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Sikender Shakya
White अक्सर सच्चा प्यार करने वाला हमेशा अकेला ही रहता है क्योंकि उसे जैसा वह चाहता है उसे कभी प्यार नहीं मिलता ©Sikender Shakya #Sad_Status दिल छू जाता है
#Sad_Status दिल छू जाता है
read moreGhanshyam Ratre
आंखों से आंखों मिलने से मुलाकात हो गया। दिल से दिल मिलने से प्यार का इजहार हो गया।। हैप्पी वेलैंटाइन डे ©Ghanshyam Ratre हैप्पी वेलेंटाइन डे
हैप्पी वेलेंटाइन डे
read moreGhanshyam Ratre
मीठा चाकलेट की तरह हमेशा रिश्तों में मिठास हो,आपस में एक दूजे के लिए प्यार हो। *आप सभी को हैप्पी चाकलेट डे* ©Ghanshyam Ratre हैप्पी चाकलेट डे
हैप्पी चाकलेट डे
read morePayal Kodape priti
तूझ्या दिलेल्या गुलाबाचा मी गुलकंद केला असावा उगाच माझ्या होटावर इतका गोडवा आला असावा... ©Payal Kodape priti रोज डे
रोज डे
read moreHimanshu Prajapati
White अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! ©Himanshu Prajapati #GoodMorning अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! #36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang
#GoodMorning अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! #36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
TubeLights
2019 की दीवाली के बाद सीधा 2020 की लोहड़ी पे मिली थी वो । मैं 5 साल बाद भी लोहड़ी सिर्फ इस वजह से मनाता हूँ ।। पता चल गया था मुझे कि इस लड़की से कुछ तो connect है दिल ।। ©TubeLights लोहड़ी ही मेरा वैलेंटाइन है
लोहड़ी ही मेरा वैलेंटाइन है
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
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