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Shivkumar
White आया- आया पावन त्योहार आओ चुने हम अपनी सरकार मत देने का मिला है अधिकार उपयोग करो उसे हर बार आया -आया पावन त्यौहार । प्रजातंत्र एक मंदिर है मतदान से हम नमन करें पावन-स्वच्छ रहे वतन मेरा सदाचरण का चुनाव करें जनता का है यह दरबार आया -आया पावन त्यौहार । अधिकारों का दावा करते हैं तो कर्तव्यों पर भी काम करें एक ही सिक्के के हैं दो पहलू विश्व पटल पर देश का नाम करें मत देना प्रजातंत्र का है आधार आया -आया पावन त्यौहार । बूंद बूंद से घट भरता है एक वोट से तंत्र बदलता है रिश्वत-भ्रष्टाचार में नहीं फँसेंगे यहाँ जनता का शासन चलता है मेरे लिए मेरी पसंद से बने सरकार आया -आया पावन त्यौहार। ©Shivkumar #election_2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto आया- आया पावन त्योहार आओ चुने हम अपनी #सरकार
Devesh Dixit
पर्दा (दोहे) पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर। भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।। यह पर्दा दिखता नहीं, है फिर भी अनमोल। जो इससे अनभिज्ञ हैं, कर न सके वो तोल।। दूजा है पर्दा दिखे, जन मानस में ज्ञात। करें सभी उपयोग हैं, कहने की क्या बात।। पर्दा खिड़की में लगे, और सजाता द्वार। पूरा घर सुंदर लगे, जाने सब नर-नार।। दोनों का यह काम है, ढाँप सकें वो बात। जिसे बताना है नहीं, उससे है अज्ञात।। पर्दा उस पर क्यों पड़े, जो देता आघात। सबको जख्मी भी करे, देता है वो मात।। पर्दा उन पर डालिये, जो होते निर्दोष। दंड मिले बिन पाप के, कैसे हो संतोष।। ....................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #पर्दा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry पर्दा (दोहे) पर्दा पड़ता झूठ पर, हो अपयश सब ओर। भ्रष्टाचारी का रहे, उस पर ही अब जोर।। यह पर्
Devesh Dixit
दर्पण (दोहे) दूजों को दर्पण दिखा, आती है मुस्कान। खुद की बारी में वही, मुंँह फेरे इंसान।। खुद ही दर्पण देख ले, मिल जाती पहचान। देख बुराई आप में, क्या पाता इंसान।। उसको जो भी सुख लगे, हो न कभी संतोष। खुद को ही देखे नहीं, ढूँढे सब में दोष।। कहते हैं सज्जन सभी, बाँटों सब में प्यार। दर्पण को छोड़ो वहीं, मिलती खुशी अपार।। दर्पण का उपयोग जो, लेना वो ही काम। रूप निहारो जो करो, है ये ही पैगाम।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दर्पण #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दर्पण (दोहे) दूजों को दर्पण दिखा, आती है मुस्कान। खुद की बारी में वही, मुंँह फेरे इंसान।। ख
Devesh Dixit
शब्द (दोहे) शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार। क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।। जोड़-जोड़ कर शब्द को, देता मैं आयाम। राज हृदय में वह करे, हो मेरा भी नाम।। जन जन तक पहुँचे कभी, ये मेरे अरमान। पुस्तक का मैं रूप दूँ, शब्दों में उत्थान।। शब्दों की माया बड़ी, ये सबको अनुमान। कुछ इससे हैं सीखते, पाते भी सम्मान।। गलत तरीके से करें, शब्दों का उपयोग। होता भी नुकसान है, कब समझेंगे लोग।। झगड़ों का कारण यही, अब समझो नादान। शब्दों का यह जाल है, कहते सभी सुजान।। शब्दों से जो खेलते, उनको ही है बोध। उचित चयन उसका करें, करते देखो शोध।। ....................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शब्द #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi शब्द (दोहे) शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार। क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।।
Dhanraj Gamare
cjcjffjfjfjfjfjpfjfjfkgkfgfkfkfk ©Dhanraj Gamare जागतिक महिला दिनाच्या निमित्ताने गझल काव्य संध्या व बुककट्टा टीम ( पिंपरी चिंचवड) यांच्या संयुक्त विद्यमाने आयोजित दुसरे कवी संमेलन २०२४
Learn From Kartikey
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Mukesh Poonia
अपनी ऊर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है, इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए। . ©Mukesh Poonia #Holi अपनी #ऊर्जा को #चिंता करने में #खत्म करने से #बेहतर है, इसका उपयोग #समाधान #ढूंढने में किया जाए
Ravendra