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Ram Prakash
White जिस घाट पर उतरना है उसी घाट पर उतर जाइऐ वरना अनजान घाटों पर लोग वाट लगाने बैठे हैं ©Ram Prakash #sad_qoute घाट
#sad_qoute घाट
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
सियाराम बाबा मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के नर्मदा नदी के घाट पर स्थित भट्याण आश्रम के संत हैं और यहीं रहते हैं। इनकी वास्तिक उम्र क्या है ये
read moreकाव्य महारथी
आ. रवेंद्र पाल रसिक, मथुरा हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं हिंदी दिवस पर कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
// छठ पर्व // कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से चलती आई, सीता मैया, कर्ण और पांडव, साथ में कुंती माई. भक्ति भाव उमड़ पड़ता है, करते सब गुणगान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. प्यारी बहना दिनकर की हैं, षष्ठी तिथि है प्यारी, कृपा सिंधु हैं आप हे मैया, जग देता बलिहारी. डाला सूप सजाये कहते, आ जाओ दिनमान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. आम की लकड़ी, नारियल, संतरा, मूली, ठेकुआ, केला, घाट सजे हैं सुंदर -सुंदर, कितना मोहक बेला. अमरुद, पान, सुपारी, गन्ना, विविध बने पकवान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. जल में व्रती हाथ हैं जोड़े, सुख-समृद्धि मांगे, अंतस का तम दूर करो माँ, और न हम कुछ चाहें. कोढ़िया, दुखिया, बाँझ, गरीबी, सबका करते त्राण, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. ©बेजुबान शायर shivkumar 👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तुम मुझे मिलोगी जब ये बनारस की घाट पर उस दिन मां गंगा की शांत लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे नेत्रों में दिखेंगे जब गंगा में चमकते दिए ! उस दिन उन लहरों को अभिमान होगा तुम्हारे नेत्रों में चमकने का ! उस दिन संभवतः मेरा हृदय तुमपे पार पाएगा ! संभवतः कुछ ना भी दिख इस संसार में फिर भी तुम्हारी आस में ये हर धाम जाएगा ! तुम स्वीकार लो जो मेरा प्रेम तोविजयी है यह , अन्यथा, मेरा हृदय संसार से हार जाएगा । ©बेजुबान शायर shivkumar तुम मुझे मिलोगी जब ये #बनारस की #घाट पर उस दिन मां #गंगा की शांत #लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे #नेत्रों में दिखेंगे जब
Riyanka Alok Madeshiya
White चलना है विश्राम नहीं है.... ------------------------------ चलना है विश्राम नहीं है। व्यर्थ में करना आराम नहीं है। अमूल्य समय गंवाने से, बनता कोई काम नहीं है। समय जो एक बार चला जाएगा। वापस वह लौट कर नहीं आएगा। चाहे तुम जितना जोर लगा लो, समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। जीवन को ना समझो सुमन-पथ। यह तो है ;बिन पहियों का रथ। खींच कर तुमको ले जाना है, और पार करना है यह अग्निपथ। संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya #चलना है विश्राम नहीं है
#चलना है विश्राम नहीं है
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