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Author Harsh Ranjan
किताबें वरदान हैं, ये मानता हूँ मैं। फिर किसी ने मुझे टोका, कहा, किताबें भगवान हैं। मैं थम गया। किताबें इंसानों को नाप चुकी। किताबें सब कुछ भांप चुकी। मैंने हामी भरी, किताबों की पूजा होनी चाहिए! नहीं। उसने मेरे गले पर चाकू लगाया, सिर्फ मेरी किताब। इसलिए कि वो ज्यादा मोटी है? तेरी चमड़ी मोटी है! उसने मुझे दो टुकड़े किया और मजहबी नारा लगाता चला गया। मैं सोच रहा हूँ कि किताब में कुछ व्याकरणीय, कुछ शाब्दिक, कुछ सैद्धांतिक अशुद्धियां अक्सर मिलती हैं। क्योंकि किताबों की स्याही मिटती नहीं, प्रकाशक नए संस्करण लाते हैं। कई पुस्तकें जिल्द में पूरी नहीं पड़ती, लेखक अगली कहानी को अगली जिल्द में पिरो डालते हैं। दुनिया की कोई भी किताब, मैंने समझा है, अकेली नहीं होती, उसके पहले अनगिनत जिल्दों का इतिहास और बाद नए जिल्दों के स्वरूप की पहेली होती है। पूजनीय पुस्तकें
Author Harsh Ranjan
किताबें वरदान हैं, ये मानता हूँ मैं। फिर किसी ने मुझे टोका, कहा, किताबें भगवान हैं। मैं थम गया। किताबें इंसानों को नाप चुकी। किताबें सब कुछ भांप चुकी। मैंने हामी भरी, किताबों की पूजा होनी चाहिए! नहीं। उसने मेरे गले पर चाकू लगाया, सिर्फ मेरी किताब। इसलिए कि वो ज्यादा मोटी है? तेरी चमड़ी मोटी है! उसने मुझे दो टुकड़े किया और मजहबी नारा लगाता चला गया। मैं सोच रहा हूँ कि किताब में कुछ व्याकरणीय, कुछ शाब्दिक, कुछ सैद्धांतिक अशुद्धियां अक्सर मिलती हैं। क्योंकि किताबों की स्याही मिटती नहीं, प्रकाशक नए संस्करण लाते हैं। कई पुस्तकें जिल्द में पूरी नहीं पड़ती, लेखक अगली कहानी को अगली जिल्द में पिरो डालते हैं। दुनिया की कोई भी किताब, मैंने समझा है, अकेली नहीं होती, उसके पहले अनगिनत जिल्दों का इतिहास और बाद नए जिल्दों के स्वरूप की पहेली होती है। पूजनीय पुस्तकें
BRAHMRISHI SRIRAM
शिव की उपासना लिंग रूप में क्यों की जाती है आईए बताते हैं , लिंग का अर्थ है प्रतीक अर्थात शिव लिंग समूचे ब़ह्ममान्ड का सूचक है। हमारे ब्रह्मांड की रचना लिगाकार है लिंग त्रिकोण के मध्य अवस्थित है त्रिकोण शक्ति का परिचायक है।जब शिव में शक्ति क शक्ति से युक्त होता है तभी सृष्टि का कारक है। ©BRAHMRISHI SRIRAM शिव लिंग क्यों पूजनीय है?
Gurudeen Verma
शीर्षक - हमारे तो पूजनीय भीमराव है ------------------------------------------------------------- (शेर)- यह दुनिया कभी नहीं भूल पायेगी, बाबा भीमराव को। सामाजिक- शिक्षा क्रांति का अग्रदूत, कहते है भीमराव को।। --------------------------------------------------------------- हमारे तो पूजनीय भीमराव है। हमारे तो आदर्श भीमराव है।। भीमराव की राह पर ही हम चलेंगे। मार्गदर्शक हमारे तो भीमराव है।। हमारे तो पूजनीय-------------------।। भीमराव से सभी का जीवन, रोशन हुआ। खुशहाल हर वर्ग, भीमराव से हुआ।। शिक्षा का अधिकार भी, दिलाया उन्होंने। सामाजिक क्रांति का अग्रदूत, भीमराव है।। हमारे तो पूजनीय-------------------।। सम्मान से जीने का, जो अधिकार मिला है। अभिव्यक्ति का हमको, जो अधिकार मिला है।। भारत का संविधान यह जो, जिसने लिखा है। उस संविधान का निर्माता, भीमराव है।। हमारे तो पूजनीय-------------------।। नहीं शान कम होने देंगे, भीमराव की। नहीं मिटने देंगे हस्ती, हम भीमराव की।। बाबा भीमराव हमेशा, अमर रहेंगे। हम सभी के उद्धारक, भीमराव है।। हमारे तो पूजनीय-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #हमारे तो पूजनीय भीमराव है