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अदनासा-
आज फ़िर पढ़ा अख़बार मैं एतबार की खातिर मगर फ़िर वही समाचार था सरकार की खातिर ©अदनासा- #हिंदी #अख़बार #पढ़ा #समाचार #एतबार #सरकार #खातिर #Instagram #Facebook #अदनासा
Neelam Modanwal
हिरोशिमा की पीड़ा किसी रात को मेरी नींद चानक उचट जाती है आँख खुल जाती है मैं सोचने लगता हूँ कि जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का आविष्कार किया था वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण नरसंहार के समाचार सुनकर रात को कैसे सोए होंगे? क्या उन्हें एक क्षण के लिए सही ये अनुभूति नहीं हुई कि उनके हाथों जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ! यदि हुई, तो वक़्त उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं करेगा किन्तु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा.. 🙏🏼शहीद दिवस हार्दिक शुभकामनाए... 🙏🏼 ©Neelam Modanwal #shaheeddiwas #hunarbaaz हिरोशिमा की पीड़ा किसी रात को मेरी नींद चानक उचट जाती है आँख खुल जाती है मैं सोचने लगता हूँ कि जिन वैज्ञानिकों ने
Vikas Singh Parihar
एक बार फिर आ गया हैं मानसून, लेकर के बहार ही बाहर। मौसम की इस रिमझिम बरसात, से दिल लगा है गुदगुदाने को। मन मचल रहा है इसमें भीग जाने को, लग रहा है देख कर जैसे स्वर्ग आ गया धरती पे। अप्सराएं कर रही जैसे नृत्य धरती में, झर झर की मधुर ध्वनि कर रही है पागल। इस रिमझिम फुब्वार में लगा नाचने मयूर, देख प्रकृति का रूप अनोखा में हो रहा बाबरा। दिल कह रहा है इसमें बार बार भीग जाने को, यह बरसात को देख वृक्ष लगे हे शर्माने। लगता है देखकर कोई नाच रहा चित्तचोर, हे अनुपम घटा आई हर तरफ हरियाली छाई। हो रहा देख यह रूप दिल मेरा बाग-बाग, बस देखता रहूँ ये नज़ारा बार बार। एक बार फिर आ गया मानसून, लेकर के बहार ही बहार। ©Vikas Singh Parihar #मानसून #बारिश
अदनासा-
नोजोटो को मेरा प्रणाम, हार्दिक मंगलमय शुभकामनाएं एवं अभिनंदन, इस माननीय मंच ने मुझे लिखने की जो आज़ादी दी है, वह मेरे लिए अनमोल है इसलिए मैं नोजोटो और उनसे जुड़े सभी माननीय सदस्य जन को हार्दिक नमस्कार करता हूं, और भविष्य में नोजोटो द्वारा जो नया इतिहास रचा जायेगा, उस महत्वपूर्ण घटना के लिए अग्रिम सप्रेम हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। कभी-कभी भावुकता वश, हिंदी के प्रती उदासीन रह रहे मानसिकता को रेखांकित करता हूं तो मेरे मन में भी आलोचना का भाव आता है, परंतु जब..... क्रमशः लेख कृपया कैप्शन में पढ़ें🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा- #NojotoTurns5 ...भी माननीय मंच नोजोटो के अतिरिक्त अन्य कवि सम्मेलन या मुशायरे में जाता हूं तो लगता है, मैं भारत में हूं मैं भारतीय हूं, और
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me to get the same ©KP EDUCATION HD 1. SBI अपरेंटिस भर्ती 2023 के लिए पंजीकरण शुरू होता है SBI ने आधिकारिक रूप से अपरेंटिस की भर्ती के लिए पंजीकरण प्रक्रिया की शुरूआत की है। 6
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Ghumnam Gautam
धड़कनों में है सर्द दिसम्बर साँसों में मई-जून... तुम क्या गए,आ गया देखो आँखों में मानसून ©Ghumnam Gautam #मानसून #सर्द #साँस #आँखें #तुम #जून #ghumnamgautam
KP EDUCATION HD
KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same ©कंवरपाल प्रजापति टेलर इनमें सबसे ज्यादा पद रेलवे में (लगभग 2.63 लाख) खाली हैं. सिविल सर्विसेज सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में
N S Yadav GoldMine
कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम जी} कैकेयी द्वारा वचन मुक्त :- 🌄 भगवान श्रीराम को माता कैकेयी ने मंथरा की चालों में फंसकर उनके राज्याभिषेक से एक दिन पहले उन्हें 14 वर्षों का वनवाद दिलवा दिया था। इसी कारण भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता सहित वन में चले गए थे। अपने पुत्र के वन जाने के दुःख में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद जब भरत कैकेय से अयोध्या वापस आये तब उन्हें सब षड़यंत्र का ज्ञात हुआ। जय श्री राधे कृष्ण जी..... भरत गये चित्रकूट :- 🌄 भगवान राम के चित्रकूट में होने का समाचार सुनकर भरत अपनी तीनों माताओं, अन्य राज परिवार के सदस्यों समेत वहां पहुँच गए व प्रभु श्रीराम से अपनी माता के किये कर्मों के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने अयोध्या का राज सिंहासन पुनः भगवान श्रीराम को सौंप दिया व अयोध्या वापस चलने को कहा। इस पर श्रीराम ने स्वयं के पिता के वचन से बंधे होने के कारण वापस अयोध्या लौटने को मना कर दिया। कैकेयी ने वापस लिए दोनों वचन :- 🌄 उस सभा में कैकेयी भी उपस्थित थी व प्रभु श्रीराम के वचनों से बंधे होने की बात सुनकर उन्होंने उसी समय राजा दशरथ से मांगे अपने दोनों वचन वापस ले लिए। उन्होंने राम से अपने किये के लिए क्षमा मांगी व कहा कि वे राजा दशरथ से मांगें अपने दोनों वचनों को अभी वापस लेती हैं ताकि राम पुनः अयोध्या लौट सके। केवल राजा दशरथ को था अधिकार :- 🌄 जब माता कैकेयी ने अपने दोनों वचन वापस ले लिए तब श्रीराम ने उन्हें कहा कि वचन वापस लेने का अधिकार केवल उसी का होता है जिसने वचन दिया हो। चूँकि महाराज दशरथ ने रानी कैकेयी को दो वचन दिए थे जिसमे कैकेयी ने राम को 14 वर्षों का वनवास व भरत का राज्याभिषेक माँगा था। चूँकि रानी कैकेयी ने अपने वचन दशरथ की मृत्यु के बाद वापस लिए थे इसलिये उन्हें माना नही जा सकता था। राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात उनके वचन को पूरा करना श्रीराम का कर्तव्य था। यदि वे जीवित होते और उस समय रानी कैकेयी अपने वचन वापस लेती तब श्रीराम वन में जाने के लिए बाध्य नही होते। इसलिये प्रभु श्रीराम ने माता कैकेयी के द्वारा अपने दोनों वचनों को वापस लिए जाने के पश्चात भी वन में जाने का निर्णय लिया था। ©N S Yadav GoldMine #Pattiyan कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम ज