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seema patidar
कभी वो दिल खोलकर बताती है कभी वो कुछ नही कहकर चुप हो जाती है बड़ी मुश्किल से किसी को अपना बनाती है और बनाले तो कभी नहीं भुलाती है अपनी भावनाओं को अपने सम्मान से उपर रखती है क्या करे,मजबूर है,इसलिए दर्द का स्वाद चखती है आप महसूस नहीं करते..... वो हर छोटी छोटी बात में प्यार जताती है और आप कहते है.... वो आपको समझ नही आती है ......✍️ ©seema patidar कभी वो दिल खोलकर बताती है
कभी वो दिल खोलकर बताती है
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White कभी-कभी दिल चाहता है कि........... तुम कोई सबाल ना पूछो....! ना बजह पूछो,ना तसल्ली दो.....!! ना ही कोई नसीहत,बस गले लगा लो....!!! और खामोशी से कहो...!!!! मैं हूं ना तेरे लिए हमेशा....💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # कभी-कभी दिल चाहता है कि,तुम कोई सवाल ना पूछो,ना बजह पूछो,ना तसल्ली दो,ना ही कोई नसीहत,बस गले लगा लो,और खामोशी से कहो,मैं हूं ना तेरे लिए ह
# कभी-कभी दिल चाहता है कि,तुम कोई सवाल ना पूछो,ना बजह पूछो,ना तसल्ली दो,ना ही कोई नसीहत,बस गले लगा लो,और खामोशी से कहो,मैं हूं ना तेरे लिए ह
read moreलेखक 01Chauhan1
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है ©लेखक 01Chauhan1 कभी कभी
कभी कभी
read moreBabita Singh
छोटी सी जिंदगी, लंबी कहानी, चेहरे पर मुस्कान, दिल में दर्द, किसी से कह नहीं सकते, किसी को बता नहीं सकते, ऐसे ही चलती है जिंदगी साहब 💞🕉️🦚🦋🫂 ©Babita Singh सुनोगे कभी इस दिल की पुकार 💝 क्या कहता है
सुनोगे कभी इस दिल की पुकार 💝 क्या कहता है
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
वो हक जताती है कभी-कभी वो हक जताती है कभी-कभी, प्यार जताती है कभी-कभी। डूब जाओगे गहरी आँखों में, पलके झुकाती है कभी-कभी। मासूमियत से भर जाती नज़रें, आँखें झुकाती है कभी-कभी। जज़्बातों को बयां किए बिना, बहुत कुछ कह जाती है कभी-कभी। कितनी गर्मजोशी है अदाओं में, वो बिजलियाँ गिराती है कभी-कभी। इशारों में कह जाती है बातें, पास बुलाती है कभी-कभी। वैसे गुस्से में लाल हो जाती, शरमाती भी है कभी-कभी। बातों में अपनी उलझा कर, दिल चुराती है कभी-कभी। इश्क़ का आलम कुछ ऐसा, कि पास बुलाती है कभी-कभी। दिल के करीब रहकर भी, फासले बढ़ा जाती है कभी-कभी। ख्वाबों में छुपा लेती है खुद को, हकीकत में दिख जाती है कभी-कभी। साज़िश सी लगती है ये मोहब्बत, हद से गुजर जाती है कभी-कभी। ©theABHAYSINGH_BIPIN #fog वो हक जताती है कभी-कभी वो हक जताती है कभी-कभी, प्यार जताती है कभी-कभी। डूब जाओगे गहरी आँखों में, पलके झुकाती है कभी-कभी।
#fog वो हक जताती है कभी-कभी वो हक जताती है कभी-कभी, प्यार जताती है कभी-कभी। डूब जाओगे गहरी आँखों में, पलके झुकाती है कभी-कभी।
read moreRV Chittrangad Mishra
green-leaves Word can change our world. ©RV Chittrangad Mishra दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियां मेरी कभी दिल पर हाथ रखकर पूछना कसूर किसका था
दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो गलतियां मेरी कभी दिल पर हाथ रखकर पूछना कसूर किसका था
read moreJayesh gulati
Unsplash करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में, तेरी ये तस्वीर भी चलती हैं ।। पढ़ता हूँ मैं तस्बीह¹, हर रोज़ तेरे नाम की । सुना हैं, यह दुनियां खुदा के नाम से चलती हैं ।। (read full in caption) ©Jayesh gulati तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
तुम, नहीं जानती ये कैसे चलती हैं । यहां सांसे मेरी, तेरे दीदार से चलती हैं ।। करता हूँ मैं बातें तुम्हारी, खुद से कई दफ़ा । मेरे ख्वाबों में
read moreF M POETRY
Unsplash आप आ जाओ मेरे पास अभी.. दिल ये होगा न फिर उदास कभी.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #दिल ये होगा न फिर उदास कभी....
#दिल ये होगा न फिर उदास कभी....
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
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