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vardha chaudhary
Aryan Bohane
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। कैलाश पर्वत के ध्यानी की अर्धांगिनी मां सती पार्वती को ही शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है। इसके अलावा भी मां के अनेक नाम हैं जैसे दुर्गा, जगदम्बा, अम्बे, शेरांवाली आदि, लेकिन सबमें सुंदर नाम तो 'मां' ही है। माता की कथा आदि सतयुग के राजा दक्ष की पुत्री पार्वती माता को शक्ति कहा जाता है। यह शक्ति शब्द बिगड़कर 'सती' हो गया। पार्वती नाम इसलिए पड़ा की वह पर्वतराज अर्थात् पर्वतों के राजा की पुत्र थी। राजकुमारी थी। लेकिन वह भस्म रमाने वाले योगी शिव के प्रेम में पड़ गई। शिव के कारण ही उनका नाम शक्ति हो गया। पिता की अनिच्छा से उन्होंने हिमालय के इलाके में ही रहने वाले योगी शिव से विवाह कर लिया। आगे की कथा पढ़ें अगले पेज पर... एक यज्ञ में जब दक्ष ने पार्वती (शक्ति) और शिव को न्यौता नहीं दिया, फिर भी पार्वती शिव के मना करने के बावजूद अपने पिता के यज्ञ में पहुंच गई, लेकिन दक्ष ने शिव के विषय में सती के सामने ही अपमानजनक बातें कही। पार्वती को यह सब बरदाश्त नहीं हुआ और वहीं यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। यह खबर सुनते ही शिव ने अपने सेनापति वीरभद्र को भेजा, जिसने दक्ष का सिर काट दिया। इसके बाद दुखी होकर सती के शरीर को अपने सिर पर धारण कर शिव क्रोधित हो धरती पर घूमते रहे। इस दौरान जहां-जहां सती के शरीर के अंग या आभूषण गिरे वहां बाद में शक्तिपीठ निर्मित किए गए। जहां पर जो अंग या आभूषण गिरा उस शक्तिपीठ का नाम वह हो गया। इसका यह मतलब नहीं कि अनेक माताएं हो गई। माता पर्वती ने ही शुंभ-निशुंभ, महिषासुर आदि राक्षसों का वध किया था। ©Aryan Bohane #navratri नवरात्रि पर अवश्य पढ़ें, मां दुर्गा की पावन कहानी
Dpk Kumar
पता नहीं क्यों इस अफसाने के बिना जिंदगी क्यों अधूरी लगती है यह दो लोगो के एक होने की कहानी है।। कहानी #कहानी
Durga Bangari
मैं उसकी, पूरी कहानी का "मैन" क़िरदार ना सह़ी । पर मेरे बिना उसकि कहानी अधुरी रहेगी ॥ #कहानी-कहानी
KoyaComputerWork
घास, बकरी और भेड़िया एक बार की बात है एक मल्लाह के पास घास का ढेर, एक बकरी और एक भेड़िया होता है। उसे इन तीनो को नदी के उस पार लेकर जाना होता है। पर नाव छोटी होने के कारण वह एक बार में किसी एक चीज को ही अपने साथ ले जा सकता है। अब अगर वह अपने साथ भेड़िया को ले जाता तो बकरी घास खा जाती। अगर वह घास को ले जाता तो भेड़िया बकरी खा जाता। इस तरह वह परेशान हो उठा कि करें तो क्या करें? उसने कुछ देर सोचा और फिर उसके दिमाग में एक योजना आई। सबसे पहले वह बकरी को ले कर उस पार गया। और वहाँ बकरी को छोड़ कर, वापस इस पार अकेला लौट आया। उसके बाद वह दूसरे सफर में भेड़िया को उस पार ले गया। और वहाँ खड़ी बकरी को अपने साथ वापस इस पार ले आया। इस बार उसने बकरी को वहीँ बाँध दिया और घास का ढेर लेकर उस पार चला गया। और भेड़िया के पास उस ढेर को छोड़ कर अकेला इस पार लौट आया। और फिर अंतिम सफर में बकरी को अपने साथ ले कर उस पार चला गया। सीख – मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी हो, खोजने पर समाधान मिल ही जाता है। ©KOYA COMPUTER WORK कहानी #कहानी
sapna kumari
प्रतिलिपि पर कैसा रिश्ता सांत्वना पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया और डिजिटल सर्टिफिकेट कृपया अवश्य पढ़ें ©sapna kumari प्रतिलिपि पर मेरी कहानी कैसा रिश्ता कृपया अवश्य पढ़ें कुछ अलग हटकर है