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gauranshi chauhan
Unsplash day - 428 आप चाहते थे ना की मै चली जाऊ आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए, तो यही समझ लेना आज से मर गई हमेशा के लिए ।। 😇❣️❣️❣️ ©gauranshi chauhan #lovelife day - 428 आप चाहते थे ना की मै चली जाऊ आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए, तो यही समझ लेना आज से मर गई हमेशा के लिए ।। Sabanoor Sandip r
#lovelife day - 428 आप चाहते थे ना की मै चली जाऊ आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए, तो यही समझ लेना आज से मर गई हमेशा के लिए ।। Sabanoor Sandip r
read morePravin Mishra
White yaha taklif bhi hai our shor bhi mujhme himmat bhi hai hun kamjor bhi aise toh tum mujhe kho dogi tumhe mai bhi chahiye? our fir koi our bhi..... *___💔💔🖤❤🔥 ©Pravin Mishra #love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...
#love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...
read moreAbhi
Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi #lovelife शायरी मोहब्बत के लिए
#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए
read moreVs Nagerkoti
Unsplash किसी के साथ मन से जुड़ना और किसी मकसद से जुड़ने मैं धरती आसमान का अंतर है ।जहां आत्मा से जुड़ा हुआ व्यक्ति जीवन से निकलने पर भी यादों से नही निकलता वहां। एक मतलबी इंसान याद तो रहता तो है। लेकिन सिर्फ नफरत के तौर पर । ©Vs Nagerkoti #lovelife मतलब हर रिश्ते नाते को हमेशा के लिए नस्ट करके नफरत को जन्म देता है ।
#lovelife मतलब हर रिश्ते नाते को हमेशा के लिए नस्ट करके नफरत को जन्म देता है ।
read moreAbhay Shaw (8100233007)
#poetryunplugged #LIFENEVERDIES किसी के दिल में प्यार हमेशा के लिए रहता है ...!! Love ❤️
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
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