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Stories related to में से वाक्य

brar saab

#sad_quotes #भारत में #निम्नलिखित में से कौन-सी #पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ? (A) अरावली (B) अजन्ता (C) सतपुड़ा

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White भारत में निम्नलिखित में से कौन-सी पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ?

(A) अरावली
(B) अजन्ता
(C) सतपुड़ा
(D) इनमें से कोई नहीं

©brar saab #sad_quotes #भारत में #निम्नलिखित में से कौन-सी #पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ?

(A) अरावली

(B) अजन्ता

(C) सतपुड़ा

brar saab

#मध्य @भारत में निम्न में से किसने सतनामी #आन्दोलन की शुरुआत की थी? (1) हरिदास ठाकुर ने (2) श्री नारायण गुरु ने (3) घासीदास ने

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White मध्य भारत में निम्न में से किसने सतनामी आन्दोलन की शुरुआत की थी?
(1) हरिदास ठाकुर ने
(2) श्री नारायण गुरु ने
(3) घासीदास ने
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं

©brar saab #मध्य @भारत में निम्न में से किसने सतनामी #आन्दोलन की शुरुआत की थी?

(1) हरिदास ठाकुर ने

(2) श्री नारायण गुरु ने

(3) घासीदास ने

brar saab

लबाड़िया समुदाय के लोगों का निवास स्थान निम्न में से कहाँ है? (1) राजस्थान में (2) उत्तर प्रदेश में (3) हरियाणा में

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White लबाड़िया समुदाय के लोगों का निवास स्थान निम्न में से कहाँ है?

(1) राजस्थान में

(2) उत्तर प्रदेश में

(3) हरियाणा में

(4) आन्ध्र प्रदेश में

©brar saab लबाड़िया समुदाय के लोगों का निवास स्थान निम्न में से कहाँ है?

(1) राजस्थान में

(2) उत्तर प्रदेश में

(3) हरियाणा में

Rameshkumar Mehra Mehra

# छीन लू तुझे दुनियां से,ये मेरे बस में नही,मगर मेरे दिल से तुझे कोई निकाल दे,ये भी किसी के बस में नही.....

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White छीन लू तुझे दुनियां से................
ये मेरे बस में नही....!
मगर मेरे दिल से,तुझे कोई निकाल दे....!!
ये भी किसी के बस में नही.....

©Rameshkumar Mehra Mehra # छीन लू तुझे दुनियां से,ये मेरे बस में नही,मगर मेरे दिल से तुझे कोई निकाल दे,ये भी किसी के बस में नही.....

Trilok Negi

#Thinking मुझे समुंदर से मुहब्बत नहीं है, मैंने शबनम से दिल लगाया है, जो मिला नहीं पूरी काइनात में, मैंने क़तरे में वो सुकून पाया है।

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White मुझे समुंदर से मुहब्बत नहीं है,
मैंने शबनम से दिल लगाया है,
जो मिला नहीं पूरी काइनात में,
मैंने क़तरे में वो सुकून पाया है।

©Trilok Negi #Thinking मुझे समुंदर से मुहब्बत नहीं है,
मैंने शबनम से दिल लगाया है,
जो मिला नहीं पूरी काइनात में,
मैंने क़तरे में वो सुकून पाया है।

Internet Jockey

#love_shayari प्यार में इज़हार से ज्यादा इंतजार ज़रूरी है

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White 
प्यार में इज़हार से 
ज्यादा इंतजार ज़रूरी है

©Internet Jockey #love_shayari 
प्यार में इज़हार से 
ज्यादा इंतजार ज़रूरी है

Rameshkumar Mehra Mehra

# बैठे है...........बडी फुरसत से........तेरे फुरसत.......के इंतजार में....❤️

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Shailendra Anand

देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि

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रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,,
 संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।।
राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ््
पच्चीस   जनवरी  दोहजार   पच्चीस
अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है।
 श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में,
 अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर ,
हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।।
माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए ,
जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।।
यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले,
 संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में,
 आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर
 आपसी सहमति बहस में 
विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में,
 एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम 
अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।।
। तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो,
 किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।।
तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में,
 जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।।
जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है,
 वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं।
यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,,
और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।।
यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,,
वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है ।
दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में 
पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,,
सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से 
मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
25 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है  भक्ति  भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते 
 देश भक्ति में संनिहित है वि

आचार्य योगेश शर्मा

जीवन में पहली बार भूतों से सामना

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मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का  सामना 
उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने 
उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर  रहा था ।
उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है 
फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है 
बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें 
जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे  हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे

©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना

Kulvant Kumar

"लोगों की जिंदगी से चले जाने से, उनपे कोई फर्क नहीं पड़ता ये जानने में जिंदगी निकल जाती हैं

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"लोगों की जिंदगी से चले जाने से, उनपे कोई फर्क नहीं पड़ता 
ये जानने में जिंदगी निकल जाती हैं

©Kulvant Kumar "लोगों की जिंदगी से चले जाने से, उनपे कोई फर्क नहीं पड़ता 
ये जानने में जिंदगी निकल जाती हैं
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