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Mahesh Patel
White सहेली... गलती होने पर झुकना और क्रोध आने पर रुकना.. बहुत सी समस्याऔं को जन्म लेने से रोक देता है... लाला... ©Mahesh Patel सहेली...गलती ... लाला...
सहेली...गलती ... लाला... #Shayari
read more- Gajendra Sharma
White केवल गलती को स्वीकारना ही गलती को सुधारना नही होता ,बल्कि गलती को सुधारने की इच्छा रखना ही गलती की स्वीकारिता है । ©- Gajendra Sharma #गलती #स्वीकारिता
Shakti Kumar
शीशा और रिश्ता दोनों ही बड़े नाजुक होते है, दोनों में बस एक ही फर्क होता है, शीशा गलती से टूटता है और रिश्ता ग़लतफ़हमियों से !! 😌💕❤ ©Shakti Kumar शीशा और रिश्ता दोनों ही बड़े नाजुक होते है, दोनों में बस एक ही फर्क होता है, शीशा गलती से टूटता है और रिश्ता ग़लतफ़हमियों से !!💕❤😌 #happypro
शीशा और रिश्ता दोनों ही बड़े नाजुक होते है, दोनों में बस एक ही फर्क होता है, शीशा गलती से टूटता है और रिश्ता ग़लतफ़हमियों से !!💕❤😌 happypro #Emotional #शायरी #shyari #happypromiseday #L♥️ve #S_motivational_speech
read moreMadhu Singh
मेरी प्यारी सासु मां... एक मां जिसने पति खोकर संपत्ति खोकर बड़े संघर्ष से ना घर परिवार बच्चों को संभाला.. लेकिन एक सांस को खुश कर पाना मेरे #विचार
read moreSarkaR
White केहते है इंसान अपनी गलती को गलती नहीं बल्कि कोशिश मानता है, दूसरे की कोशिश को अपराध। दूसरो को गलत मत ठहराए, क्योंकि जब आप उस हालत में होंगे, तब आपको कोई गलत कहे सही नहीं लगेगा। ©SarkaR #गलती
Lotus Mali
किसी ने आकर दिल पर दस्तक दी या हमने गलती से दरवाजा ही खुला रखा था... जिस डर से आज तक खिड़की भी ना खोली थी कभी पर उस दिल में हमारे कोई अब घर करके बस गया....! https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali किसी ने आकर दिल पर दस्तक दी या हमने गलती से दरवाजा ही खुला रखा था... जिस डर से आज तक खिड़की भी ना खोली थी कभी पर उस दिल में हमारे कोई अब
किसी ने आकर दिल पर दस्तक दी या हमने गलती से दरवाजा ही खुला रखा था... जिस डर से आज तक खिड़की भी ना खोली थी कभी पर उस दिल में हमारे कोई अब #Shayari
read moreRohit Lala
एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे कहीं भी कुछ खाने को नहीं मिला. काफी देर भटकने के बाद उसे एक अंगूर का बगीचा दिखाई दिया. वह बगीचे में घुसी ताकि कुछ अंगूर खा सके. लेकिन बगीचा ऊंची दीवार से घिरा हुआ था. लोमड़ी बहुत कोशिश की पर दीवार कूद ना सकी. निराश होकर बैठने ही वाली थी कि उसे एक विचार आया. उसने सोचा कि वह बाग के रखवाले को बरगलाकर अंगूर प्राप्त कर लेगी. इसी सोच के साथ लोमड़ी बाग के बाहर जोर जोर से रोने लगी. रखवाले ने आवाज सुनी और बाहर निकल कर देखा. उसने लोमड़ी को रोते हुए देखा तो पूछा कि उसे क्या हुआ है. लोमड़ी ने कहा कि उसे बहुत प्यास लगी है और वह इसी बगीचे में लगे हुए मीठे अंगूरों का रस पीना चाहती है. रखवाला लोमड़ी की बातों में धोखा खा गया. वह यह नहीं समझ पाया कि लोमड़ी चालाकी से उसे बगीचे के अंदर जाने का मौका दिलाने के लिए यह सब कह रही है. वह दीवार का दरवाजा खोलकर लोमड़ी को अंदर ले गया. लोमड़ी अंगूर के बगीचे के अंदर गई और उसने खूब सारे अंगूर खाए. फिर वहां से निकलने का समय आया. जाने से पहले उसने रखवाले को धन्यवाद दिया और कहा कि ये अंगूर बहुत खट्टे हैं. यह सुनकर रखवाला चौंक गया. उसने सोचा कि शायद लोमड़ी की गलती से मीठे अंगूरों की जगह खट्टे अंगूर खा लिए. वह लोमड़ी की बातों में फिर से आ गया और यह देखने के लिए बगीचे के अंदर गया कि असल में अंगूर मीठे हैं या खट्टे. लोमड़ी इसी मौके की ताक में थी. जैसे ही रखवाला अंदर गया लोमड़ी ने दौड़ लगा दी और जंगल की तरफ भाग गई. रखवाला समझ गया कि लोमड़ी ने उसे धोखा दिया है. वह गुस्से से भरा हुआ था लेकिन कर भी कुछ नहीं सकता था. ©Rohit Lala एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे
एक जंगल में एक चतुर लोमड़ी रहती थी। वह कभी हार नहीं मानती थी और हमेशा किसी न किसी चाल से अपना शिकार पा लेती थी. एक दिन उसे बहुत भूख लगी. उसे #Motivational
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