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RUPESH Kr SINHA
......................................... ......... ©RUPESH Kr SINHA #कभी दर्द भी महसूश करो
#कभी दर्द भी महसूश करो
read moreKavi Himanshu Pandey
White आशिकी में पड़ गये हम तो धीरे धीरे, झटके पे झटके लगे धीरे धीरे! ..... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey आशिकी.. #beingoriginal #NojotoHindi
आशिकी.. #beingoriginal Hindi
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अपने नाकारापन को छिपाने शक्ल दंगो की दे देते है चर्चा जब भी हो संसद में तूल साम्प्रदायिकता को दे देते है ना उठे सवाल विपक्ष के हवा घटनाओं को दे देते है विश्वास और बहुमत से चुने हो तो संसद को चलने कियो नही देते हो लगा रखे है कई मुखोटे चेहरों पर उजागर अपने क्रिया कलाप कियो नही होने देते हो सवालों से बचने के लिये देश के अस्मिता से खेलते हो बन्द करो चिंगारी लगाना अगर भड़की आग तो बजूद अपना ढूढ़ते रह जाओगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
#Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
White जय माता दी 🌺🌺🌺 बस अब थोड़ा आराम करो हद से ज्यादा ना काम करो... अपनो कि फिक्र है तुम को पर थोड़ा तो खुद पर भी ध्यान धरो... 🩸 good night 🩸 ©M R Mehata(रानिसीगं ) आराम करो
आराम करो
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
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