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F M POETRY
Unsplash ज़िन्दगी उलझी हुई पहेली है.. कैसे हल होगी ये मालूम नहीं.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #ज़िन्दगी उलझी हुई.....
#ज़िन्दगी उलझी हुई.....
read moreParasram Arora
White हवाए तों अभी भी अपनी शालीन गति से बह रहीं है इसके बावजूद उसकी साँसे रुकी हुई दिख रहीं है हो सकता है वो आदमी इतने लम्बे अर्से से साँसे लेते लेते थक गया हो और अब वो एक लम्बी नींद लेकर अपनी उस थकान को विश्रान देने की कोशिश कर रहा हो ©Parasram Arora रुकी हुई साँसे
रुकी हुई साँसे
read moreneelu
White होने में सिर्फ दो लोग शामिल होते हैं नहीं होने में चार लोग शामिल होते हैं यह क्या बात हुई ©neelu #sad_quotes #यही_तो_ज़िंदगी_है #क्या_कहेंगे_लोग #बात_बस_इतनी_सी_है हुई
#sad_quotes #यही_तो_ज़िंदगी_है #क्या_कहेंगे_लोग #बात_बस_इतनी_सी_है हुई
read more@mahi
White शाम रात बिन कंबल बिन नींद कहां से लीजे जो हवा चली है,एकतरफा तो पर्दा कहां से कीजे ये बर्बरता है ठंड की जो जमा जाएगा एकदम से ये तो नवंबर है "माही" अभी दिसंबर से क्या लीजे ©@mahi #सर्द #Winter #december #viral #Poetry #Nojoto प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ
Shashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read moreकाव्य महारथी
आ. संध्या श्रीवास्तव 'साँझ 'छतरपुर मध्यप्रदेश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता देशभक्ति कविताएँ बारिश पर कवित
read moreGiridhar Rai
White नोटबंदी तो कर दिए,कुछ और भी करिए बंद तब मानेंगे आपको हम बड़का अक्लमंद ©Giridhar Rai #happy_diwali देशभक्ति कविताएँ
#happy_diwali देशभक्ति कविताएँ
read moreWriter Mamta Ambedkar
White दिल के राजा बनो किसी के इश्क में फकीर बनने से अच्छा है अपने दिल के राजा बनो जमाना पलकों पर बिठा कर रखेगा इश्क में फकीर बनने से अच्छा, अपने दिल के राजा बनो, फूलों से सजाओ हर ख्वाब को, अपने आप को खुद की दुआ बनो। रातों की नींद और चैन न खोओ, किसी के इंतजार में यूं तड़पो न, खुद को समझो, खुद को अपनाओ, अपने ही दिल के शहंशाह बनो। तन्हाई भी साथी बनेगी तुम्हारी, जब खुद से प्यार करना सीखोगे, पलकों पर जमाना सजाएगा तुम्हें, जब अपने पैरों पर चलना सीखोगे। किसी के इश्क में फकीर न बनो, अपनी हिम्मत का वो चिराग बनो, कि रोशनी खुद-ब-खुद फैले तुम्हारी, हर रास्ता तुम्हारा गुलज़ार बनो। इश्क अगर खुद से करोगे पहले, दुनिया की भी महफिल तुम्हारी होगी, तुम्हारे अपने दिल के राजा बनने पर, जमाने की भी ताजपोशी तुम्हारी होगी। ©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविताएं प्यार पर कविता हिंदी कविता
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