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सुसि ग़ाफ़िल
मैं साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा मेरे पास तो है नहीं बगीचा यहां देखो वहां देखो अगर तुम रहना चाहती हो तो मैं एक क्यारी फूलों की लगा दूंगा जर्रे जर्रे की मिट्टी है अलग - अलग फूलों की सुगंध है एक मैं चारों तरफ फैला दूंगा | मैं रहता हूं दूर कहीं सूखे पेड़ों में अगर तुम कहो तो एक फूल खिला दूंगा | साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा
Jyotsana yadav
तितलियों का पत्तों पे मंडराना उनका हर तरफ खुशनुमा माहौल बनाना रंग बिरंगे रूप में सतरंगी बन जाना इंद्रधनुष सा बन कर सबका मन मोहना अपनी मधुर संगीत से सबको मनोहित करना अपने इस अंदाज से दिवाना बनाना खुश कर देता है तितलियों का मंडराना ©Jyotsana Yadav #तितलियों का मन मोहना
Vishnu Sharma
तितलियों को घर मै पाला नही जाता। ©Vishnu Sharma ।।तितलियों को घर मै पाला नही जाता।। #advice
AB
नहीं आसान किसी की भी बेरंग ज़िन्दगी को रंगीन बना देना खुशकिस्मत हैं वो जिनको हैं मिली ये शोहरतें , भर दो सारे रंग आज ही हर किसी की ज़िन्दगी में, के जब तुम कभी बेरंग पड़ो भी तो, कम से कम ये मलाल न रहे कि अब हम नहीं रहे,! चुरा लो नूर तितलियों का , #anintrovertsdiary
Poonam
कौतूहल भरा होता है बचपन हर बात नई सी होती है ना कोई फिक्र जमाने की होती है ना कोई परवाह ही होती है हर वक्त खुश रह लेते हैं रंग बिरंगी तितलियों संग खेल मजे ले लेते है, जब जी चाहे, मीठी गोलियां खा कर अपना दिल बहला लेते हैं.... ©Poonam #बचपन #मीठी_गोलियां #तितलियों
Kavi Swaroop Dewal Kundal
मेरी निगाहों से उसको जो तुम देखो उसमें खुदा नज़र आएगा वो हजारों की भीड़ में भी अकेला है भले तुम्हें कारवां नजर आएगा मेरी तरफ तू इतनी उम्मीद भरी निगाहें से ना देख ए जमाने मुझमें उससे बिछड़ने के बाद वीरान हुआ मेरा घर नज़र आएगा उसके चले जाने के बाद मैंने कभी रूख ना किया उन गलियों का मेरे लौट कर आने की राह तकता हुआ मेरा शहर नज़र आएगा जैसे कोई दौलतवाला टूट पड़ता है किसी गरीब की आबरू पर किसी मजदूर पर उसके मालिक का तुम्हें बरपा किया कहर नजर आएगा वतन की राह में दुश्वारियाँ करता हुआ दहशतगर्द कोई हो जैसे और सियासतदानों का खून से सना दामन शामो शहर नज़र आएगा अब तो गुलशन के फूलों पर मंडराने से भी डरती है तितलियाँ हर दूसरा यहाँ पर तितलियों के नोंचता हुआ पर नज़र आएगा तितलियों के पर
सुसि ग़ाफ़िल
आजाद करदो घर की तितलियों को , फिर कोई साहिबा बेवफा नहीं होगी | आजाद करदो घर की तितलियों को , फिर कोई साहिबा बेवफा नहीं होगी | सुशील ग़ाफ़िल
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