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Jayesh gulati
Unsplash कैसे मिटाऊं। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
read moreदोस्ती की दुनिया का king
भगवान श्रीराम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें: 1. अवतार: भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है। उन्होंने अधर्म का नाश करने
read moreShivkumar barman
!! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लगी है दिन छोटे हो जाते हैं , पर दिल बड़े होते हैं इस महीने में जनवरी की शुरूआत में ख़ुद से किए गए वादों का अब हिसाब किताब होता है .. .. जो पूरे हुए उन पर गुमान होता है , और जो नहीं हो पाये उनको कुछ बदलाव के साथ अगले साल फिर डायरी में लिख लिया जाता है !! पूरे साल की रील मानो सामने घूमती है और कभी थोड़ी सी मुस्कुराहट और कभी थोड़ी उदासी ले आती है चेहरे पर। अच्छा बुरा जैसा भी समय निकला पर उस की रेत बजरी समेट कर उम्मीद के सीमेंट में मिला कर फिर एक नया मकान बनाना है .. अगले साल का यूँ तो जनवरी और दिसंबर में एक दिन की ही दूरी है पर फ़ासला एक साल का। ऐसा लगता है जैसे जनवरी धरती है और दिसंबर है अंबर, और क्षितिज पर ये दूर से एक रात के लिए मिलते दिखते हैं। 31 तारीख़ को ….तुम छोड़ जाओगे दिसंबर की तरह और हम बदल जायेगें जनवरी की तरह...। ©Shivkumar barman !! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के #तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लग
!! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लग
read moreनवनीत ठाकुर
White मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर पर समर्पण ही, इस जीवन की सबसे बड़ी है राहत। ©नवनीत ठाकुर #मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर प
#मरण नहीं है अंत, ये तो एक नई है शुरुआत, जिसमें रूह का मिलन, उस परम से है मुलाकात। मृत्यु नहीं है खात्मा, बस रूप बदलने की है बात, उसके दर प
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} रिश्ते वह होते हैं, शब्द कम और समझ ज्यादा होती है, रिश्ते वह होते हैं, तकरार व टकराव कम प्यार ज्यादा होता है, रिश्ते वह होते हैं, जिसमें आशा कम भरोसा ज्यादा होता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} रिश्ते वह होते हैं, शब्द कम और समझ ज्यादा होती है, रिश्ते वह होते हैं, तकरार व टकराव कम प्यार ज्यादा होत
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} रिश्ते वह होते हैं, शब्द कम और समझ ज्यादा होती है, रिश्ते वह होते हैं, तकरार व टकराव कम प्यार ज्यादा होत
read moreAnjali Singhal
"खोला जब मैंने पिंजरा अल्फ़ाज़ का, उड़ चला मन लिए मुझे ऊँची उड़ान सा। एक तसव्वुर से सजा मुझमें ख़्वाबगाह था, ख़्वाब-ओ-ख़्याल रहता था जिसमें
read moreRakesh frnds4ever
White वो पुरुष कैसे संभाले खुद को जो कि ना तो नशा करता है ,,,,,,,,ना ही गाली देता है जिसका न कोई संगी साथी है ,,,,,,,,,,,,न की प्रेमी न दुश्मन जिसके ना कोई अपने हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,न कोई पराये जिसमें ना कोई चालाकी है ,,,,,,,,,,,,,,,,न कोई बेईमानी जो इस कलियुगी युग के माहौल जैसा नहीं है ,,,,, वो जो कि दिल, दिमाग ,आत्मा, तन - मन ,शरीर से इस नरकीय, क्रूर, जहन्नुम जैसी दुनिया में आर्थिक, सामाजिक ,शारीरिक, संवेदनात्मक, भावात्मक ,मानसिक बौद्धिक, संवेगात्मक, आत्मिक ,वंशानुगत, पारिवारिक आदि सभी स्वरूपों में निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है,,,नोचा जा रहा है,,, मारा जा रहा है,,,... कैसे संभाले वो खुद को ©Rakesh frnds4ever वो #पुरुष कैसे #संभाले खुद को जो कि ना तो #नशा करता है ना ही गाली देता है जिसका न कोई संगी #साथी है न की #प्रेमी न दुश्मन जिसके
Rameshkumar Mehra Mehra
किसी को चूमना भी............. एक तरह का सबांद है....! जिसमें शब्द तो नही...!! पर ब्याकरण जरुर है...!!! चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है..!!!! जो जिस्म से पहले....!!!!! आत्मा को चूमना जानते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी को चूमना भी,एक तरह का सबांद है,जिसमें शब्द तो नही,पर ब्याकरण जरुर है,चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है,जो जिस्म से पहले,आत्मा को चूमना
# किसी को चूमना भी,एक तरह का सबांद है,जिसमें शब्द तो नही,पर ब्याकरण जरुर है,चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है,जो जिस्म से पहले,आत्मा को चूमना
read morePriyawant Markamji
wringtone bhakti wdesh bhakti geet wbhakti gana #MiracleOfGodKabir_In_1513 आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर पर
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White तुम रह्ते हो खयलो म्र् ©बेजुबान शायर shivkumar तुम पास ना होकर भी , तुम रहते हो मेरे #साथ मे इन #अंधेरी गलीयों को यु , तुम करते हो इन्हे रौशन इस बंजर से बाग को , तुम्ही तो #महकाते हो