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Mahadev Son
आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा आत्मा पवित्र और शुद्ध होती मैला तो तन और मन होता जल को क्या मालूम बिस्लेरी का काम बुझाना प्यास जल का आत्मा का वास तन का मन क्या जाने उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना ©Mahadev Son आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में च
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।। खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार । मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।। राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन । बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।। राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार । व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।। हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास । ऐसे उनके भक्त थे, कहते प्रभु का दास ।। जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम । राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।। मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर । मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...
Sethi Ji
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 💞 इश्क़ की गहराई , ख़ुदा की परछाई 💞 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 जहाँ हो सुनने की आज़ादी और बोलने की मनाही हर औरत को अपने पति में ऐसी अच्छाई चाहिए एक शायर को लिखने के लिए अपने मेहबूब की रुस्वाई चाहिए हम सब अकेले हैं जीवन के सफ़र में किसी को भाती हैं तन्हाई किसी को इश्क़ की गहराई चाहिए कुछ करते हैं खुले आम इज़हार कुछ दिल में बात रखते हैं दुनिया में रहने के लिए बस इंसानों की सच्चाई चाहिए हम बन्दे हैं ऊपर वाले ख़ुदा के हमको जीने के लिए सिर्फ़ अपने ईश्वर की परछाई चाहिए 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 ©Sethi Ji 💞💞 ज़िन्दगी का एहसास 💞💞 💞💞 ज़िन्दगी का विश्वास 💞💞 ज़िन्दगी का हर पल खास होता हैं जब दिल में मोहब्बत का एहसास होता हैं ।। किसी को लगता हैं प्
Bharat Bhushan pathak
शब्द-शब्द हाव-भाव जब बोलती प्रतीत हो। है दफ़न राज़ जब जो खोलती प्रतीत हो। प्रीत-रीत गीत-जीत जब बखानता अतीत हो। अचेतना में चेतना का वास जब अगर कहीं। समझ लो तभी यही काव्य है वही-वही। ©Bharat Bhushan pathak #achievement शब्द-शब्द हाव-भाव जब बोलती प्रतीत हो। है दफ़न राज़ जब जो खोलती प्रतीत हो। प्रीत-रीत गीत-जीत जब बखानता अतीत हो। अचेतना में चेत
Sethi Ji
🌟 जय शिवाजी महाराज 🌟 धन्य हो गयी भारत देश की मिट्टी जिसमें आपने जन्म लिया हमने हर दिन सच्चे मन से आपकी वीरता का स्मरण किया आप हो वीरों में वीर , वीरों में श्रेष्ठ मराठा आपने शौर्य से हर भारतीय के दिल में खुद को अमर किया एक अकेला इंसान हर वक़्त पड़ा हज़ार मुग़लों पर भारी आपने हम सबको हर परिस्थिति में लड़ने का सबक दिया जय हो हर माँ की , जो सुनाती आपकी कहानी अपने बच्चे को आज पूरे देश ने झुक कर आपकी हस्ती को नमन किया 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ©Sethi Ji 🌸🌸 शिवाजी महाराज की जय 🌸🌸 आप शौर्य और वीरता की पहली और अंतिम आस हो ।। आप हर परिस्थिति में लड़ने का विश्वास हो ।। आ जाता दिल में जोश और भुज