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priyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
read moreMayuri Bhosale
❣️.......शायरी दिल की कहानी .......❣️ हर दिल मे छूपी है एक कहानी💌 पहले हमे लगती है ओ अपनी सहेली 👭 पर दिल के गहराई के समंदर तक जाकर 🌊🌊 देख लो ओ बन जाती है एक नई पहेली.....!!❓ ©Mayuri Bhosale दिल की कहानी की
दिल की कहानी की
read moreSatish Kumar Meena
White मैं झुक क्या गया, दुनियां कमजोर समझने लगी। अभी वक्त गया नहीं,, घड़ियां लौटकर आने लगी। मैं अकेला छोड़ चला था, मेरे अंदर के घरवालों को। अब उठने की बारी है,, दिखाना है दुनियां वालों को। कायनात भी देखेगी अब, चिंगारी किसने जलाई है। कुछ बनकर आया हूं,, खुदा ने ईदी बरसाई है।। ©Satish Kumar Meena चिंगारी किसने जलाई है
चिंगारी किसने जलाई है
read moreShiv Narayan Saxena
White ताटंक छंद नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है। प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।। भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है। किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।। 'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है। यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #rajdhani_night छंद रचना poetry in hindi
#rajdhani_night छंद रचना poetry in hindi
read moreShiv Narayan Saxena
White ताटंक छंद राजनीति में जनता कपिला, कैसा खेल निराला है। कभी न लात उठाती कपिला, नेता भरता हाला है।। अपनी इस चालाकी पर वह, मन ही मन इठलाता है। पकड़े जाने के डर से वह, खाता और खिलाता है।। नेता अफसर में बस केवल, इतना सा ही नाता है। खुद खाओ और हमें खिलाओ, भारत भाग्य विधाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes छंद रचना poetry in hindi
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read moreSuneel Nohara
White सबके अपने अपने दर्द हैं, अपना अफसाना हैं। ये आंसू दर्द के है या खुशी के, नोहरा ये किसने जाना हैं। ©Suneel Nohara किसने जाना हैं, Sethi Ji Anupriya Ashutosh Mishra Anshu writer Sana naaz
किसने जाना हैं, Sethi Ji Anupriya Ashutosh Mishra Anshu writer Sana naaz
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा ए मेरी रचनाओं तुम्हें..! कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..! मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..! बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..! तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..! प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा ए मेरी भावनाओं तुम्हें..! ©अज्ञात #रचना