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Stories related to ग़ालिब की ग़ज़ल

RUPESH Kr SINHA

#बुलनदी की कहानी खुद की

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Lalit Saxena

ग़ज़ल

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हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है 
रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है 

सांस-सांस पीर कसमसाती रहती 
मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है 

उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन
उदास शाम को भी उतरते देखा है 

ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है
उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है 

दरवाजे पर नहीं कोई  दस्तक हुई
हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है 

दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे
बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है

©Lalit Saxena ग़ज़ल

SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -2 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa fa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_expe

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SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -1 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_experie

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Mayuri Bhosale

दिल की कहानी की

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❣️.......शायरी दिल की कहानी .......❣️

         हर दिल मे छूपी है एक कहानी💌
         पहले हमे लगती है ओ अपनी सहेली 👭
                       पर दिल के गहराई के समंदर तक जाकर 🌊🌊
                    देख लो ओ बन जाती है एक नई पहेली.....!!❓

©Mayuri Bhosale दिल की कहानी की

Asraf Husain

वो लहू क्या है रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है। -मिर्जा ग़ालिब

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veena Mishra

# श्रीमद्भागवत की फूलो की होली#

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dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav ग़ज़ल

gudiya

#sad_shayari nojotophoto #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव

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White ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नवीन आंखों में जो नवीन सपने हैं
 वे ग़ालिब  के सपने हैं ।

गालिब ने खोली गांठ जटिल जीवन की, 
बात और वह बोली नपीतुली थी, हल्के पान का नाम नहीं था।

 सुख की आंखों ने दुख देखा और टिटौली की,
 यों जी भर बहलाया।

 बेशक दाम नहीं था उनकी अंटी में, दुनिया से काम नहीं था 
लेकिन उस को सांस सांस पर तौल रहे थे ।

अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था
 सत्य बोलता था जब मुंह खोल रहे थे ।

ग़ालिब होकर रहे जीत कर दुनिया छोड़ी
 कवि थे, अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ी।
-त्रिलोचन

©gudiya #sad_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi 
ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नव

BenZil (बैंज़िल)

#ग़ज़ल शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी

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White तिमिर को हाथ मलता छोड़ आया हूँ 
दिया इक घर में जलता छोड़ आया हूँ 

चला आया हूं घर से तन को बस लेकर
वहीं मन को तड़पता छोड़ आया हूँ 

इसी उम्मीद में कल फिर से निकलेगा
मै सूरज आज ढलता छोड़ आया हूँ 

हमारी आँख से लूटे गए तो क्या ?
हजारों ख़्वाब पलता छोड़ आया हूँ 

सितारा मेरी क़िस्मत का भी चमकेगा
मै इक जुगनू चमकता छोड़ आया हूँ

यहाँ शबनम की बूंदे भी हैं तरसाती
वहाँ सावन बरसता छोड़ आया हूँ 

जो जाता ही नही है गांव तक मेरे 
नगर का वो मै रस्ता छोड़ आया हूँ 

कहीं पथरा न जाएं उनकी वो आँखें 
मै जिनको राह तकता छोड़ आया हूँ 

नही आया अभी तक शेर ए मक्ता है 
ग़ज़ल उसको जो पढ़ता छोड़ आया हूँ

©BenZil (बैंज़िल) #ग़ज़ल  शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी
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