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Dayal "दीप, Goswami..

#शब्दार्थ का फेर@@

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कुछ शब्दों की समझ का फेर था,जी का जंजाल बन गया
जिंदगी में बहुत कुछ हासिल किया  कैसे कंगाल बन गया
खोजा शकून  गली गली ,ना जाने कैसे बवाल मच गया,
जिंदगी की तलाश में, जिंदगी का ही  ये सवाल बन गया।*******************
अपने ही शब्दों की खातिर हम ने खुद को  रोक लिया
जिंदगी के एक  अध्याय को हमने   यहीं खत्म, किया
अधूरी ख्वाइश,जिंदगी की अधूरी कहानी बनकर रह गई
लफ्ज़ खामोश ,शब्द खामोश, यहीं अब जिंदगी  बन गई।
,,दीप,,
, #शब्दार्थ का फेर@@

Aftab Alan

#uskaintezaar किस्सा गोई #विचार

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Rani Ashish Thakur

शब्दार्थ।।। #विचार

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somnath gawade

भांडणातले 'शब्द' जरी माझे असले;
तरी त्या शब्दांना 'अर्थ' तुला हवे तसे होते. #शब्दार्थ

Thakur Pranjal Singh

मै कविता का वो अर्थ हूं!
जिसके शब्द तुम हो। #शब्दार्थ #कविता #प्यार #nojoto

Asheesh indian

शब्दार्थ, आशीष :-(यानी जैसे को तैसा) #Foggy

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न किसी के लिए शेष, न किसी के लिए विशेष
इस मोह भरी दुनिया में बनकर रहो आशीष

©Asheesh indian शब्दार्थ,
 आशीष :-(यानी जैसे को तैसा)
#Foggy

Nasamajh

शब्दार्थ :- तारिकी - अंधेरा इसरार - आग्रह , हठ सहर - सुबह

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वो सख़ी है तो किसी रोज़ बुला कर ले जाएं और 
मुझे वस्ल के आदाब सिखा कर ले जाएं !!

मेरे अंदर किसी अफ़सोस की तारीकी हैं
इस अँधेरे में कोई आग जला कर लें जाएं !!

यें मेरी रूह में निंद की थकन कैसी हैं
वो समंदर की तरह आए बहा कर ले जाएं !!

हिज्र में जिस्म के इसरार कहाँ खुलते हैं
अब वहींं सहर करें प्यार से आ कर लें जाएं !!

ख़ाक आँखों में है वो ख़्वाब कहाँ मिलता है
जो मुझे क़ैद-ए-मनाज़िर से रिहा कर लें जाए ।। शब्दार्थ :- 
तारिकी - अंधेरा 
इसरार - आग्रह , हठ
सहर - सुबह

निश्चय सिंह "समग्र"

शब्दार्थ~ अलि- भवँरा, आली- सखी/तुम #सुनसान_रात #तेरी_चंचलता #nojotophoto

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 शब्दार्थ~ अलि- भवँरा, आली- सखी/तुम
#सुनसान_रात #तेरी_चंचलता

Asheesh indian

#KabirJayanti शब्दार्थ:- तबहुं:- तब भी , अपहुँ:- अपनों का /अपनों से , गैरन:- पराए, अपनन कौ:- अपनों को #Poetry

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कबीरा गए मक्का, मदीना, गए मंदिर , पीर मजार 
तबहुं न धो सके मैल मन का, रहे बिजार के बिजार
मन मैल के चक्कर में , तू अपहुँ को सर फोडेगौ
मैल न धो पायो मन को, तू अपहुं से रिश्ता तोड़ेगौ
अपहु से रिश्ता तोड़ेगो, तू गैरन से रिश्ता जोड़ेगौ
जो तू गैरान से रिश्ता जोड़ेगौ, अपनन कौ बीच राह में छोड़ेगौ
 जो तू अपनन कौ बीच राह में छोड़ेगौ, फिर कौन से रिश्ता जोड़ेगौ..?

©Asheesh indian #KabirJayanti शब्दार्थ:- तबहुं:- तब भी , अपहुँ:- अपनों का /अपनों से , गैरन:- पराए, अपनन कौ:- अपनों को

Harshita Dawar

life #lifequotes #RESPECT #yqbaba #yqdidi #yqdada Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat साफ़ गोई है जिसकी ज़िन्दगी किताबों में ना तलाशना उनको

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Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
साफ़ गोई है जिसकी ज़िन्दगी
किताबों में ना तलाशना उनको
उनका चेहरा ही आइना होता है

गोई-स्पष्ट #life #lifequotes #respect #yqbaba #yqdidi #yqdada 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
साफ़ गोई है जिसकी ज़िन्दगी
किताबों में ना तलाशना उनको
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