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Ek villain
भारतीय संस्कृत में करवा चौथ दांपत्य जीवन का सूत्र बन गया है राष्ट्रीय का निर्माण सदैव पति पत्नी के शहादा चारणवाला समुदाय से होता है ऋषि मुनियों ने गृहस्थ जीवन को मानवता के विकास के उर्वरक शक्ति बताया है यह ग्रस्त जीवन विस्तृत ग्रहणी के आदर्श मूल्यों पर आश्रित है यदि स्त्री का मनोबल अपने जीवन साथी के लिए परिपूर्ण है तो पुरुष को सभी कोई निराश एवं पराजय का सामना नहीं करना पड़ता नारी की संवेदनशील भावनाएं पुरुष के आगे आगे चले तो विजय श्री का कारण वितरण सुनिश्चित है जब पत्नी के रूप में स्त्री का यही समर्पण हर दिन प्रत्येक क्षण रहे तब पुरुष कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी सुरक्षित बाहर निकलने में समक्ष हो सकता है ©Ek villain #करवा चौथ दांपत्य जीवन का सूत्र बन गया है
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।
आयुष सिंह
अपने मरने से खुद को स्वर्ग मिलगा.... स्वर्ग का अर्थ जीवन मे....
Ek villain
विद्या का अर्थ जानना पर्सन है कि किसको जानना उत्तर है जिससे जीवन समाज धर्म दर्शन और आत्मा परमात्मा को जाना जा सके मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य मोक्ष जैसे हासिल हो वह वेदों में विद्या कहीं गई है शहर विद्या या विमुक्तए यानी विद्या हुए हैं जिससे दुखों से छुटकारा मिल जाए बुद्ध ने कहा है यह संसार दुख लिए है इससे जन्म में यदि सही मायने में विद्या प्राप्त हो जाए तो उससे जीवन को सुखमय शांत मियां और संतुलित बनाए ने में सहायता मिलती है विद्या का अभ्यास बने रहना भी जरूरी है कि तू प्रदेश में कहा गया है अभ्यास ने विषम विद्या यानी बिना अभ्यास के विद्या विष तुल्य हो जाती है जीवन को पूर्ण बनाने के लिए वेदों में पड़ा और अपना दोनों विधाओं को ग्रहण करना आवश्यक है चाणक्य कहते हैं अब इधयम जीवन स्वयं यानी जी विद्या के बिना जीवन व्यर्थ है जिससे विद्या से पूर्णता प्राप्त हो वह जीवन विद्या कही जाती है आमतौर पर शिक्षा को विद्या कहा जाता है लेकिन शिक्षा दुखों से छुटकारा दिलाने का काम नहीं करती बल्कि इससे योग्यता और प्रतिभा का विस्तार होता है इससे भौतिक जीवन को सुखमय हो जाता है लेकिन आप बहुत ही जीवन के लिए इससे कोई लाभ नहीं जीवन को पूर्ण और उपयोगी बनाना है तो विद्या सीखनी पड़ेगी बचपन से लेकर बुढ़ापे तक इंसान कुछ ना कुछ प्राकृतिक परिवार समाज से सीखता है लेकिन उसका सीखना उसके संवेदनशीलता उत्सुकता संकल्प और रूचि पर निर्भर करता है जीवन को यदि उद्देश्य परख और सफल बनाना है तो जीवन में उन सभी चीजों को समय विश करना पड़ेगा जो जीवन को हर तरह से सफल और पूर्णता दिलाने का कार्य कर रही है आमतौर पर हम परंपराओं से इतने बने रहते हैं कि जीवन की वास्तविकता सफलता और उद्देश्य के बारे में शायद ही कभी निष्पक्ष ढंग से सोचते हो इसलिए हमेशा चिंतन करते रहना चाहिए कि किसी जीवन में पूर्णता आए और जीवन का आनंद में हो जाए ©Ek villain # जीवन विद्या का अर्थ #ZulmKabTak
पूर्वार्थ
----- दाम्पत्य ----- मेरी पत्नी मेरे बगल में सो रही थी... और मैं फेसबुक पर लाॅग इन ही हुआ था कि अचानक मुझे एक सूचना मिली, एक महिला ने मुझे उसे जोड़ने के लिए कहा। मैंने मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और एक संदेश भेजकर पूछा, "क्या हम एक दूसरे को जानते हैं?" उसने जवाब दिया: "मैंने सुना है कि तुम्हारी शादी हो गई है लेकिन मैं अब भी तुमसे प्यार करती हूँ।" वह अतीत से एक दोस्त थी। तस्वीर में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं। मैंने चैट बंद की और अपनी पत्नी की ओर देखा, वह दिन भर की थकान के बाद गहरी नींद सो रही थी। उसे देखकर मैं सोच रहा था कि वह इतनी सुरक्षित कैसे महसूस करती है कि वह मेरे साथ बिल्कुल नए घर में इतने आराम से सो सकती है। वह अपने माता-पिता के घर से बहुत दूर है, जहां वह 24 घंटे अपने परिवार से घिरी रहती थी। जब वह परेशान या उदास होती थी तो उसकी मां वहां होती थी ताकि वह उनकी गोद में रो सके। उसकी बहन या भाई चुटकुले सुनाते थे और उसे हंसाते थे। उसके पिता घर आते थे और उसे वह सब कुछ देते थे जो उसे पसंद था और फिर भी, उसने मुझ पर इतना भरोसा किया। ये सारे विचार मेरे मन में आए तो मैंने फोन उठाया और "ब्लॉक" दबा दिया। मैं उसकी ओर मुड़ा और उसके बगल में सो गया। ©purvarth #दांपत्य
Nawnit Kumar
Gaurav Kumar Sagar
सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है, परन्तु जीवन का अर्थ, जीवन जी कर और सबंध का अर्थ, सबंध निभाकर ही मिल सकता है. ©Gaurav Kumar Sagar सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है, परन्तु जीवन का अर्थ, जीवन जी कर और सबंध का अर्थ, सबंध निभाकर ही मिल सकता है. #womensday2021