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Parasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read moreSatish Kumar Meena
White ये बादल!तुम यूं ही ना, अपने जाम छलकाया करो। महफिल जमने में देर है,, वक्त का अंदाजा लगाया करो।। 🌨️🌨️🌨️🌨️🌨️ ©Satish Kumar Meena ये बादल!
ये बादल!
read moreआधुनिक कवयित्री
सब कुछ मिल जाता हैं जिंदगी में, पर... मोहबत की हर कहानी अधूरी होती हैं। ये प्यार का सफर भी इतना ही है, फिर तो सिर्फ़ आंखें ही रोती है। दूरियां बढ़ जाती हैं, लेकिन यादें ताज़ा रहती हैं। ये मोहबत ही ऐसी होती हैं.... नशे की तरह फैल जाती हैं, पर पास न किसी के टिक पाती हैं। कोई मोहबत करता नहीं हैं, पर हो जाती हैं। ये मोहबत ही ऐसी होती हैं.... अपना न होकर भी अपना मान लेती हैं। हर डगर पे जो साथ देने का वादा करती हैं, टूट जाते है सब महोबत वाले सपने, क्योंकि ये बहुत जल्दी बिछड़ जाती हैं। ये महोबत ही ऐसी होती हैं..... पहले बहुत करीब आती हैं, हर जहन में यू बस जाती हैं, किसी को अकेला छोड़, किसी ओर पे फ़िदा हो जाती हैं। ये मोहबत ही........ ©आधुनिक कवयित्री ये महोबत....
ये महोबत....
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash ये इश्क है जिस की न कोई हद है न मंज़िल,न मरहला कोई ऐसी जन्नत की राह मुझे भी दिखा ही गया कोई ©हिमांशु Kulshreshtha ये इश्क
ये इश्क
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreParasram Arora
White ये हवाएं सिर्फ हमारी साँसों के लिए ही नहीं बहतीं ये हवाएं हमारे ज़ख्ममो को करा करने और आने वाले अगले मौसम की भी पूर्व जानकारी देती है ©Parasram Arora ये हवाएं
ये हवाएं
read moreParasram Arora
White मेरी यादो मे तुम बसें हो पर अफ़सोस नाम तुम्हारा याद नहीं अगली बार ज़ब तुम मिलो तो अपना नाम ज़ोर से बोल कर मुझसे गले मिलना ©Parasram Arora मेरी यादो मे तुम
मेरी यादो मे तुम
read moreParasram Arora
White तेरी पायल की खनक से मै गहरी नींद मे भी जाग जाता हू आँखे मसल कर चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता हू पर न जाने तुम म होती हो कहा पथरो के इस शहर मे आकर मै भी एक पत्थर बन गया हू अब तेरे मासूम स्पर्श से भी मेरे जज्बात कंपते हैँ कहा? ©Parasram Arora पथरो के शहर मे
पथरो के शहर मे
read moreParasram Arora
White प्रेम के अभाव मे जीवन मारुस्थलीय जीवन की तरह हो जाता है.. ऐसे खुशक जीवन मे दूर दूर तक कोई जल स्त्रोत या कोई झरना नहीं दिखता. और न ही कही धूप मे बचने के लिए किसी वृक्ष का साया ही मिल पाता है ©Parasram Arora प्रेम के अभाव मे
प्रेम के अभाव मे
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