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CK JOHNY
युद्ध हुआ तो मानवता को बड़ा मूल्य चुकाना है क्षत विक्षत अंगों लाशों से अम्बर पट जाना है। सोचा है कितनी माँओं की कोख सूनी होगी कितनी मांगों हाय उजड जाएगा सिंदूर कई बच्चों के सर से बाप का साया उठ जाना है। लाशों पर फिर तुम फैलाना साम्राज्य अपना लाहनत है मानवता का इस तरह गिद्ध हो जानाहै। कई बहनों के भाई आ न पायेंगे रक्षाबंधन में कितने ही दोस्तों का यार लुट जायेगा याराना है। हिटलर स्टालिन माओत्से मुसोलिनी और गद्दाफी क्या विश्व विनाश को ये तानाशाह क्या थे नाकाफी हिरोशिमा नागासाकी सीरिया का कुछ स्मरण करो विश्व बंधुत्व के लिए हम सबको नहीं इन्हें दोहराना है। विस्तारवाद की जिद छोड़ो इससे कुछ हासिल न होगा विकास पथ पर अग्रसर होने को मिल के आगे आना है। युद्ध विभीषिका
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Sumit Mishra
बम गोले जो दाग रहा है, मानवता को मार रहा है। जितनी तेज रौशनी दिखती कोई उससे ज्यादा चीख रहा है। कुछ हजार ही लोग मरे हैं थोड़े से ही घर उजड़े हैं। कुछ सपनों कत्ल हुआ है, ड्योढ़ी पर यमराज खड़े हैं। कोई उजड़ा मांग देख लो, क्रंदित करता ऑंख देख लो। उन सपनों का अब क्या होगा, उन स्वप्नों की ओर देख लो। ©Sumit Mishra युद्ध की विभीषिका #MusicLove
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
DR. LAVKESH GANDHI
बाढ पानी ही पानी है चंहुदिस दिस पानी है कोई पानी से मर रहा कोई पानी के लिए मर रहा ये खेल है बाढ़ और सुखाड़ का प्रकृति से मनुष्य के छेड़छाड़ का Life # Horror # विभीषिका यह बाढ़ की #
ShadoW
कुछ दर्दों की दवाएं ना होती, अगर दुनिया में माँएं ना होती... ©ShadoW माँ...हर दवा का पर्यायवाची है... #maa #Mother #viral #thought #Feeling #MothersDay
निशब्द
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