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theABHAYSINGH_BIPIN
वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ, वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं। क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर, इशारे में थामो, उड़ान बदलती है। क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से, वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं। क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो, वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं। हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं, हर रिश्ते में वो तड़प रहती है। क्यों हो इतना भी बेकरार तुम, वक्त पर ही नींद सुकून की आती है। जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता, वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है। क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो, वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है। नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों, वक्त पर ही दवा मिलती है। दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ, वक्त पर ही अपने मिलते हैं। क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया, वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं। क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए, वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है। छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे, वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं। वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है, वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
बाजार कोई कमाता है धन आकर कोई यहाँ गंवाता नहीं जेब में फूटी कौड़ी तो आकर ललचाता मोल भाव है आम यहाँ पर हैं क्रेता विक्रेता घर जाता है लुटकर कोई बनकर कोई विजेता यही पेट भरता है सबका सुख सुविधा है देता गुणवत्ता जैसी होती है वैसी कीमत लेता बेखुद क्रय विक्रय का नाता आपस में है गहरा ठग लेती बाजार प्यार से कोई अनाड़ी ठहरा ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #बाजार
Shivkumar barman
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी उन ख़ामोशी से अदा हो रस्म- ए - दूरी मे हम बे वजह लड़ कर कोई हंगामा ही क्यो करे !! ये काफ़ी है कि हम आपका दुश्मन दुश्मन नहीं है !! तो हम वो वफ़ादारी का दावा ही क्यों करे !! कहे कलम सूर्य की तुम हमारी ही ग़ज़ल का इंतज़ार क्यो ही करे !! हम तुम्हारी उस कहानी का हिस्सा ही क्यो बने !! तुम हमारी ही तम्मना क्यों ही करोगे ? और हम तुम्हारी ही तमन्ना क्यों ही करे ? !! हमारी दुनिया की परवाह नहीं है तो हम भी दुनिया की परवाह ही क्यों करे !! ©Shivkumar barman !! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया #रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु #बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
read moreAshutosh Mishra
#shayarana #हिंदीनोजोटो #हिंदी_शायरी #हिंदी_कोट्स_शायरी #रिश्ते #निभाते #दिमाग #आखरी_सांस #बाजार #आशुतोषमिश्रा irslan khan Ravi Ranjan Kuma
read moreSarfaraj idrishi
परवाह ना कर तमाशे होते रहेंगे ताउम्र, तू ये ख्याल रख कि किरदार बेदाग रहे | ©Sarfaraj idrishi #rays परवाह ना कर तमाशे होते रहेंगे ताउम्र, तू ये ख्याल रख कि किरदार बेदाग रहे |🤍 Islam pinky masrani Manas shandilya Anupriya Sarfraz Ah
#rays परवाह ना कर तमाशे होते रहेंगे ताउम्र, तू ये ख्याल रख कि किरदार बेदाग रहे |🤍 Islam pinky masrani Manas shandilya Anupriya Sarfraz Ah
read moreSonam kuril
White ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार, मनोरंजन के नाम पर खुल गया , फुहड़ता, अपशब्द और बेशर्मी का बाजार, किस्म-किस्म के किरदार है, कोई सुनाता दुःखड़े अपने , कोई हँसता झूठी मुस्कान, कोई बना ज्ञान का सागर, कोई करता भोग-विलास, फैशन के नाम पर कम होते कपड़े, क्या खुला है अध-नग्नता का बाजार, फूहड़ गाने, अश्लील डांस, क्या लगता नहीं मुजरा बाजार, दुःख और पीड़ा इस बात की भारत में हो रहा अशिक्षा ,अज्ञानता का प्रचार, बच्चे क्या, बूढ़े क्या,सब है इसके गुलाम, ये मेरे अपने विचार है, जिन्हे लगता सत्य वो भी जरा विचार करे , क्या यूँ ही फलती-फूलती रहेगी ये रील्स की दुनियां , फिर सोचिये एक दिन ये दुकान हर घर में खुलेगी, सोचिये क्या होगा भविष्य नयी पीढ़ी का, क्या बन पाएंगे विश्व गुरु या वो भी.....| ©Sonam kuril #Sad_Status #reelskiduniya ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार
#Sad_Status #reelskiduniya ये रील्स वालों की दुनियां, एक रंगमंच, एक व्यापार, वास्तविक कुछ नहीं, जो दिखता सब व्यापार, ना मर्यादा, ना संस्कार
read moreबेजुबान शायर shivkumar
इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar " #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया