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Er. Nishant Saxena "Aahaan"
Lalit Bhasod
सेवा में श्री मान स्वास्थ्य मंत्री महोदय भारत सरकार भारत विषय :-एम्स कोरोनाकोवैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल के वालियंटर के साथ खिलवाड़ करतें एम्स के डाक्टर. महोदय जी सविनय निवेदन यह है कि मैं ललित कुमार निवासी.नबी करीम.गली गुरुद्वारा. पहाड़ गंज.नई दिल्ली निवासी हूँ व अपने विगत के जीवनकाल में अभी तक दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में चौदह बार स्वैच्छिक रक्तदान कर चुका हूँ ( पहली बार मैनें 29 सितंबर 1997 को रक्तदान किया था उस समय सिस्टर सुशीला जी थी राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक में ) व मरणोपरांत देहदान का भी संकल्प लिया हुआ है अभी वैश्विक महामारी कोरोना काल में कोरोना कौवेक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए आवेदन लियें जा रहें थें मैं भी अपने ऊपर मानवता के नातें वैक्सीन का परीक्षण कराने के लिए 1जनवरी 2021 को दिल्ली के एम्स में गया था व पहली परीक्षण की डोज़ मुझें 1जनवरी 2021 को व दूसरी डोज़ 29 जनवरी 2021 को लगीं थी इस बीच एम्स से मेरे स्वास्थ्य को लेकर डाक्टरों के फोन आतें थें व वह स्वास्थ्य के विषय में जानकारी लेतें थे व परेशानी होने पर दवाएं बता देतें थें इस तरहा से फरवरी मार्च बीत गयें पर अप्रैल में मुझे परेशानी होने लगी व बहुत ज्यादा थकान के साथ साथ बुखार व वजन भी घटने लगा तो एम्स में संपर्क करने पर उन्होंने मुझे एम्स बुलाया व मेरा कोरोना टेस्ट करवाया जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई पर बुखार थकान व चलने मे तकलीफ बढ़ती गई फिर से एम्स में संपर्क करनें पर उन्होंने मुझे फिर से एम्स बुलाया व इस बार मेरी कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आई कोरोना कौवेक्सीन का वालियंटर होने के नातें मैने एम्स के डाक्टरों से पूछा कि क्या वह मेरी कोई सहायता कर सकतें हैं इस बिमारी के दौरान कही जरूरत पड़ने पर अस्पताल में दिखाने की व्यवस्था हो सकती हैं तो वहा से मुझें स्पष्ट इंकार कर दिया गया इस दौरान में अपने परिवार के साथ एक 8×10 के मकान में ही रहा यह लोग फालोअप लेतें रहें बस, उसके बाद 15-20 दिन बीत जानें के मैनें एम्स के की डाक्टर श्रैया जी से पूछा कि क्या मुझे कोरोना टैस्ट करवाने की फिर से आवश्यकता है तो उन्होंने इंकार कर दिया कि नहीं अब टैस्ट की जरूरत नहीं है इसके बाद एम्स में मुझे 18 मई 2021 को बुलाया गया व उस दिन फिर से मुझें एक बार वैक्सीन दी गई व दूसरी वैक्सीन 15- जून 2021 को दी गई इसके बाद कोरोना कर्फ्यू हटने के बाद जब मैं बाजार गया तो मेरी सांस चलने पर बहुत फूल रहीं थीं व छाती में लेफ्ट साइड बहुत जोर से दर्द होने लगा इसकी जानकारी मेरे द्वारा फिर से एम्स टीम को दी ( यहा पर इस बात का उल्लेख करना अतिआवश्यक हो जाता हैं कि एम्स टीम ने ही मुझें कहा था कि अगर मैं कोई भी स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी होती हैं तो उनसे तुरंत संपर्क करु इसलिए मैं एम्स टीम से संपर्क करता रहा ) पर इस बार भी विगत की भांति उन्होंने मेरी कोई भी सहायता करने में असर्मथता जता दी मैं खुद ही डा राम मनोहर लोहिया अस्पताल गया व अपना चैकअप करवा कर एम्स टीम को उसकी रिपोर्ट भेजी आज अभी तक की मेरे स्वास्थ्य की स्तिथि यह है कि चलने में मेरी सांस फूलती है छाती में लेफ्ट साइड में कभी हलका तो कभी बहुत तेज दर्द होने के बाद एक वाइवैरेशन सी होती हैं एम्स टीम को इसकी जानकारी दी पर हर बार वह कोई भी सहायता करने में अपनी असर्मथता जताते रहें तो अभी विगत दिनों मेरे द्वारा एम्स टीम से यह पूछे जाने पर की जब आप लोग जब कोई सहायता नहीं कर सकतें हो तो फिर फालोअप किस बात का लेतें हो ..? अगर फालोअप के बाद कोई सहायता नहीं कर सकते हो तो इसका क्या औचित्य रह जाता हैं.? उसके बाद से ही एम्स टीम की डा श्रैया व डा.कीर्ति का व्यवहार बदल गया व कल प्रशन पूछने के कारण से उन्होंने मुझें कोरोना कोवैक्सीन के ट्रायल से ही हटाने का मैसेज कर दिया जो कि मेरी भावनाओं व मेरी मानवीय संवेदनाओं पर कुठाराघात हैं क्या यह पूछना कि फालोअप के बाद कोई सहायता नहीं कर सकते हो तो फिर फालोअप क्यों.? क्या कोई गुनाह है मेरें स्वास्थ्य के साथ जो भी घटित हो रहा है उसके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ पर क्या इस देश के इन डाक्टरों की कोई जवाबदेही नहीं है.? मेरा माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से विनम्र अनुरोध है कि कृपया मेरे साथ हुए इस अन्याय का संज्ञान लिया जायें व मुझे न्याय दिलवाया जायें धन्यवाद सहित प्रार्थीं ©Lalit Bhasod कोरोना कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के वालियंटर के साथ खिलवाड़ करतें एम्स टीम के डाक्टर #OneSeason
Amar Singh
सत्य को सबके लिए समझ पाना, इसलिए भी आसान नहीं होता है, क्योंकि एक तो सत्य की जीत दीर्घकालिक होती है, दूसरे कोई भी(असत्य का पक्ष लेने वाला) खुद को हारते हुए नहीं देखना चाहता है।इसीलिए वह (असत्य का पैरोकार) अविजित सत्य को हराने के लिए तमाम कुतर्को का सहारा लेकर पुरजोर बहस करता है। अमर'अरमान' सत्य अटल हैं अविनाशी है।
सुभाष कुमार
दुःख शिक्षा के लिए होता है, और सुख मानवता के परीक्षण के लिये है। 🙏 श्री राम दुःख शिक्षा के लिए होता है और सुख मानवता के परीक्षण के लिये है। 🙏 श्री राम
DR. LAVKESH GANDHI
गाँधी के शरीर को मारकर बहुत ज्यादा खुश मत हो क्योंकि शरीर मर सकता है लेकिन गाँधी का नाम कभी नहीं मर सकता वह तो था आपादमस्तक वह तो अमर अविनाशी है जितना चाहोगे मारना गाँधी को उतना ही गाँधी होते जाएंगे अविनाशी अमर अविनाशी # गाँधी जिंदा हैं और सदा रहेंगे #