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Stories related to शर्मा के देखोगी जिसे

STAR ARTIS STUDIO

kuchh fasle SwaTripathi मनीष शर्मा Eshamahi its_nastik_manoj_137 bewakoof

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Unsplash कुछ फासले अधूरे रह गए, कुछ नगमे अधूरे रह गए!!प्यार की उमीद थी जिनसे,वो इंसान ही हमसे दूर रह गए!!
Shayar Bedi

©STAR ARTIS STUDIO kuchh fasle SwaTripathi   मनीष शर्मा  Eshamahi  its_nastik_manoj_137  bewakoof

samandar Speaks

#Book Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray मनीष शर्मा

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Unsplash कर ले सितम अब तेरी रुखसती के दिन हैं
ना होगा दीद तेरा हम भी बा यक़ीन हैं
अपनी ही मिल्कियत में तुझे तालियां मिलीं
अब सुन ले ये गूंज तेरी आफियत के दिन हैं
बड़ी रोशनी बिखेरती तेरे लेबलुआब है 
सूरज बता रहा तेरे , ढलने के दिन है
बग़ावत की बस्ती में हुकूमत के दिन हैं,
ज़मीरों के सौदे में सियासत के दिन हैं।
जहाँ सच को दफ़्ना के ख़ुदा लिख दिया है 
चारों तरफ झूठ की  इबादत के दिन हैं।
लिबास में गुलामी झलकती है जिनकी
वो कहते हैं  उनकी बग़ावत के दिन हैं।
जो पत्थर में भी चेहरे तलाश किए थे,
वो कहते हैं बस उनकी शराफ़त के दिन हैं।
जहाँ चोर को ताज औ' मेहराब सजे हैं 
उस दानिश की आज रुख़सती के दिन हैं 
राजीव

©samandar Speaks #Book  Mukesh Poonia  Satyaprem Upadhyay  Internet Jockey  Radhey Ray  मनीष शर्मा

samandar Speaks

#love_shayari मनीष शर्मा Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Sandeep L Guru मनीष शर्मा Satyaprem Upadhyay अंजान S

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White  ये आसमां ज़मीं पर उतर क्यों नहीं जाता
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता 

ये रुकता तो,बच्चे भी बच्चे रहते,हम भी हम रहते
न वो दूर कहीं जाते,ना हम घर के बाहर ठहरते
बदलते वक्त के हालात पर ये तरश क्यों नहीं खाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

झोपड़ियां सहमी है दुबकी हैं फट्टे शॉल में लिपटी है
बकरियां फट्टे बोरे में,टूटी खाट पे हुई जा खड़ी हैं
इस बेबसी में नए साल का फितूर उतर क्यों नहीं जाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

बाप कि जवानी लेकर बेटे बड़े हो रहे हैं
इन्हें जवान करते बाप अधमरे हो रहे हैं 
रैन बसेरों का डर अब निकल क्यों नहीं जाता
 ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता
राजीव

©samandar Speaks #love_shayari  मनीष शर्मा  Satyaprem Upadhyay  Radhey Ray  Poonam bagadia "punit"  Sandeep L Guru   मनीष शर्मा  Satyaprem Upadhyay  अंजान  S

