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Anjali Singhal
promise day quotes in Hindi "ये पल मेरा फिर ख़ास हो रहा है, आस-पास तेरा एहसास हो रहा है। तेरी मेरी कहानी सदियों पुरानी, हर वादा हर साँस हो रहा है।।" ©Anjali Singhal "ये पल मेरा फिर ख़ास हो रहा है, आस-पास तेरा एहसास हो रहा है। तेरी मेरी कहानी सदियों पुरानी, हर वादा हर साँस हो रहा है।।" #AnjaliSinghal #n
"ये पल मेरा फिर ख़ास हो रहा है, आस-पास तेरा एहसास हो रहा है। तेरी मेरी कहानी सदियों पुरानी, हर वादा हर साँस हो रहा है।।" #AnjaliSinghal n
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White इंसानी जिस्मों में कई फसाद देखे है, घर में रंजिश रखके रहते हुए कई अफराद देखे है... #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status इंसानी जिस्मों में कई फसाद देखे है,घर में रंजिश रखके रहते हुए कई अफराद देखे है...#Shamawritesbebaak #nojoto #life #like #live #l
#Sad_Status इंसानी जिस्मों में कई फसाद देखे है,घर में रंजिश रखके रहते हुए कई अफराद देखे है...#shamawritesBebaak nojoto life #Like #Live l
read morevksrivastav
White हमें तो हर पुरानी चीज़ अच्छी लगती है नए सामानों में वो बात कहां पुराने प्यार का ख़ुमार उतरता ही नही नए अरमानों में वो बात कहां ©Vk srivastav हमें तो हर पुरानी चीज़ अच्छी लगती है #Shayari #Love #Poetry #SAD #Quotes #vksrivastav
हमें तो हर पुरानी चीज़ अच्छी लगती है Shayari Love Poetry #SAD #Quotes #vksrivastav
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
Unsplash बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में आज वो पुरानी किताब हमे नजर आ गई ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Book बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में आज वो पुरानी किताब हमे नजर
#Book बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में आज वो पुरानी किताब हमे नजर
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreNarayan Nirmlakar
बदलते दौर में हमारी पुरानी यादें यादगार रहेगी जैसे हमारा रिश्ता कल था वैसे हि आज रहेगी
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