Find the Latest Status about agiya betal sadhana from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, agiya betal sadhana.
AJAYPAL
विक्रम बेताल की प्रारंभिक कहानी कुछ इस प्रकार है। बहुत समय पहले की बात है। उज्जयनी नाम के राज्य में राजा विक्रामादित्य राज किया करते थे। राजा विक्रामादित्य की न्यायप्रियता, कर्तव्यनिष्ठता और दानशीलता के चर्चे पूरे देश में मशहूर थे। यही कारण था कि दूर-दूर से लोग उनके दरबार में न्याय मांगने आया करते थे। राजा हर दिन अपने दरबार में लोगों की तकलीफों को सुनते और उनका निवारण किया करते थे। first number 1 ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
AJAYPAL
एक दिन की बात है। राजदरबार लगा हुआ था। तभी एक भिक्षु विक्रमादित्य के दरबार में आता है और एक फल राजा को देकर चला जाता है। राजा उस फल को कोषाध्यक्ष को दे देता है। उस दिन के बाद से हर रोज वह भिक्षु राजा के दरबार में आने लगा। उसका रोज का काम यही था कि वह राजा को फल देता और चुपचाप चला जाता। राजा भी प्रत्येक दिन भिक्षु द्वारा दिया गया फल कोषाध्यक्ष को थमा देता। ऐसे करते-करते करीब 10 साल बीत गए। number 2 ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
AJAYPAL
इतना सुनते ही राजकुमार ने बूढ़ी औरत को कुछ धन दिए और राजकुमारी तक संदेशा पहुंचाने को कहा। राजकुमार ने उस बूढ़ी महिला को कहा, “माई, कल तुम जब राजकुमारी के पास जाओ, तो उनसे कहना कि जेठ सुदी पंचमी को तुम्हें नदी के पास जो राजकुमार मिला था, वो तुम्हारे राज्य में आ गया है।” अगले दिन वो बूढ़ी औरत राजकुमार का संदेश लेकर राजकुमारी के पास गई। उस महिला की बात सुनते ही राजकुमारी गुस्सा हो गई। उन्होंने हाथों में चंदन लगाकर उस महिला के गाल पर तमाचा मारते हुए कहा, मेरे घर से निकल जाओ।बूढ़ी औरत ने घर लौटकर राजकुमार को सारी बातें बताई। महिला की बातें सुनकर राजकुमार चौंक गया। फिर राजकुमार के मित्र ने राजकुमार को धैर्य बंधाते हुए कहा, “राजकुमार आप चिंतित न हों। राजकुमारी की बातों को समझने की कोशिश करें। ध्यान दें कि राजकुमारी ने उंगलियों को सफेद चंदन में डुबोकर गाल पर मारा है। इसका मतलब अभी कुछ दिन चांदनी के हैं। उनके खत्म होने के बाद अंधेरी रात में मिलूंगी।” ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
AJAYPAL
राजकुमार को दुखी देखकर राजकुमारी ने राजकुमार के दुःख का कारण पूछा। उसके बाद राजकुमार ने राजकुमारी को अपने मित्र के बारे में बताया। राजकुमार ने कहा, “वह मेरा बहुत अच्छा और चतुर दोस्त है। उसी के वजह से मैं तुमसे मिल पाया हूं।” यह सुनने के बाद राजकुमारी ने राजकुमार को कहा, “मैं तुम्हारे दोस्त के लिए स्वादिष्ट भोजन बनवाती हूं। तुम उसे भोजन कराकर और उसे समझाकर वापस आ जाना।” ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
AJAYPAL
उसके जाने के बाद राजकुमार काफी दुखी हुआ और अपने मित्र के पास लौटकर सारी बात बताई। राजकुमार बोला, “मैं राजकुमारी के बिना नहीं रह सकता हूं, लेकिन मुझे इस राजकुमारी के बारे में कुछ भी नहीं पता है। वह कहां रहती, उसका नाम क्या है?” दीवान के बेटे ने सारी बातें सुनी और राजकुमार को दिलासा देते हुए बोला, “राजकुमार, आप घबराइए मत। राजकुमारी ने सबकुछ बताया है। आश्चर्यचकित होते हुए राजकुमार ने पूछा, “वो कैसे?” ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
AJAYPAL
कुछ दिनों बाद बूढ़ी महिला फिर राजकुमारी के पास संदेशा लेकर पहुंची। इस बार राजकुमारी ने केसरी रंग में तीन उंगलियां डुबोकर बूढ़ी महिला के मुंह पर मारते हुए कहा, “भागो यहां से।” फिर उस महिला ने आकर राजकुमार को सारी बातें बताई। राजकुमार यह सुनकर बहुत दुखी हुआ। इस पर दीवान के बेटे ने राजकुमार से कहा, “इसमें दुखी होने की कोई बात नहीं है राजकुमार। राजकुमारी ने कहा है कि अभी उसकी तबीयत ठीक नहीं है, तो इसलिए तीन दिन और रुक जाओ।”तीन दिन बाद वो बूढ़ी महिला फिर राजकुमारी के पास जा पहुंची। इस बार फिर से राजकुमारी ने उस महिला को फटकारा और पश्चिम की खिड़की से बाहर जाने के लिए कहा। वो महिला फिर से राजकुमार के पास गई और सारी कहानी सुनाई। तब दीवान के बेटे ने राजकुमार को समझाते हुए कहा कि मित्र राजकुमारी ने आपको उस खिड़की की तरफ बुलाया है। ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal ki kahani
Shishupal Singh gurjar
gujjar dabang daru band baba harigir ki agiya se
AJAYPAL
एक दिन जब भिक्षु फिर राजा के दरबार में आकर फल देता है, तो इस बार राजा फल कोषाध्यक्ष को न देकर वहां मौजूद एक पालतू बंदर के बच्चे को दे देते हैं। यह बंदर किसी सुरक्षाकर्मी का था, जो छूट कर अचानक राजा के पास आ जाता है। बंदर जब उस फल को खाने के लिए तोड़ता है, तो उस फल के बीच से एक बहुमूल्य रत्न निकलता है। उस रत्न की चमक को देख राज दरबार में मौजूद सभी लोग हैरत में पड़ जाते हैं। राजा भी यह नजारा देख आश्चर्य में पड़ जाता है। राजा कोषाध्यक्ष को इससे पूर्व भिक्षु द्वारा दिए गए सभी फलों के बारे में पूछता है। ©Ajaypal Ajaypal Vikram betal Kahani number 3