Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'mahabharat महाराष्ट्र' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'mahabharat महाराष्ट्र' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.

BHOORA

#leafbook love shayari shayari on love sad shayari shayari in hindi zindagi sad shayari Arshad Siddiqui Tanuja_pal Anshu writer कृष्णा व

read more
Unsplash ये तुम मुझसे आंखें क्यों चुरा रहे हो
क्या राज़ है जो छुपा रहे हो
ज़ख्म तो दिल पे है
तुम माथे पर क्यों ice cube लगा रहे हो

©BHOORA #leafbook  love shayari shayari on love sad shayari shayari in hindi zindagi sad shayari Arshad Siddiqui  Tanuja_pal  Anshu writer  कृष्णा व

ARTIST VIP MISHRA

vasai विधानसभा महाराष्ट्र

read more

Sunita Pathania

Sarfaraj idrishi

#thinkingofyou नेक और मुख़लिस इंसान को किसी से खौफ़ महसूस नहीं होता _!! Islam Ankita Tantuway IshQपरस्त कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र

read more
नेक और मुख़लिस इंसान को
 किसी से खौफ़ महसूस नहीं होता _!!

©Sarfaraj idrishi #thinkingofyou नेक और मुख़लिस इंसान को किसी से खौफ़ महसूस नहीं होता _!! Islam Ankita Tantuway  IshQपरस्त  कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

read more
White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile