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Rajni
White फिसल कर वक़्त के फर्श पर उम्र ढल जाती है... कई बार बिना जिये भी ज़िंदगी गुज़र जाती है। ©Rajni goodmorning_imagesज़िन्दगी यही है,
goodmorning_imagesज़िन्दगी यही है, #शायरी
read moreDev Rishi
कुछ दवा शौक का होगा क्या... क्यों कि उसके शौक में धोखा पहले लिखा हुआ है... ©Dev Rishi #शौक😞
शौक😞 #Shayari
read moreDr Wasim Raja
White अब तो घर घर की बस यही कहानी है। रिश्तो में में भी ढूंढते सभी लाभ हानि है।। स्वतंत्रत भारत में सब करते मनमानी है। यह हसीनो जमील दुनिया तो फानी है।। यहां फिर भी इंसान कर रहा नादानी है। आपसी रंजिश में बर्बाद हो रही जवानी है।। भाई भाई के बीच आपसी तना तनी है। मां-बाप के अरमानों की दी जाती कुर्बानी है।। बच्चे नौजवान बूढ़ों से करते बदजुबानी है। अब कहां अनपढ़ गवार हर कोई ज्ञानी है।। सब जानते हैं चार दिन की जिंदगानी है। मदद करते सेल्फी लेते यह कैसा दानी है।। प्रचार तंत्र में अब कहां आंखों में पानी है। अंग प्रदर्शन बेहयाई की जिन्दा निशानी है।। ©Dr Wasim Raja #Hope क्या यही जिंदगानी है
Anuj Ray
यही बुराई है मुझ में" यही बुराई है मुझ में कि,ज़ुल्म सितम देख के औरत पर ,हम चुप नहीं रहते। कईयों की नज़र में, हम तीर से चुभते हैं , कईयों की नज़र में ,हम बद जुबान लगते। सब परेशान घर में और दुखी हैं हमसे, दहेज के लोभी, भाग रहे हैं तोड़ के रिश्ते। ©Anuj Ray # यही बुराई है मुझ में"
# यही बुराई है मुझ में" #कविता
read moreranjit Kumar rathour
कितना मुश्किल होता है नए रिश्तों का बनना और आखिरी सांस तक निभाना सोचता हूँ तो सिहर जाता हूँ क्योंकि सवाल सोचता ही क्यों हूँ सोचना होता है आज मबहन की शादी है कल बेटी को भी विदाई होगी जब किसी को लाया था घर अपने तब शायद नही सोच पाया था आज लगता है जिगर का टुकड़ा अनजान के हाथों सौप रहा हूँ मगर सिर्फ फफक सकता हूँ रोक नही सकता क्योंकि यही परंपरा है यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर ©ranjit Kumar rathour यही है दस्तूर
यही है दस्तूर #शायरी
read moreArora PR
White अपने सामने मेरा सज़ा संवरा व्यक्तित्व देख कर आईने की आँखे भी पथरा गई कहने लगा इस उम्र मे भी तुम अपने अरमानो क़ो संमैट कर क्यों नहीं रख पाए तुम? ©Arora PR अरमान
अरमान #कविता
read moreVickram
Men walking on dark street मैं लिखता हूं खुद को खाली करने के लिए सबसे ज्यादा बोझ सिर्फ मन का होता है इस तरह से आजाद कर लेता हूं खुद को कि कोई बंधन मेरे जिस्म पर न रह जाए नयी सोच के लिए खाली जगह भी जरूरी है इतने ख्यालों को लेकर कहां घूमा जाए हजारों पन्ने लिख कर खुद ही पड़ता हुं मैं खुद से ही अपने सवालों का हल पाता हूं मैं इस तरह मिल लेता हूं मैं अक्सर खुद से ही ताकी किसी और से मिलने की ख्वाहिश न रह जाए ©Vickram #Emotional शौक भी है और दवा भी
#Emotional शौक भी है और दवा भी #शायरी
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