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शैलेन्द्र यादव
*विचारणीय* नदी से पानी नहीं, रेत चाहिए. पहाड़ से ओषधि नहीं, पत्थर चाहिए. वृक्ष से छाया नहीं, लकड़ी चाहिए. खेत से अन्न नहीं, नक़द फ़सल चाहिए. रेत से पक्की सड़क, मकान बनाकर, नक्काशीदार दरवाजे सजाकर, अब भटक रहे हैं। उलीच ली रेत, खोद लिए पत्थर, काट दिए वृक्ष, तहस-नहस कर दी मेड़ें; अब भटक रही सभ्यता !!! सूखे कुओं में झाँकते, खाली नदियाँ ताकते, झाड़ियां खोजते लू के थपेड़ों में, बिना छाया ही हो जाती सुबह से शामें....!!! बूँद-बूँद बिक रही जल की। साँस लेने हवा भी बिकेगी, कल्पना करें उस कल की! ©शैलेन्द्र यादव #जल#पानी#पेड़#प्रकृति
Hriday_Creates
White ले लो तलाशी कभी इस ज़िगर में। बस तुम ही हो मेरे हरेक पहर में।। तुम साथ मेरे जहां भी मैं जाऊं, तन्हा कहां हूं मैं इस सफ़र में।। मदहोश कर देते हो मुझको हमदम, अज़ब सा नशा है तुम्हारी नज़र में।। बहुत खूबसूरत सा लगता है मंज़र, हो चलते मेरे साथ हरेक डगर में।। धड़कता है दिल मेरा तुमसे ही यारा, चलती हैं सांसे तुम्हारी महर में।। ©Hriday_Creates #लव_फीलिंग #लवआजकल #लव❤ #लव
Ghumnam Gautam
White पड़ेंगे शब्द यहॉं जाने किसके हिस्से में लबों पे जाने यहॉं कौन मौन रक्खेगा? तमाम लोग यहॉं राम होके बैठे हैं पता नहीं है कि मर्यादा कौन रक्खेगा? ©Ghumnam Gautam #election_2024 #राम #लोग #मौन #र #मर्यादा
कलम की दुनिया
मैं जल हूँ तुम्हारा कल हूँ मेरे प्रत्येक बुंद से तुम्हारा आस मेरे कण कण में तुम्हारा श्वास मै देव नहीं लेकिन कण कण में व्याप्त हूँ मैं जल हूँ तुम्हारा कल हूँ मेरे होने से तुम्हारा कल था आज है कल होगा मैं तुम्हारा अस्तित्व हूँ मैं जल हूँ तुम्हारा कल हूँ मैं शुद्ध मुझे अशुद्ध तुमने किया मैं अमर मुझे मर(खत्म होने के कगार पर) तुमने किया मैं कण कण में जन जन के लिए मुझे कुछ जन के लिए बोतलों में व्याप्त तुमने किया मैं प्रत्येक जीव का श्वास हूँ मैं जल हूँ तुम्हारा कल हूँ मैं जल हूँ तुम्हारा कल हूँ तुम्हारे कल के लिए तुमसे कह रहा हूँ मुझे बर्बाद करोगे खुद को नष्ट करोगे एक के जगह हजार बुंद प्रयोग करोगे कल एक बुंद को तरसोगे मेरी संरक्षण करोगे खुद को जीवनदान दोगे मैं तुम्हारे कल के लिए तुमसे ये सब कह रहा हूँ मैं तुम्हारा कल हूँ मैं जल हूँ मैं तुम्हारा कल हूँ ©कलम की दुनिया #जल
DANVEER SINGH DUNIYA
क्या जीना और क्या आनंद बोल तुझे क्या-क्या पसंद है मेरा लहज़ा या मेरी इबादत मेरी मोहब्बत या मेरी आदत ©DANVEER SINGH DUNIYA लव इन लव
लव इन लव #शायरी
read moreSharda
गले से लगकर, रूह तक जाती है कमबख्त हवा किसी की याद दिलाती है। ©Sharda #लव#लव #Love #sayri
कलम की दुनिया
व्यर्थ जो कर रहे हो मुझे अर्थ मेरा समझ आएगा तरसोगे एक एक बूंद के लिए पर मुझ तक पहुंच न पाओगे उस दिन तुम्हे मेरा अर्थ समझ आएगा ©कलम की दुनिया #जल