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RaaWi
White सोचो तो जरा तुम किसी के लिए खास होंगे हंसाया होगा किसी शाम जब तुम उदास होंगे ©RaaWi #Couple #RaAwi Sonia Anand
Hidden _shayar21
White I wish i would have allowed my mind to take certain decisions than my heart to. ©Hidden _shayar21 #SAD Sonia Anand Niaz (Harf)
( sister ) पाखी
*तू माने या ना माने मेरे कान्हा* तू माने या ना माने मेरे यारा तू माने या ना माने मेरे कान्हा दिल तेरे बिना नैयो लगदा तू माने या ना माने मेरे कान्हा दिल तेरे बिना नैयो लगदा तुझे छोड के कही नैयो जाना दिल तेरे बिना नैयो लगदा तू माने या ना माने.... अंखिया लड़ी मेरी तुझ से कन्हैया एक भर धर ले तू मेरी बैया तेरे बिना मेरा कोई ना ठिकाना दिल तेरे बिना नैयो लगदा तू माने या ना माने.... मुस्कान तेरी मुझे पागल कर गयी तिरछी नजरिया घायल कर गयी तूने किया मुझे मुझसे बेगाना दिल तेरे बिना नैयो लगदा तू माने या ना माने.... सांसो के तारो में तेरी ही सरगम हर पल नाम तेरा लेती है धड़कन हो तेरा बन गया मै तो दीवाना दिल तेरे बिना नैयो लगदा तू माने या ना माने.... ©sister ( pakhi ) Sonia Anand Muna Uncle ...
Manpreet Gurjar
किसी भूखे से मत पूछो मोहब्बत क्या चीज होती है उसे तो चाँद मैं भी रोटी नज़र आती है | किसी प्यासे से मत पूछो प्यास क्या होती है उसे तो समंदर का खारा पानी भी मीठा नज़र आता है किसी दिलजले से मत पूछो वफ़ा क्या चीज होती है उसे तो हर एक शख्स बेवफा नज़र आता है || किसी सच्चे आशिक़ से मत पूछो दिल्लगी क्या होती है उसने तो दिल लगाने की सजा पाई होती है.| ©Manpreet Gurjar #lakeview Dheeraj Bakshi Rupali @Hardik Mahajan Ganesha•~• Sircastic Saurabh Anshu writer
HintsOfHeart.
Manpreet Gurjar
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था । जिसके नीचे खेले वो, पीपल की छाँव ही बचपन था। कभी झील सा मौन कभी, लहरों सा तूफानी बचपन, कभी - कभी था शिष्ट कभी, करता था मनमानी बचपन। गिल्ली-डंडा, दौड़-पकड़, खोखो के खेल निराले थे, साथ मेरे जो खेले मेरे, यार बड़े मतवाले थे। जिसे छुपाते थे माता से, ऐसा घाव ही बचपन था । नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज़ की नाव ही बचपन था। पापा के उन कंधों की तो, बात ही थी कुछ खास। बैठ कभी जिन पर यारों, हम छूते थे आकाश । मां की रोटी के आगे सब, फीके थे पकवान । सचमुच मेरा बचपन था, इस यौवन से धनवान। जाति, धर्म के भेद बिना का, प्रेम भाव ही बचपन था। नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज़ की नाव ही बचपन था। बीत गया ये बचपन भी, यौवन भी हुआ अचेत, हाथों से फिसली जाती है, जैसे कोई रेत। बचपन का वो दौर जिगर, फिर ला सकता है कौन, बचपन की यादों में खोकर, हो जाता हूं मौन। गाय, खेत, खलिहानों वाला, अपना गाँव ही बचपन था, नन्हे - मुन्ने हाथों में कागज़ की नाव ही बचपन था । ©Manpreet Gurjar #bachpan Anshu writer Munni Bhawna Sagar Batra Dheeraj Bakshi Nidhi rajput
RaaWi
BeHappy Ham yun Teri huzuri krte hai Ye Suraj or Chand jalte hai Teri muskurahato se asma se Tere lie Tare gira karte hai ©RaaWi #beHappy Sonia Anand