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Sumit Rai
Jay शायरी मोटिवेशनल मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क Sketch Artist Ashwani मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडे
read moreRan Singh Guru
White मेरी मुसीबतों ने भी कमाल कर दिखाया, मुझें परेशान तो किया, बहुत चहरों से नक़ाब हटाया, मुझें मिटाने कि हसरत में, मुसीबतों ने बहुत से लोगों का वज़ूद तक मिटा डाला... ©Ran Singh Guru #car #मुसीबत # वजूद
Deependra Dubey
White बस कुछ ऐसा कर जाऊं की, इस दुनियां में अपनी वजूद छोड़ जाऊं। कुछ लोगो में ही सही, थोड़ा मोहब्बत छोड़ जाऊं। अपनो से अपनो तक, अपनी याद छोड़ जाऊं। ©Deependra Dubey #वजूद
Ajay More
White जिस चीज को आप चाहते हैं, उसमें असफल होना, जिस चीज को आप नहीं चाहते उसमें सफल होने से बेहतर है। ©Ajay More #motivatation #हिंदी
#motivatation #हिंदी #मराठीविचार
read moreSatish Kumar Meena
मैं तुम्हें ढूंढता हूं तो, प्यार में जिंदादिल हो जाता हूं। तुम मुझे ढूंढती हो तो,, मैं सच में अपना वजूद पाता हूं।। ©Satish Kumar Meena वजूद
वजूद #कोट्स
read moreDheeraj kumar
White धूप–पानी सब कुछ दिया मैंने अपनों को सब ने मुझे कीड़े वाला फल दिया, बात हुई थी मंजिल तक साथ चलने की कोई रास्ते में बदला किसी ने रास्ता बदल दिया। सबके बुरे वक्त में मैं था मेरे वक़्त किसी ने नज़रे चुराई, कोई आँखें दिखा कर चल दिया । जब मुझे सहारे की जरूरत थी तो अपनो ने मुझे सलाह दिया, मैं सूरज जैसा चमकता रहा जब वो अंधेरे में थे मैने जरा सी रौशनी मांगी सब ने मिल के मेरा घर जला दिया । __धीरज कुमार © Dheeraj kumar #nojohindi #हिंदी #कविता
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read moreManish Raaj
वजूद ------ ज़रें-ज़रें में ज़िंदगी समाई है फिर क्यों ये तन्हाई जितनी, समंदर में गहराई है वाक़िफ़ हैं हक़ीक़त से मगर फिर भी ज़िंदगी, आज़माई है आज़माए इतने गए की अब भरोसे पर ही, शक़ घिर आई है ख़ामोशी एक जवाब और सवाल भी है, कितनों को समझ आई है नज़र, नज़ारे देखती है क्या ख़ुद की नज़र को देख पाई है पैसों के लिए अश्क़, पसीने और खून मगर खून के लिए जान किसने गंवाई है इंसान की हवस ऐसी की हैवानियत और मौत भी शर्माई है मौके की तलाश में रहनेवालों की नीयत साफ़ नज़र आई है जज़्बात, अलफ़ाज़ और शर्म-ओ-लिहाज़ नहीं फिर क्यों, आँख भर आई है आसमानी परिंदों ने अपनी जड़ ज़मीं पर ही बनाई है पौधों को पानी से सीचे और दूसरी तरफ कटे जड़ समझो अब, उसकी जान पर बन आई है मनीष राज ©Manish Raaj #वजूद
Rashmi Vats
हर दर्द को अपना है बना लेतीं । हम स्त्रियां तकलीफ में भी हैं मुस्कुरा लेतीं। खुद रहती हैं बिखरी हुई, पर अपना आशियाना है बखूबी सजा लेतीं। एक आस लिए जीवन है जीती। खुश रखना है सभी को यही है चाहतीं। और कोई चाहत नही है उनकी, बस रिश्तों को सहेजना है जानती। अपनी ख्वाइशों को करती है दफ़न। निभाती हैं मान सम्मान और चलन। इन सबके बावजूद भी जब नही मिलता प्रेम, तो दो आसूं बहा गुजार देती हैं सारा जीवन। हर दर्द को अपना...। रश्मि वत्स । ©Rashmi Vats #स्त्री #प्रेम #वजूद #समर्पण
DANVEER SINGH DUNIYA
क्या जीना और क्या आनंद बोल तुझे क्या-क्या पसंद है मेरा लहज़ा या मेरी इबादत मेरी मोहब्बत या मेरी आदत ©DANVEER SINGH DUNIYA लव इन लव
लव इन लव #शायरी
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