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Ran Singh Guru
White मेरी मुसीबतों ने भी कमाल कर दिखाया, मुझें परेशान तो किया, बहुत चहरों से नक़ाब हटाया, मुझें मिटाने कि हसरत में, मुसीबतों ने बहुत से लोगों का वज़ूद तक मिटा डाला... ©Ran Singh Guru #car #मुसीबत # वजूद
Deependra Dubey
White बस कुछ ऐसा कर जाऊं की, इस दुनियां में अपनी वजूद छोड़ जाऊं। कुछ लोगो में ही सही, थोड़ा मोहब्बत छोड़ जाऊं। अपनो से अपनो तक, अपनी याद छोड़ जाऊं। ©Deependra Dubey #वजूद
BANDHETIYA OFFICIAL
White भारत देश के बारे में, भरत का राम भी सोचता होगा। दोनों तपस्वी, दोनों त्यागी, वरत का राम भी सोचता होगा। एक जो वन में, एक भवन में, एक जो नंगे पांव भ्रमण में, पादुका जो पूजे एक, वहीं - भगत का राम भी सोचता होगा। हे भारत! कल्याण हो तेरा, मायावी का मारीच फेरा - हो न कभी दुख, मर्यादा रहे, मत का राम भी सोचता होगा। ©BANDHETIYA OFFICIAL #राम भरत के।
Satish Kumar Meena
मैं तुम्हें ढूंढता हूं तो, प्यार में जिंदादिल हो जाता हूं। तुम मुझे ढूंढती हो तो,, मैं सच में अपना वजूद पाता हूं।। ©Satish Kumar Meena वजूद
वजूद #कोट्स
read moreManish Raaj
वजूद ------ ज़रें-ज़रें में ज़िंदगी समाई है फिर क्यों ये तन्हाई जितनी, समंदर में गहराई है वाक़िफ़ हैं हक़ीक़त से मगर फिर भी ज़िंदगी, आज़माई है आज़माए इतने गए की अब भरोसे पर ही, शक़ घिर आई है ख़ामोशी एक जवाब और सवाल भी है, कितनों को समझ आई है नज़र, नज़ारे देखती है क्या ख़ुद की नज़र को देख पाई है पैसों के लिए अश्क़, पसीने और खून मगर खून के लिए जान किसने गंवाई है इंसान की हवस ऐसी की हैवानियत और मौत भी शर्माई है मौके की तलाश में रहनेवालों की नीयत साफ़ नज़र आई है जज़्बात, अलफ़ाज़ और शर्म-ओ-लिहाज़ नहीं फिर क्यों, आँख भर आई है आसमानी परिंदों ने अपनी जड़ ज़मीं पर ही बनाई है पौधों को पानी से सीचे और दूसरी तरफ कटे जड़ समझो अब, उसकी जान पर बन आई है मनीष राज ©Manish Raaj #वजूद
Sunil Sharma...
hanuman jayanti 2024 जब भी पुकारू तुम्हे मेरे प्रभू बस तुम मेरे पास चले आना ना करना कोई बहाना मुझे आपने चरणों से लगाना...!! ©Sunil Sharma... #hanumanjayanti24 राम के दास राम के साथ....
#hanumanjayanti24 राम के दास राम के साथ....
read morePraveen Jain "पल्लव"
Jai shree ram पल्लव की डायरी डग मंगाने लगी धरा जब असुरो से यज्ञ ध्यान ज्ञान पर खतरे मंडराने लगे व्यभिचार की परिकाष्ठा हो गयी जब बलि प्रथा की आड़ में नरो को अपना भोजन बनाने लगे हुआ अवतरण तब राम का असुरो की माया तोड़ी है सत्य न्याय और शांति स्थापित हो बाहु सुबाउ जैसे असुरो की कमर तोड़ी है रामराज्य जैसी परिकल्पना अंतिम छोर तक जाती है एक उंगली कोई उठा दे समाधान तक या प्रण लेकर आहुति देकर पूरी की जाती है युगों युगों से लोग मिशाल देते रामराज्य की, पर राम कौन बन पाया है इतने द्वन्दों से जूझकर सत्ता और सीता का त्याग कौन कर पाया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है #nojotohindi
#JaiShreeRam पर राम कौन बन पाया है #nojotohindi #कविता
read moreBhupendra Rawat
Beautiful Moon Night आस्था के प्रतीक है, राम लेकिन, क्या राम का भवन बनने से राम राज्य बन जायेगा? भगवा धारण करके क्या, कलयुगी मनुष्य राम बन पायेगा? राम का ध्वज फहराने से क्या, हर द्वार राम समायेगा? माथे पर तिलक लगाने से क्या, प्रभु राम कहा जायेगा? इतना सब करने के पश्चात क्या, राम जैसा व्यक्तित्व बना पाओगे। जिसकी पूजा करते हो क्या, उसके आदर्श पथ पर स्वयं को अग्रसित कर पाओगे। बड़ा साम्राज्य के स्वार्थ को त्यागकर क्या, एक भिक्षुक बन पाओगे ©Bhupendra Rawat #beautifulmoon आस्था के प्रतीक है, राम लेकिन, क्या राम का भवन बनने से राम राज्य बन जायेगा? भगवा धारण करके क्या, कलयुगी मनुष्य
#beautifulmoon आस्था के प्रतीक है, राम लेकिन, क्या राम का भवन बनने से राम राज्य बन जायेगा? भगवा धारण करके क्या, कलयुगी मनुष्य #कविता
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