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"SILENT"
White बात कड़वी वो कभी सुनता नहीं। बात कड़वी जो कभी कहता नहीं। लक्ष्य फिर उसको कभी मिलता नहीं। पत्थरों की मार यदि सहता नहीं। रूप बदले हैं निरन्तर हर घड़ी, दिन कभी भी एक सा रहता नहीं। अनवरत बह ता समुन्दर की तरफ़, शान्त हो दरि या कभी रहता नहीं। इसलिए मज़लूम उसको सब कहें, मुँह से अपने ज़ुल्म सह कहता नहीं। ©"SILENT" #Hindi pantiya#Preeti Anshu writer Sajidkashmiri Anamika..... Bandita
"SILENT"
White देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया देखे यहां बदले के भाव दिल मेरा अब थक गया मुझको लगा सब प्रेम की गलियों में जीना चाहते लेकिन यहां सब लोग नफरत में है जीना चाहते कैसे लिखूं मैं तुक्ष मानवता को मैं ये जानकर बदला हैं मानवता का उसूल पैसे की खुशबू सूंघ कर देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया देख कर दुनिया की रंगत दिल मेरा अब भर गया ©"SILENT" #Hindi pantiya#Twinkle Agarwal T4_tanya_ Neha@Nehit_Enola Niaz (Harf) Surbhi Sharma
"SILENT"
White अंतिम समय जब कोई नहीं जाएगा साथ एक वृक्ष जाएगा अपनी गौरैयों-गिलहरियों से बिछुड़कर साथ जाएगा एक वृक्ष अग्नि में प्रवेश करेगा वही मुझसे पहले ‘कितनी लकड़ी लगेगी’ शमशान की टाल वाला पूछेगा ग़रीब से ग़रीब भी सात मन तो लेता ही है लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार ताकि मेरे बाद एक बेटे और एक बेटी के साथ एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में। ©"SILENT" # Hindi pantiya#Naina Neha@Nehit_Enola Anshu writer T4_tanya_ R... Ojha
# Hindi pantiyaNaina Neha@Nehit_Enola Anshu writer T4_tanya_ R... Ojha #SAD
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White फिर मन आषाढ़ हो चला तैरती रुई धुनी हुई। बंद हवा लिखती है देह भर पसीना दीवारों में कसी हुई। माथे पर हाथ रखे बैठी है तबियत होकर छुईमुई। चप्पा-चप्पा खड़ी उमस परत-दर-परत चुनी हुई। बूँद-बूँद गल कर हम भीड़ों में बहते हैं हिम-नदी सरीखे। हम खंडित इंद्रधनु उठाए इस्पाती भाषा में चीख़े। बादामी कानों तक आकर सुनो बात अनसुनी हुई। ©"SILENT" #Hindi pantiya#Nîkîtã Guptā princess Uttarakhand queen Twinkle Agarwal Niaz (Harf)
"SILENT"
White घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से । नारों से भरो नहीं भरो नहीं वादों से अंतराल भरो सदा गीतों-संवादों से हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से । भटके ना राहगीर कोई अँधियारे में दीये की तरह जलो घर के गलियारे में लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से । हाथ बनो, पैर बनो राह बनो जंगल में लहरों में नाव बनो सेतु बनो दलदल में प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से । ©"SILENT" #Hindi pantiya#Anshu writer T4_tanya_ Naina Niaz (Harf) Mrs.Donia Aakash Bhardwaj
"SILENT"
White नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में, अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में। समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल, गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल जलद-पटल में छिपा, किन्तु रवि कब तक रह सकता है? युग की अवहेलना शूरमा कब तक सह सकता है? पाकर समय एक दिन आखिर उठी जवानी जाग, फूट पड़ी सबके समक्ष पौरुष की पहली आग। ©"SILENT" # Hindi pantiya#I_surbhiladha Satyaprem Upadhyay T4_tanya_ Naina Sun Shine
# Hindi pantiyaI_surbhiladha Satyaprem Upadhyay T4_tanya_ Naina Sun Shine #Poetry
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White कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं। ©"SILENT" # just Hindi pantiya#Trisha09 Anshu writer Sajidkashmiri Uttarakhand queen I_surbhiladha
# just Hindi pantiyaTrisha09 Anshu writer Sajidkashmiri Uttarakhand queen I_surbhiladha #Poetry
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White नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में, अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में। समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल, गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल जलद-पटल में छिपा, किन्तु रवि कब तक रह सकता है? युग की अवहेलना शूरमा कब तक सह सकता है? पाकर समय एक दिन आखिर उठी जवानी जाग, फूट पड़ी सबके समक्ष पौरुष की पहली आग। ©@BeingAdilKhan #Hindi pantiya#Niaz (Harf) Anshu writer I_surbhiladha Irfan Saeed Mrs.Donia Aakash Bhardwaj