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Deepak Gupta
व्यक्ति को हमेशा चार प्रकार के लोगों से बचकर चलना चाहिए झूठ बोलने वाला दुराचारी लोभी व्यसन करने वाला ©Deepak Gupta #श्रेष्ठ वचन
Deepak Gupta
हमको जीवन में बड़ों के कड़वी बातों को सह लेना चाहिए क्योंकि जो कड़वी बातें होती हैं वह हमारे जीवन का सबक होती है ©Deepak Gupta #श्रेष्ठ वचन
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदायत तो यही सबको मिली है । कि भूलोगे न फिर अपने वतन को ।।३ न जाने पाये वो बचकर इधर से । डगर में आज बैठा दो नयन को ।।४ नहीं आती हमें है नींद तुम बिन । करूँ क्या मैं भला जाके शयन को ।।५ उठी आवाज है दिल से अभी ये । निभाना है हमें सारे वचन को ।।६ वफ़ा का नाम मत लेना प्रखर तुम । तरसते रह गये वह सब कफ़न को ।।७ १२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बढ़ाकर हाथ को छू लो गगन को । मिटा दो दिल से तुम अब हर शिकन को ।।१ चलोगे नेक पथ पर जब कभी भी । झुकेंगें फिर वो सिर तेरे नमन को ।।२ हिदा
Niranjana Verma
White कुछ लोग सामने अपने पन का मुखौटा लगाकर, पीछे से आपके खिलाफ चाले चलते हैं, ©Niranjana Verma #Couple सत्य वचन
Shailendra Anand
रचना दिनांक ,,,,5,,,,2024,, वार,,,,, शुक्रवार समय,,,,काल सुबह,,,,, दस बजे,,, ,,,,,,,,,निज विचार,,,,,, ,,,शीर्षक,, ्््भावचित्र में यज्ञ में आहुतियां दी जाती है काष्ठ पात्र सेऔर यज्ञ विधान औरश्रीमदभागवत में ज्ञान यज्ञ पूर्णाहुति और मानस यज्ञ में विधान में वायु मण्डल में प्रदूषण नियंत्रण रहित प्राचीन सभ्यताओं में अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में से एक है््््् ््््् जन्म से मरण परण जस जस होई सब जग में जुग जुग सहस्त्र वर्ष से अधिक समय से सजाया गया श्रृष्टि मुनि साधु संन्यासियों ने तप बल और बाहुबल धनबल से धर्म अर्थ काम मोक्ष कारका कायिक वाचिक मानसं में यज्ञ ्््है एक व्यक्ति धर्म कर्म विधान है।।। ईश्वर सत्य और अहिंसा परमो धर्म में वैचारिक क़ांन्ति नायक कहलाता हूं।। मैं एक समय काल चक्र में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ मनोतेज अस्ति रेचक से आज्ञा चक्र में स्थित योगिस्थ होकर ईश्वरीय वरदान प्राप्त कपाल पर प्राणवायु अभ्यास अनुसार प्राथमिकता पर,, असली चेहरा रहस्यमय ढंग से नश्वर जरा शरीर का परित्याग करना ही मानम ज्ञान योगकी शाक्ल्य से अग्नि में जल में प्रवाहित जरामाटी समाहित हो जाती है।। यह संस्कार चाहे योगीराज योग से साथना करे या फिर परिवार मृतदेह का परिजन यज्ञकौशलं संस्कार परिवार करे।। जो मृत्यु पश्चात् कर्मकांड और विधान ब़म्हकर्म पितृ मोक्ष अन्नदान महादान पगड़ी रस्म ज्ञान तथाकथित समाजसेवी समाज सुधारक अतिरिक्त ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन देते है जो सर्वथा गलत और दोष पूर्ण है।। जिसे स्वैच्छिक एवं यथाशक्ति अनुसार प्राथमिकता पर असली रूप से कर सकते है।। प्रायः सभी धर्मों में समरुपता है सम्मान है तथा श्राद्ध कर्म हो या कैण्डलमार्च ईस्टर में ईश्वर सत्य का आख्यान पूनर्रजन्म हो।। या फिर किसी इन्तकाम ईमान लिखूं प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य से इस्लाम में शबरात में जियारत प्रार्थना करते हुए,, और कूण्डा पूजन और बच्चे सच्चे होते है उनमें मलीदा और अन्य तबर्रुक आपस में देते हुए जीवन में एक शवाब का अकीदा रखते हुए जीवन सफल बनाते है।। यह सब अपने विचार अपने अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं से धर्म समभाव रखते हुए जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर सत्य है।। यही हमारे देश और समाज दुनिया की जीवन शैली है ज्ञान दर्पण अपरीमित अंन्नत अन्नय भक्ति भाव सहित है।। ््््निजविचार ्््भावचित्र ्््््कवि ््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 5,,,,, अप्रैल,,,,2024,,, ©Shailendra Anand #truecolors मेरे ख्याल ईश्वर सत्य है और यह सब धर्मों में समरुपता से सजाया गया ईमान लिखूं प्रेम शब्द का सच्चा मक़सद शबद अनमोल वचन है ्््निजधि
Deepak Gupta
अगर लंबा जीवन जीना चाहते हैं तो तीन आदतों को हमेशा के लिए त्याग कर देना चाहिए क्रोध मोह माया एवं लालच ©Deepak Gupta #श्रेष्ठ वचन
अविरल अनुभूति
सार्थक वचन, जब बोलने वाला बोलते हुए भी ना बोले, और वचन जो बोले उसे कोई ना भूले। सर्वहितकारी, कल्याणकारी 🪷🙏 ©अविरल अनुभूति वचन