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Manoj Kumar
बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है। जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं। >थामस एक्किनास बंदरगाह में खड़ा जलयान सुरक्षित होता है। जलयान वहां खड़े रहने के लिए नहीं बने होते हैं। -थामस एक्किनास
Sachin Sharma
शांति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए त्यागी बनना पड़ता है! त्याग धारण करने के लिए सत्य को आचरण में लाना पड़ता है, सत्य को धारण करने के लिए आपको चरित्रवान होना पड़ेगा! चरित्र का निर्माण ही राष्ट्र का निर्माण करता हैं! @sachinsharma चरित्र निर्माण राष्ट्र निर्माण
DR. LAVKESH GANDHI
शिक्षण संस्थान एक शिक्षण संस्थान को एक संस्कारशाला के रूप में होने चाहिए | जबकि आज शिक्षण संस्थान उद्योग के रूप में विकसित और दुकान के रूप में संचालित हो रहे है | जो कि समाज और संस्कृति के लिए एक विस्फोटक की स्थिति है | ©DR. LAVKESH GANDHI # शिक्षण संस्थान # # संस्कारशाला या उद्योग #
Aaditya aryan
निर्माण का निर्माण का है तुम्हे आह्वान , राष्ट्र निर्माण का राष्ट्र निर्माण का। देखो एक नए सूर्य का उदय हुआ , अन्धकार का हरण हुआ।। देखो चिड़िया निकल चुकी है, तिनके की तलाश में।। तुम क्यों बैठे हो किसी और की आस में, वो तिनके - तिनके लगा रही है अपने घोसले के निर्माण में।। तुम क्यों हाथ नहीं बढ़ाते हो राष्ट्र निर्माण में।। तिनका तिनका जोड़कर घोसला बने, ईट से ईट जुड़े तो मकान। फिर क्यों नहीं बन सकता है फिर मेरा भारत महान।। आओ तुम्हें आह्वान है निर्माण, एक नए राष्ट्र निर्माण का।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा मेल हमारा हो। फिर से संस्कृति ज्ञान एकता में सर्वश्रेष्ठ देश हमारा हो।। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, नदियों को निर्मल बनाए यह उद्देश्य हमारा हो। देश के निर्माण में सहयोग हमारा हो। स्वर्ग से सुंदर अमृत सी जलधारा हो, जैसा आत्मा का परमात्मा से वैसा एक दूसरे से मेल हमारा हो। आओ तुम्हे आह्वान है एक नए राष्ट्र निर्माण का, राष्ट्र निर्माण का। saukat ali निर्माण का निर्माण का #HBDShastriJi
Parasram Arora
पाताल की गहराइयाँ भी नापी हैँ मैंने और आकश की ऊंचाईया भी देखली पर ज़ो कुछ मैं पाना चाहता हूँ वोकहीं भी उपलब्ध नही था अवसाद के इन तमाम गीतो मे एक स्वर ऐसा भी ज़ो पराजित होने को तैयार नही था ये भिखारी चोर आत्तताई और आतंकवादी ये सब हमारा ही तों निर्माण था घात प्रतिघात और सुख दुख के संवेदनो से ही जीवन का हहास हुआ हैँ इसीलिए चेतना का क्षितिज भी आज धूमिल हुआ था ©Parasram Arora निर्माण..