samandar Speaks

#love_shayari Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा bewakoof

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White अब क्या बताऊं ये क्या हैं
इक सपना है हिंदी में, या उर्दू में ख्वाब है,
चाँद का आइना, सूरज का नक़ाब है।
बारिशों की छन-छन, जैसे सितारों की सरगोशी,
हवा की सरसराहट, मानो ज़ुबां पर कोई नज़्म रुकी हो।
लहरों की हलचल, जैसे धड़कता हो समंदर का दिल,
भँवरों की गुनगुनाहट, जैसे मौन की गहराई में छुपा एक गीत।
अब क्या बताऊं ये क्या है,
ये सुबह का आँचल, जिसमें रौशनी का जादू सिमटा है,
ये शाम का सन्नाटा, जैसे थककर कायनात खुद को सुला रही हो।
जंगलों की फुसफुसाहट, जैसे पेड़ आपस में राज़ बांट रहे हों,
पहाड़ों की बुलंदी, जैसे किसी दुआ की सदा आसमान को छू गई हो।
अब क्या बताऊं ये क्या है,
ये बूँदें, जो धरती की प्यास बुझाकर मुस्कुराती हैं,
ये मिट्टी की ख़ुशबू, जैसे कुदरत का इश्क़ ज़मीन से लिपट गया हो।
ये फूलों का खिलना, जैसे हर सुबह एक नया अफ़साना लिखती हो,
ये तितलियों का नृत्य, जैसे रूहानी ख़्वाबों का रंगीन कारवां।
अब क्या बताऊं ये क्या है,
ये बादलों का आग़ोश,जैसे किसी मां ने अपने बच्चे को छुपा लिया हो,
ये झील का सुकून, जैसे किसी सूफी का दिल।
कुदरत का हर रंग, हर सुर, हर अंदाज़,
जैसे खुदा ने अपने दिल के सबसे गहरे कोने में
हमारे लिए एक नज़्म लिख छोड़ी हो।
अब क्या बताऊं ये क्या हैं 
राजीव@samandar speaks

©samandar Speaks #love_shayari  Satyaprem Upadhyay  Radhey Ray  Mukesh Poonia  मनीष शर्मा  bewakoof

samandar Speaks

#camping Radhey Ray Mukesh Poonia मनीष शर्मा Anant bewakoof

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Unsplash नीली आँखों का जादू और पलकों का पहरा
गुलाबी ये आलम और दिल ठहरा ठहरा

तब्बसुम मोतियों सा लबों पे है छाया
और सुर्खी ए महरो है पसरा पसरा

काले बादलों का घेरा ,और बारिश की बुँदे,
चाँद हो जैसे की ,नहाया नहाया

इस्लाम सी है ,लाम लट गेसुओं की
अदा पे खुदा का ,है नूर, पसरा पसरा

सांसो की ताज़गी में, कुदरत, की ख़ुशबू,
एक जाम हर अदा जैसे हो छलका छलका
Rajeev

©samandar Speaks #camping  Radhey Ray  Mukesh Poonia  मनीष शर्मा  Anant  bewakoof

Shiv Narayan Saxena

#Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है hindi poetry

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White ईश्वर के इस जग विधान का, 
ईश्वर  भाग्यविधाता  है। 
पाप-पुण्य से अलग आत्मा,
ईश्वर  रूप  कहाता  है।।
वर के मद में चूर मगर जब, 
ईश्वर  से  टकराता  है।
ईश्वर   जिसे   दंड   देता   है, 
उसको कौन बचाता है।।

©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है  hindi poetry

Shiv Narayan Saxena

#good_night जिसे समझना ही नहीं hindi poetry

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White दुनिया माया जाल है, सच बस है हरि नाम।
 जिसे  समझना ही नहीं, माया ही परिणाम।।

'शौक' पठन-पाठन कहीं, पढ़ने का न उपाय।
जिसे  समझना  ही नहीं, गुरु भी उसे पढ़ाया।।

जाग सके यदि सोय तो, कुंभकरण किन कोय।
जागे   कैसे   जान   जो,   ऑंखें   भींचे   होय।।

जीवन करम का फेर है, सुख-दुख हैं परिणाम।
समझे  अब  हित  मानते ,  बाकी  खट्टे  आम।।

©Shiv Narayan Saxena #good_night जिसे समझना ही नहीं  hindi poetry

Praveen Jain "पल्लव"

#love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का

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White पल्लव की डायरी
कानूनों से हाथ बाँधकर
अराजक व्यवस्था पनपी है
मनमाना रवैया सरकारों का
जनता के अरमानों की हदे तोड़ी है
अपराध जगत सियासतों के हाथों में
जब चाहे तब दंगो और बलबा करके
रोटियाँ राजनीतिक सेकी है
दूषित चरित्र राजनेताओं के हो
तो कैसे सभ्य समाज बन सकता है
अपराधबोध जिसे ना हो अपनी करनी का
वो देश समाज का किया भला कर सकता है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का

Kavi Himanshu Pandey

जिसे, जो शरीफ़ Hindi #beingoriginal

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Anjali Singhal

"प्यार के धागे से बुना है रूहानियत का लिबास। पहने रहते हैं जिसे मेरे एहसास।।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status #Reels #Shorts

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