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Laxmi Tyagi
White तेरे अल्फाजों में ,मैं अपने आप को ढूंढती हूं , तेरी ख़्वाहिश , तेरी वो रिवायत ढूंढती हूँ। तू खो गया है कहीं ,पास है, दूर नजर आता है। तुझमेंअपनी मोहब्बत औ तेरा सुकून ढूंढती हूँ। ©Laxmi Tyagi #sad_shayari # ढूँढती हूँ
#sad_shayari # ढूँढती हूँ #कविता
read moreSumit Hansarian
इंग्लिश लवरInternet Jockey Himanshu Prajapati Monu Kumar Sethi Ji Satyaprem Upadhyay #वीडियो
read moremalay_28
White फँसी मझधार में है ज़िन्दगी छूटा किनारा चले जो साथ साहिल तक लहर वो ढूँढता हूँ चले कुछ इश्क की बातें ज़रा सा दर्द भी हो ग़ज़ल मैं कह सकूँ अपनी बहर वो ढूँढता हूँ. ©malay_28 #वो ढूँढता हूँ
वो ढूँढता हूँ #शायरी
read moreArora PR
White सुन रहा हूँ मै ऐसा गीत जिसकी धुन अभी साज़ में कैद हैं औरवो गीत कभीसाज़ से बाहर निकला नही आ रही हैं मुझेखुशबू ऐसे फुल की . जो आज तक कभी खिला नही. खिलने की बात तो बेमानी हैं आज तक उस फुल का बीज कभी फूटा नही ©Arora PR सुन रहा हूँ
सुन रहा हूँ #कविता
read morekoko_ki_shayri
Black नया आगाज़ हूँ, नयी पहचान हूँ! ख़ुद को ढूँढे, ख़ुद में तूफ़ान हूँ!! ©koko_ki_shayri #nya आगाज़ हूँ
हिंदुस्तानी
White मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा मैं एक उलझा लम्हा हूँ तू रूठा हुआ हालात मेरा ©सत्यमेव जयते मैं ख़ामोशी हूँ
मैं ख़ामोशी हूँ #Shayari
read moreRajkumar Kewat
Shashi Bhushan Mishra
अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #आजाद हूँ अब#
ranjit Kumar rathour
बस आज तक हा आज ही तक कल कही औऱ किसी और संग सब खुश है मैं भी उसी में हु लेकिन ये सब कुछ इतना आसान है क्या सोच कर डर जाती हूँ लेकिन यही सच है सब ने मां लिया है और मुझे मानना ही है सदियो से होता आया है सबके साथ इसलिए मुझे भी जाना होगा कितना कुछ छूट जाएगा किसी को क्या मेरे दोस्त मेरे छोटे प्यारे अब कभी कभी आना होगा अतिथियों की तरह मुझ पर मेरा बस नही होगा किसी और कि अमानत कहलाऊंगी मैं बेटी हु न पराई हु न हा पराई हूँ ©ranjit Kumar rathour पराई हूँ न
पराई हूँ न #कविता
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