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Lawsacerdos
मोहब्बत थी तो चल दिया दीदार करने अंजाम बुरा भी हो सकता है बिना ये सोचे और समझे मिलता उससे पर पहले उसके भारी तूफान आ गया करता है तू क्या पैग़ाम कुदरत से मैं पा गया नहीं था मुमकिन मिलन उसका और मेरा वो थी खास उच्च वर्ग मैं नहीं सुनकर हो गया नया मेरा सवेरा यूं तो जात नहीं कोई इश्क़ की मगर समाज क्या कहेगा का सवाल पड़ेगा भारी उसपर मुझे यह विश्वास अटूट सिद्ध हो गया मोहब्बत की जात
Manmanth Das
अंधेरे को कोसने से बेहतर था शमा रौशन किया जाए जात अगर आदमी की है तो फिर हर आदमी के वास्ते जिया जाए आदमी की जात
Ashu___
जात पात की दुनियां चल ना कहीं दूर चलते है इस जात पात की दुनिया से बहुत दूर जहां तुम और मैं और ये हसीं वादियां हों...! #जात पात की दुनिया
"Kumar शायर"
जात पात की राजनीती करता इस देश का हर एक एक नेता है, जीतने दोगले इस देश के ये नेता है, उतनी ही दोगली इस देश की जनता है, देख दृश्य ऐसा डर हमको अब लगता है, ना जाने कैसा होगा भविष्य जब वर्तमान में ही इतना खतरा है, खुदखुशी करता जब एक राजपूत है, तब उसकी याद में एक फिल्म सिटी बनता है, रोता है उस बेटी का परिवार फुट फुट कर, शव उसका जब आधी रात में, खेतो में जबरन जलता है, ✍️.✍️.✍️ "Written:- By @ Umesh Kumar" ©Umesh kumar #जात पात की राजनीती
Alpesh Gautam
ishq ki koi jaat nahi hoti ©Alpesh Gautam इश्क की कोई जात नहीं होती
Vibhan tyagi
युही नहीं बंदगी रखता हु इंसान वाली जात से, बड़ा इम्तेहान लेती है ये दो पैरो पर चलने वाली बिरादरी जात
Priya Tambde
जातीच्या जात्यात कसा माणूस भरडतो... आणि अचानक माणुसकीला रंग जातीचा चढतो.......!! चार खुंटे मिळून लाखोंना भडकावून.... एकविसाव्या शतकात आपण कुठे पडलोय अडकून........!!! रोज का नाही आठवत जात जाता जाता बाजारात...... मित्र निवडताना कुठल्या जातीच्या हजारात......!! रक्तदान करताना पाहिली का जात कुणाची.... रक्त चढवताना पाहिली का जात रक्ताची........!!! जातपात पाहिली का कधी चंद्र सूर्य आणि ताऱ्याने...... श्वास कधी जातीधर्माचा ठरविला का वाऱ्याने........!!! घास कधी विचारतो का भुकेला तिची जात.... पाण्याने कधी पाहिली का तहानलेल्याची जात.......!!! प्रिया तांबडे १९-०९-२०१९ जात
Priya Tambde
जातीच्या जात्यात कसा माणूस भरडतो... आणि अचानक माणुसकीला रंग जातीचा चढतो.......!! चार खुंटे मिळून लाखोंना भडकावून.... एकविसाव्या शतकात आपण कुठे पडलोय अडकून........!!! रोज का नाही आठवत जात जाता जाता बाजारात...... मित्र निवडताना कुठल्या जातीच्या हजारात......!! रक्तदान करताना पाहिली का जात कुणाची.... रक्त चढवताना पाहिली का जात रक्ताची........!!! जातपात पाहिली का कधी चंद्र सूर्य आणि ताऱ्याने...... श्वास कधी जातीधर्माचा ठरविला का वाऱ्याने........!!! घास कधी विचारतो का भुकेला तिची जात.... पाण्याने कधी पाहिली का तहानलेल्याची जात.......!!! प्रिया तांबडे १९-०९-२०१९ जात