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Md gulam Rasul
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर चल रही इन reels को देखकर अहसास हो रहा है कि आखिर क्यों हमारे बजुर्गों ने औरत को पर्दे में रखा था.... अरे ये माँस के लोथड़े हैं जो पुरुषों को कम और स्त्री को थोड़े ज्यादा दे दिए गए हैं। नीचता कि इतनी हद कि तुम चंद likes और views पाने के लिए कभी वक्षस्थलों और नितंबों को हिला रही हो तो कभी जांघों को खोलकर अपने जननांग की तरफ भद्दा इशारा कर रही हो.... तुम्हारी इन reels को देखकर कुछ युवा उन reels को तुम्हारे व्यक्तित्व के साथ जोड़ कर देखने लगते हैं जिसके चलते कई बार तुम्हारे साथ दुराचार हो जाता है । और फिर किसी टेलीविजन चैनल पर उस मुद्दे पर चर्चा में कुछ तथाकथित नारी संरक्षण संस्थाएं समस्त पुरुष जाति की मानसिकता और चरित्र को लेकर उल जलूल शब्दावली का इस्तेमाल करती हैं तो यकीन मानिए हम अपनी ही लाड़ी और बेटी के सामने खुद को उस गुनाह के लिए शर्मिंदा महसूस करते हैं जो हमने किया ही नहीं...... चलो ठीक है...आपने कैसे कपड़े पहनने हैं हमें इससे कोई वास्ता नहीं लेकिन अमार्धनग्न वस्त्र आप अपने वक्षस्थलों और नितंबों को हिला-हिला कर reels डालोगे तो हमें आपत्ति है क्योंकि यदा-कदा हमारा फोन हमारे बच्चों के पास भी होता है और आपकी इन कामुक reels से उनके दिमाग पर नकरात्मक प्रभाव पड़ सकता है ..... मुझे उम्मीद नहीं है कि चन्द औरतों की इन हरकतों के कारण हो रहे समस्त नारी जाति के अपमान को रोकने के लिए भी कोई नारी संरक्षण संस्था मुहिम छेड़ेगी.. ©Md gulam Rasul #TeriMaKiJaiMeriMaaKiViru #Chut
#TeriMaKiJaiMeriMaaKiViru #Chut #कॉमेडी
read moreNik JAT
शांत झील का कंचन पानी, कितनी प्यारी थी, मेरी नानी...!😒 मंद - मंद मुस्कान थी जिसकी, बच्चों में ही जान थी जिसकी...!!😔 मेरी मां की प्यारी मां थी, और हम सब की वो नानी मां थी...!!!🙏 🙏ओम शांति 🙏 ©Nik JAT #nani
Dr. Bhagwan Sahay Meena
White शीर्षक - दादी नानी दादी नानी की बरगद सी छांव में। बच्चे सीखते ज्ञान बैठकर पांव में। प्रज्वलित दीप की स्वर्णिम चमक, आलोकित बिखर रही आंगन में। द्वय शेर शावक से सुकुमार बाल, यूं एकाग्रचित्त ध्यान मग्न कथा में। कब कैसे तोड़े है विकट चक्रव्यूह, और क्या करें उग्र ज्वालामुखी में। जगत में उलझन भरी पगडंडियों, पर चले दुर्गम पथों के छलाव में। संस्कृति, संस्कार, सीख, सभ्यता, समझ लो फर्क शहर और गांव में। धर्म अर्थ काम मोक्ष की परिभाषा, सारे गुण कर्तव्यनिष्ठ पुरूषार्थ में। सुनते सार गर्भित कथा कहानियां, सहायक सुदृढ़ चरित्र निर्माण में। मन वचन कर्म से नर अवधूत बने, धर्म समाहित मां के सच्चे ज्ञान में। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा,जयपुर,राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #City Dadi Nani