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Bajrangautam
अजीब हूं मैं, अजीब है ये दुनिया।। "अजीब सा है ये दास्तां, अजीब सा बहाना है। अजीब सी है ये दुनिया, अजीब सा इसका फसाना है।।" #अजीब #दास्तां #
R...Khañ
वाक्य दुनिया अजीब़़ हैं? यह हम उसे अजीब़ बना देते हैं, सेहकार तकलीफ़ औरों के लिए हम अपनी दुनिया गवा देते हैं! ©R...Khañ #वाक्य#दुनिया#अजीब़#हैं?🤔 kiran kee kalam se Sachin Ahir Ramjan Ali deepshi bhadauria NASAR
N S Yadav GoldMine
~Bhavi
ये दुनिया अजीब है जब जब किसी की जरूरत हुई है, सैकड़ों की भीड़ में एक भी काम न आया है।। ©~Bhavi ये दुनिया अजीब है जब जब किसी की जरूरत हुई है, सैकड़ों की भीड़ में एक भी काम न आया है।। #WoNazar Gautam Kumar V.k.Viraz Neeraj Neer babu lov
Rajkumar Siwachiya
Black कै साथ तेरो Strong जुदाई Weak करय सै Presence तेरी दवाई Absence Sick करय सै ✨👩❤️👨✨♥️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya बाकि तो सब ठीक है लागय तेरे बिन दुनिया अजीब है सब कुछ होके भी तेरे बिना यार गरीबों का गरीब है ✨👩❤️👨✨🥺🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #Thin
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} लोगों को खुश करने के लिए, सेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है, यह दुनिया अजीब है, और दुनिया के लोगों का क्या कहना, कोई किसी को भी खुश नहीं रख सकता, ऐसा मेरा अनुमान है।। जय श्री हरि।। ©N S Yadav GoldMine #Dhanteras {Bolo Ji Radhey Radhey} लोगों को खुश करने के लिए, सेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है, यह दुनिया अजीब है, और दुनिया के लोगों का
अंदाज़ ए बयाँ...
सितारों तले बैठे ये ख़्याल आया, अजीब है ये दुनिया अजीब इसकी माया। रोज़ ख़िलती है क़ली फुल मुरझाता है, ग़ुम जाएँगीं सांसे एक दिन अँधेरे में जैसे साया। रोशन दिपक, रोशन जहां नहीं करता, बदले जो मन को तो बदलेगी क़ाया। पूजकर पत्थर मुरख भक्त कहलाता है, खोल आँखें कण कण में राम समाया। रविकुमार सितारों तले बैठे ये ख़्याल आया, अजीब है ये दुनिया अजीब इसकी माया। रोज़ ख़िलती है क़ली फुल मुरझाता है, ग़ुम जाएँगीं सांसे एक दिन अँधेरे में जैसे स
अंदाज़ ए बयाँ...
सितारों तले बैठे ये ख़्याल आया, अजीब है ये दुनिया अजीब इसकी माया। रोज़ ख़िलती है क़ली फुल मुरझाता है, ग़ुम जाएँगीं सांसे एक दिन अँधेरे में जैसे साया। रोशन दिपक, रोशन जहां नहीं करता, बदले जो मन को तो बदलेगी क़ाया। पूजकर पत्थर मुरख भक्त कहलाता है, खोल आँखें कण कण में राम समाया। रविकुमार सितारों तले बैठे ये ख़्याल आया, अजीब है ये दुनिया अजीब इसकी माया। रोज़ ख़िलती है क़ली फुल मुरझाता है, ग़ुम जाएँगीं सांसे एक दिन अँधेरे में जैसे स