Find the Latest Status about पसंदीदा रंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पसंदीदा रंग.
Richa Sinha
Ajay p.bhartiya
जब भी मैं तेरी यादों के सफ़र पर निकलता हूं तो याद आता है - तेरी लिपस्टिक का पसंदीदा रंग जो मुझे भी बहुत प्यारा था जो तूने कितने ही फूलों के रंगों का कत्ल कर होठों पे उतारा था मैं चाहता हूं उन होठों से कह दे तू दिल में तेरे जो भी बात हो मैं चाहता हूं तू बोले मैं सुनता रहूं फिर दिन निकले या चाहे रात हो । ©Ajay p.bhartiya जब भी मैं तेरी यादों के सफ़र पर निकलता हूं तो याद आता है - तेरी लिपस्टिक का पसंदीदा रंग जो मुझे भी बहुत प्यारा था जो तूने कितने ही फूलों के
Insprational Qoute
मनोभाव से उत्पन दौलत की पौध रोप दो, सर्वग्राही सदाचार की यह दौलत सौंप दो, न रहे कोई अधूरा इस अमूल्य धरोहर से, भावीपीढ़ी को यह अनमोल ज्ञान रोज़ दो, न आने पाये कोई भी आँच इस संसार पर, ऐसा मनमुटाव का ख़ंजर भीत में घोंप दो, सराहना करे सृष्टि की वह देवलोक भी, हृदय उद्वेलित हो जाये ऐसी सु-सोच दो। नवीनता से लबरेज़ नवाचारिता हो जाये, जग में अद्वितीय अविष्कार की खोज दो। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में
Writer1
दौलत पाकर मोहब्बत की जाने क्यों ,दिल उदास है दे कुछ दवा । इफ़्फ़ात-ए-रूह मेरी,हम मुकद्दस हुये पाकर तेरी बुनियाद-ए-वफ़ा ।। लम्हा - लम्हा तन्हाई मेरी , प्यार भरे नग़्मे फ़िर गाने लगी । फ़िज़ायें भी तेरी मौजुदगी का,अहसास जतायें ऐ जान-ए-वफ़ा ।। मुकम्मल जहाँ की आरज़ू नहीं, बस परस्तिश करूँ मैं तेरी। काबिज़ कर रहा है मेरी रूह को,तेरा ये चेहरा -ए - नूर-ए-ख़ुदा।। तू ग़ज़ल मेरी मैं कातिब तेरा,मेरे हर्फ़ों में भी ज़िक़्र सनम तेरा। हक-ए-बंदगी हम अदा कर चले,अय मेरी हुस्न -ए -जाविदां।। इज़्तिराब -ए-गिरदाब हुआ था , मौज - ए -रवानी दे मुझे । एहसास- ए -तस्कीन सजाया है ,उनसे सेहर -ए - वफ़ा ।। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
आए हो जहाँ में तो, बस अपना कर्म करते जाना है, क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है। क्यों करते हैं लोग यहाँ, जो कर्म नहीं इंसानों का, दिन भर जपे ईश्वर का नाम, काम करे हैवानों का, आज नहीं तो कल जाकर, बाबुल को मुँह दिखाना है, क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है। तौबा कर ले तू गुनाह से, कुछ ना साथ तेरे जाएगा, ये दौलतों का ताजमहल ही, कब्र तेरा बन जाएगा, चार दिनों की ज़िन्दगी है, फिर पंछी बन उड़ जाना है, क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में
DR. SANJU TRIPATHI
वो हसीन लम्हें, आज भी याद आ-आकर मुझको तेरे प्यार का दीवाना बनाते हैं। रोज रात को चुपके से आँखों की पलकों में समां कर, मेरी बेकरारी बढ़ाते रहते हैं। कभी तड़पाते हैं, कभी रुलाते हैं और कभी तन्हाइयों में महफिलें सजाते रहते हैं। तुमसे नजरें मिलाना, मिला कर खुद को भूल जाना अब हसीन ख्वाब से लगते हैं। इख्लास पर इख्तियार नहीं होता कोई, तनहाई में तुम्हारा ख्याल ही बुनते रहते हैं। तेरी चाहत के सदके में सर झुकाया है हमने, हम आज भी तेरा ही इंतजार करते हैं। तेरी मुस्कुराहट की दौलत से सारे जख्म दूर होकर, खुशियों के नूर से जगमगाते हैं। तुम्हारी खुशबू से हर पल अपनी साँसो को महकाकर, बस तुममें ही खोये रहते हैं। वह हसीन लम्हें, हमसाया बनकर "एक सोच" के साथ हरपल- हरकदम चलते हैं। रज़ा-ए-ख़ुदा गर हो जाए तो, जीस्त में फिर उन्हीं लम्हों को जीने की चाह रखते हैं। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो, हाँ आ जाता है कभी कभी तुम्हारा ख्याल, जब कभी मैं अपनी टाई नही बांध पाता हूँ, जब किसी लड़की को बेबाक बात करते देखता हूँ, जब मुझे नोटस की जरूरत पडती है, जब रात में छत पर सिर्फ सर्द हवाएं चलती है, हाँ आ जाता है मुझे कभी कभी तुम्हारा ख्याल, जब कोई मुझे "अरे यार" कहकर बुलाता है, जब कोई मुझे अपनी पसंदीदा रंग बताता है, जब कोई मुझसे तेरा हाल पूछता है, और कैसा चल रहा है तुम्हारा ये सवाल पूछता हौ हाँ तब आता है मुझे तुम्हारा ख्याल , वैसे मन में हर रोज यही प्रश्न उठता है, आखिर वो कौन सा रिश्ता है तुमसे मेरा, जिसके लिए मैंने, शब्दों को प्रेम करना सिखाया, जिसके लिए मैंने रातो को रात भर जगाया, जिसके लिए आँसुओ ने मेरी आँखों से संबंध बनाये, जिसके लिए मैंने कई बार खुद को आईने में निहारा, जिसके लिए मैंने कई बेनाम ख़त लिखे, जिसके लिए हम हमेशा पहली सफ़ में थे खड़े, अगर तुम्हें इल्म हो तो हमें भी खबर करना.... ..... #जलज राठौर सुनो, हाँ आ जाता है कभी कभी तुम्हारा ख्याल, जब कभी मैं अपनी टाई नही बांध पाता हूँ, जब किसी लड़की को बेबाक बात करते देखता हूँ, जब मुझे नोट
Prerit Modi सफ़र
अहद-ए-आगाज़-ए-तमन्ना में बेशकीमती है ये दौलत खरीद लूँगा ग़म सारे है मेरे पास खुशियों की दौलत बा-वफ़ा हुए हैं बहुत यहाँ मुहब्बत की गलियों में बेवफ़ाई करूँगा ख़ुद से, है मेरे पास ग़मों की दौलत शोर-ए-रुस्वाई-ए-दिल ने तोड़ा है मुझे ज़ार ज़ार लबरेज़ हूँ अब मिल गयी है मुझ को ग़मो की सोहबत राएगाँ हो रही है ज़ीस्त की साँसे अब तो जीना नहीं है बेएहतियातों ने तेरी लगाई हैं मुझपर बेहिसाब तोहमत चलते चलते रेगज़ार जमीं पर थक गया है 'सफ़र' रमक़ छोड़ रही हैं साँसे, अब तो नहीं काम की दौलत अहद-ए-आगाज़-ए-तमन्ना- beginning of era of desires बा-वफ़ा- honest शोर-ए-रुस्वाई-ए-दिल- sound of humiliation of heart राएगाँ- wasted रेगज़ार- d
Divyanshi Bairwa....
हाँ हम बदल जाती हैं। अकसर जब उस एक इंसान की बातों का अलग एहसास होने लगता है। जब पता लगने लगता है कि "वो" इन अंजान लोगों की भीड़ का हिस्सा नही है या सिर्फ़ किसी कहानी का किस्सा नही है। हम बदल जाती हैं। (Full piece in caption) हाँ हम बदल जाती हैं। अकसर जब उस एक इंसान की बातों का अलग एहसास होने लगता है। जब पता लगने लगता है कि "वो" इन अंजान लोगों की भीड़ का हिस्सा नह
jagruti vagh
डरावनी प्रेमिका (read in caption) सनी और उसके दोस्त रात को बहुत पिकर नशे में डूबे हुए थे | वो सारे केे सारे सनी केे घर उसके जन्मदिन की पार्टी कर रहे थे | उनके आगे सारी दुनिय