🏯 भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है यह धार्मिक स्थान जहाँ भगवान हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर साँवरे नामक स्थान पर स्थापित है इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। 🏯 सांवेर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ आकर भक्त भगवान के अटूट भक्ति में लीन होकर सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। यह स्थान ऐसे भक्त का रूप है जो भक्त से भक्ति योग्य हो गया। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उलटी मूर्ति स्थापित है। और इसी वजह से यह मंदिर उलटे हनुमान के नाम से मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। 👈 पौराणिक कथा :- 🏯 यहाँ के लोग एक पौराणिक कथा का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जब कहा जाता है कि जब रामायण काल में भगवान श्री राम व रावण का युद्ध हो रहा था, तब अहिरावण ने एक चाल चली. उसने रूप बदल कर अपने को राम की सेना में शामिल कर लिया और जब रात्रि समय सभी लोग सो रहे थे,तब अहिरावण ने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मूर्छित कर उनका अपहरण कर लिया। वह उन्हें अपने साथ पाताल लोक में ले जाता है। जब वानर सेना को इस बात का पता चलता है तो चारों ओर हडकंप मच जाता है। सभी इस बात से विचलित हो जाते हैं। 🏯 इस पर हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण जी की खोज में पाताल लोक पहुँच जाते हैं और वहां पर अहिरावण से युद्ध करके उसका वध कर देते हैं तथा श्री राम एवं लक्ष्मण जी के प्राँणों की रक्षा करते हैं। उन्हें पाताल से निकाल कर सुरक्षित बाहर ले आते हैं। 🏯 ऐसी मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहाँ से हनुमानजी ने पाताल लोक जाने हेतु पृथ्वी में प्रवेश किया था। जहाँ से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे। उस समय हनुमान जी के पाँव आकाश की ओर तथा सर धरती की ओर था जिस कारण उनके उल्टे रूप की पूजा की जाती है। 🏯 साँवेर के उलटे हनुमान मंदिर में श्रीराम, सीता, लक्ष्मणजी, शिव-पार्वती की मूर्तियाँ हैं। मंगलवार को हनुमानजी को चौला भी चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तीन मंगलवार, पाँच मंगलवार यहाँ दर्शन करने से जीवन में आई कठिन से कठिन विपदा दूर हो जाती है। कहते हैं भक्ति में तर्क के बजाय आस्था का महत्व अधिक होता है। यहाँ प्रतिष्ठित मूर्ति अत्यन्त चमत्कारी मानी जाती है। यहाँ कई संतों की समाधियाँ हैं। सन् 1200 तक का इतिहास यहाँ मिलता है। 🏯 उलटे हनुमान मंदिर परिसर में पीपल, नीम, पारिजात, तुलसी, बरगद के पेड़ हैं। यहाँ वर्षों पुराने दो पारिजात के वृक्ष हैं। पुराणों के अनुसार पारिजात वृक्ष में हनुमानजी का भी वास रहता है। मंदिर के आसपास के वृक्षों पर तोतों के कई झुंड हैं। इस बारे में एक दंतकथा भी प्रचलित है। तोता ब्राह्मण का अवतार माना जाता है। हनुमानजी ने भी तुलसीदासजी के लिए तोते का रूप धारण कर उन्हें भी श्रीराम के दर्शन कराए थे। 🏯 नगर के साँवरे क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध पाताल विजय हनुमानन की उलटी प्रतिमा स्थापित है। यहां ऐसी हनुमानजी की दुर्लभ प्रतिमा है जो बहुत ही कम देखने को मिलती है। लोकप्रिय और पुरातन मंदिर होने के कारण हनुमानजी के प्रति श्रद्धा रखने वाले श्रद्धा रखने वाले लोग दूर-दूर से यहां आते हैं और रामभक्त हनुमानजी उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। 👉 Rao Sahab N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर