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Anuradha T Gautam 6280
सारे सपने कांच की तरह बिखरे मिले मोहब्बत करने वालों के चेहरे उतरे मिले सारे इल्जाम वक्त पर लगा देना ठीक नहीं गौर करो साजिश में कुछ अपने म #शायरी #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१ मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही दूँ, मगर मुझसे हरगिज ये हद पार नहीं होता//२ मुझे उसके घडीयली अश्कों पे एतमाद नहीं होता,वो अब कितना भी यकी दिलाएं मगर एतबार नहीं होता//३ जो करता था फोन,और सन्देश,अब नहीं करता वो रिश्ता आगे चलाने को बेकरार नहीं होता//४ मै चक्रवृद्धि ब्याज का मारा उसे कर्ज कहां से देता,वो मेरी इस कशमकश को समझने मे तैयार नहीं होता//५ अलगाव का जिसने भी किया हीला,जरूर उसे मजबूर किया होगा,वरना अपनो से ऐसे कोई गद्दार नही होता//६ वो जिससे जब भी मिला चंद रोज़ उसका ही रहा, के"शमा" ऐसा शख्स किसी का सच्चा यार नही होता//७ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #milan_night अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१ मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही
#milan_night अक्सर होता है ऐसा,मगर हरबार नहीं होता,दिल से उतरे लोगो का मुझसे मान मनुहार नहीं होता//१ मन करता है ऐसे लोगो के गाल पे दो रख ही #Live #shyari #rishte #urduadab #shamawritesBebaak
read moreManya Parmar
एक कमाने का काम लिया हाथ में उसमे भी खरे नहीं उतरे तुम। बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया #Quotes
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White फूल खिलते हैं बिखर जाते हैं, रंग चढ़ते हैं कि उतर जाते हैं.. जो चल पड़े उजालों में उनकी क्या फ़िक्र जो निकले हैं अंधेरों में, वो किधर जाते हैं ? लाख मुश्किलें ही सही मुस्करा देते हैं, और वो कहते हैं हम बिफर जाते हैं..... उड़ते बादल, सर्द हवाएँ, बदलता मौसम यहीं हैं जो अब फकत नज़र आते हैं.. कहने को उस मोड़ पर घर है उसका पर देखे उसे जमाने गुज़र जाते हैं.. सुना है आज़ भी बला की खूबसूरत है वो कोई देख ले तो कदम ठहर जाते हैं.. बैचैन हूं पर जाता नहीं उसकी चौखट पर कभी एक मर्तबा उसने कहा था, बेकार यूँ ही चले आते हैं... तुम मिलो कभी तो हाल उसका मुझे सुनाना, सुना है वो अब मिलने की वज़ह चाहते हैं... अब जो निकल आयें हैं उन गलियों से, तो मुड़ना कैसा उनसे कहना कि मिलने के मौसम गुज़र जाते हैं.. उतरे हैं किसी के जहन में हम भी बेइंतहा, पर हमारी नजरों में वो कहाँ बसर आते हैं.. ज़रा ठहरो, इश्क़ का जुनूँ जो ढल जाने दो, फिर देखो ये रिश्ते किधर जाते हैं.. जो चल पडे उजालों में उनकी क्या फ़िक्र ©Shivkumar #flowers #Flower #FlowerBeauty #Nojoto #nojotohindi #kavita #फूल खिलते हैं बिखर जाते हैं, #रंग चढ़ते हैं कि उतर जाते हैं..
#flowers #Flower #FlowerBeauty #nojotohindi #kavita #फूल खिलते हैं बिखर जाते हैं, #रंग चढ़ते हैं कि उतर जाते हैं.. #मौसम #मुस्कराहट
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , #कविता
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