Find the Latest Status about तश्तरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तश्तरी.
saloni toke alfazon ki khumari
पंखों ने हौसलो, को फरमाया । उड़ने का मजा, तो असल मे गिर जाने से आया । 😊😋👍✌❣ ©saloni toke alfazon ki khumari उडन तश्तरी #Thoughts
Tariq Azeem 'Tanha'
shayar_dillwala
मेरे दिल की उड़न तश्तरी मै तुझतक तो ले आया था। लेकिन तेरे दिल के मैदान पर कभी उतर ना पाया था। जबरदस्ती का इश्क मै तुझपर क्यूं थोंपता, एक इजाजत के लिए मै तेरे आसपास बहुत वक़्त तक मंडराया था। मेरे दिल की उड़न तश्तरी तेरे दिल तक तो ले आया था। लेकिन तेरे दिल के मैदान पर कभी उतर ना पाया था। #जबरदस्ती का #इश्क मै तुझपर क्यूं थोंपता, ए
Pardeep Singhal
L i k e S h a r e A less than half plate of food is a full life to them. आधी से कम भरी हुई खाने की प्लेट उनके लिए पूरी जिंदगी है। I am saying this couplet wr
Abhay Bhadouriya
ले आया... अपने हिस्से का आज काम ले आया जो अधूरा छूटा था वो नाम ले आया... जब सब बेच रहे थे दुनिया को फरेब मैं अपने घर में थोड़ा ईमान ले आया.... जो भूल गए थे तुम किसी जमाने में मैं घर वो शायरी की किताब ले आया.... ना समझ की कोई तुझसे प्यार नहीं करता चांदी की तश्तरी में अपना दिल ले आया.... ले आया... अपने हिस्से का आज काम ले आया जो अधूरा छूटा था वो नाम ले आया... जब सब बेच रहे थे दुनिया को फरेब मैं अपने घर में थोड़ा ईमान ले आया
Altamash
रजनीश "स्वच्छंद"
स्वच्छंद दोहे।। मानव पशु हुए एक हैं, रही बदलती काया।। अक्ल लगा सोच जरा तू किसका है जाया।। ऊपर तश्तरी थर थर कांपे, बर्तन भाप समाय।। मनुज कर्म व्यवहार ही गुण देता आप बताय।। जलभरी कागज़ कटोरी भी जल देती है उबाल।। खाली बर्तन बस शोर करे बखाने अपनी हाल।। एसी घर कमरा ठंढी करे, बाहर दियो तपाय। मनविष मन मे मारिये वाणी शीतलता पाय।। जस बीहन खाद मिले तस तरुवर फल उपजाय।। दे मोबाइल हाथन में दियो बचपन ख़ाक कराय।। घड़ा बनावन मिट्टी का तोड़न पत्थर दियो लगाय। खुद ही टूटा, ना टूटा पत्थर, जग में हुओ हंसाय।। लकड़ी लगा तवा-मूठ में, आगिन दियो चढ़ाय।। जो प्रतिरोधक ना हो पाया गर्मी भी उसे डराय।। ©रजनीश "स्वछंद" स्वच्छंद दोहे।। मानव पशु हुए एक हैं, रही बदलती काया।। अक्ल लगा सोच जरा तू किसका है जाया।। ऊपर तश्तरी थर थर कांपे, बर्तन भाप समाय।। मनुज कर
Seema Katoch
रात को जलााकर, चूल्हा जलाया और हांडी फिर से चढ़ा दी तुमने.... आज क्या पका रही हो कुछ खास खिला रही हो या कहीं फिर से वही तो नहीं... सुनो ना... बहुत दिन हुए कुछ मीठा खाए वही पका दो ... बहुत हुई तुम्हारी कल कल आज ही खिला दो ना .... वो देखो... उधर ढके पड़े हैं कई खवाव मेरे आधे अधूरे... कभी उनको ही पका दो तश्तरी में सजा दो बहुत हुई तुम्हारी मर्ज़ी आज मेरी पसंद का बस कुछ तो बना दो ना..... रात को जलााकर, चूल्हा जलाया और हांडी फिर से चढ़ा दी तुमने.... आज क्या पका रही हो कुछ खास खिला रही हो कहीं फिर से वही तो नहीं... सुनो न....
Jiyalal Meena ( Official )