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brar saab
White मध्य भारत में निम्न में से किसने सतनामी आन्दोलन की शुरुआत की थी? (1) हरिदास ठाकुर ने (2) श्री नारायण गुरु ने (3) घासीदास ने (4) उपरोक्त में से कोई नहीं ©brar saab #मध्य @भारत में निम्न में से किसने सतनामी #आन्दोलन की शुरुआत की थी? (1) हरिदास ठाकुर ने (2) श्री नारायण गुरु ने (3) घासीदास ने
Bhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreseema patidar
White तुम्हारे चेहरे की रौनक कुछ गुम सी गई है बता पाओगी किसने चुराई है खुद को दूसरों सा बनाने की चाहत ने या खुद को अधूरा सा मानने की आदत ने कुछ टूटे सपनो ने,या रूठे किन्ही अपनो ने बार बार असफल हुई कहानियों ने या जिद में की हुई नादानियों ने किसी की तुमसे लगी उम्मीदों ने या बीते गुजरे संघर्षों ने आने वाले कल की चिंता ने या हर रोज मिलने वाली निरसता ने तुम्हारे चेहरे की रौनक कुछ गुम सी गई है बता पाओगी.......... ©seema patidar बता पाओगी किसने चुराई है
बता पाओगी किसने चुराई है
read moreवरुण तिवारी
सर्द रातों की हवाओं ने सताया इस तरह। मैं ठिठुरता रह गया बिस्तर कंटीले हो गए॥ बर्फ से कुछ बात करती चल रही थी ये हवाएं, फिर अचानक सायं से कम्बल के अंदर आ गई। पांव को कितना सिकोड़ूं पांव बाहर ही रहा, अवसर मिला ये फेफड़ों से जाने' कब टकरा गई॥ खाँसियां रुकती नहीं सब अंग ढीले हो गए। कपकपाती ठंड में फैशन हमारा था चरम पर कान के दरवाजों से ये वायु घुसती ही गई। सनसनाती घुस चुकी थी कुछ हवाएं इस बदन में मेरे तन की हड्डियां हर पल अकड़ती ही गई॥ पूस की इस रात सब मंजर रंगीले हो गए। कर्ण में धारण किए श्रुति यंत्र को घर की तरफ, ठंड से छुपते छुपाते गीत सुनते जा रहे थे। पेट में मेरे अचानक दर्द ने आहट दिया, साथ ही संगीत सारे सुर में सहसा बज उठे थे॥ अंततः चुपके से' अंतर्वस्त्र पीले हो गए॥ ©वरुण तिवारी #snow हास्य रचना
#snow हास्य रचना
read morepriyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए। देखो काले बादल आये, कहा से और ऊपर जाएं। कितने पास बादल आये, हमको छूने बादल आये। किसने दिया पता मेरा, मेरे घर को बादल आये। देखो मुझपे गरज रहे हैं, संग अपने अंधेरा लाए। किसने छेद किया इसमें, जो बूँद-बूँद पानी गिराए। देखो काले बादल आये, नभ में काले बादल आये। इसको किसने बुलाया है, आंधी संग बिजली लाए। देखो कितने पास ये बादल, जैसे देखो पेड़ों को छू जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #badal #kavita #barish नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए।