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Keshav pratap Kannaujia
White केवल रोजी रोटी कमाना ही बड़ी बात नहीं है, किंतु अपने परिवार के साथ बैठकर रोटी खाना बहुत बड़ी बात है। राधे राधे जय श्री कृष्ण ©Keshav pratap Kannaujia #Thinking अपने परिवार के साथ बैठकर,,,,,,
#Thinking अपने परिवार के साथ बैठकर,,,,,,
read moreमोरध्वज सिंह
Follow me Friends ©मोरध्वज सिंह बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें। Home Tips #Videos #viral #Trending #Love #Life
Rupesh
White "तुम्हारे सपनों की उड़ान को रोकने वाले अक्सर वही होते हैं, जिनकी सोच जमीन से ऊपर नहीं उठ पाई।" ©Rupesh "उड़ान से डरने वालों की सोच हमेशा जमीन पर ही रहती है!" #DreamBig #SelfBelief #SuccessMindset #BreakTheLimits #Inspiration #Motivation #StayS
"उड़ान से डरने वालों की सोच हमेशा जमीन पर ही रहती है!" #DreamBig #selfbelief #successmindset #BreakTheLimits #Inspiration #Motivation StayS
read moreRanjan Pathak
White अब अकेला ही रह गया मैं समय के साथ साथ वो भी बदल गया! ©Ranjan Pathak #love_shayari बस यूँ ही शायरी हिंदी शायरी
#love_shayari बस यूँ ही शायरी हिंदी शायरी
read moreRomil Shrivastava
White बेखौफ़ दिल ये किधर ज़ा रहा है पहिया समय क़ा जिधर ज़ा रहा है बहुत ख़ूबसूरत ये मंजिल है लेक़िन अकेले सफ़र में मजा आ रहा है ©Romil Shrivastava #sad_qoute यूँ ही
#sad_qoute यूँ ही
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White यह मत पूछ एहसास की शिद्दत क्या थी, धूप ऐसी थी कि साये को भी जलते देखा। ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही..
बस यूँ ही..
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White कौन कहता है ये ज़िंदगी हार है कि जीत है इक सफ़र है जिसमें मिलने बिछड़ने की रीत है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #यूँ ही
#यूँ ही
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White यूँ तो बहुत कुछ बदल गया है हमारे बीच बस तुम्हें चाहते रहने की चाहत नहीं गई ©हिमांशु Kulshreshtha यूँ तो..
यूँ तो..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White जब पहली बार जो देखा तुम को धड़कनों में अजब हलचल सी महसूस की मैंने तेरी आँखों में जो देखी एक हसीन दुनियाँ मैंने अपनी दुनियाँ को भुला दिया मैंने ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही.
बस यूँ ही.
read moreParasram Arora
Unsplash बहूत रात जागने के बावजूद. एक गहरी नींद मुझे मिली नहीं कितना बड़ा ये जहांन है फिर भी रहने के लिए दो गज़ ज़मीन मुझे मिली नहीं खुलकर रोने क़ी ख़्वाहिश थीं मेरी. पर रोने के लिए घर मेi खाली कोना मुझे मिला नहीं ©Parasram Arora दो गज़ जमीन
दो गज़ जमीन
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