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Ayushi
खींच लो एक तस्वीर हमारी भी मुर्शीद लो हम भी झूठ- मुठ का मुस्करा देते हैं. ©Ayush Kumar #Qala खींच लो एक तस्वीर हमारी भी मुर्शीद लो हम भी झूठ- मुठ का मुस्करा देते हैं.
TARUN Kumar Jha
Priyanka Bhagat
कोण म्हणतंय संपला आहेस तू उधाणलेल्या समुद्रातील भरकटलेल्या जहाजाला किनाऱ्यावर पोहचविणारा 'तारण कर्ता' आहेस तू यष्टीमागे विद्यूलतेसारखी सावज
Dharm Desai
तुम्हारा हक है नाराज़ होने का हमे भी शक है आबाद होने का वज़ह जो भी हो किनारा तो करो हम कह दे तुम इशारा तो करो #dharmuvach✍ (पूरी नज़्म केप्शन में पढ़े) तुम्हारा हक है नाराज़ होने का। हमे भी शक है आबाद होने का।। वज़ह जो भी हो किनारा तो करो। हम कह दे तुम इशारा तो करो।। रस्तो में कहा खो गए बिस्म
suman kadvasra
एक तरफ़ा प्यार जब कोई ज़ज़्बात ही नही उसके दिल मे मेरे लिए उसको कह दो जाकर झूठ-मुठ का मुझे बुलाया न करे,, मेरे लिए वक़्त नही है उसके पास ,,yrr उसे कहो रात को 2 बजे तक का last seen दिखाया न करे,,, मेरे होने न होने से फर्क ही नही पड़ता जब उसे बेमतलब के रिश्ते को अंधेरो में भटकाया न करे,, मैं पहले ही नाराज़ हूँ खुद से ओर खुदा से वो बात बात पे अपनी नाराजगी जताया न करे,,, मुझे तो आदत हो गयी है ठुकराए जाने की अब दिल रखने के लिए बेतुकी बातो पे हसाया न करे,, क्यों मुझे ही तलब लगती है उसकी आवाज़ सुनने की उसको कह दो प्यार है तो इतना भाव खाया न करे,, मेरा तो नसीब ही फूटा है इस प्यार के चक्कर मे उसे कहो अपनी कलम से मेरी किस्मत की लकीरें बनाया न करे,, #love #onesidedlove #december #nojoto #Relationships जब कोई ज़ज़्बात ही नही उसके दिल मे मेरे लिए उसको कह दो जाकर झूठ-मुठ का मुझे बुलाया न करे,
Monika Gadhvana
ऐसे ही तो तुम पसंद हो मुझे। (Read in Caption) ऐसे ही तो तुम अच्छे हो। शिकायत है मुझे तुमसे की तुम गुस्सा ज्यादा करते हो, गुस्से में बड़े शरीफ से लगते हो माना मैने, तब मेरा कुछ ना बोलना
sandy
#मन_का__बोलाविते_पुन्हा_त्या_दिवसांना. . . "एकदा केव्हातरी शांतपणे बसावं आणि वयानुसार आपण काय काय गोष्टी सोडल्या ह्याचा आढावा घ्यावा. मग लक
Way With Words
बहारों के सपने। (पार्ट 4) सुबह उठ कर क्लासेज जाना, बच्चों को पढ़ाना और नॉवेल पढ़ना यह थी मेरी दिनचर्या। दिन बीतते रहे। ज़िन्दगी ख़ास किसी बदलाव के बगैर चल रही थी। एक
Divyanshu
Tum se ek shikayat hai कहा कलम ने " खामखाँ स्याही बर्बाद करता मेरी, दीदार किया मैंने उसका, अख़्श आँखों में देख तेरी, नहीं बयाँ कर सकता मैं भी उसे, सुन्न पड़ी चेतना मेरी, खुबसुरती-ए-नज़ाकत बयाँ कर पाए तू, नहीं इतनी अभी हुनर तेरी। (full poem im caption) #NojotoQuote मुख़्तसर सी मुलाकात खोया बैठा था मैं ख्वाबों ख्यालों में, मुख़्तसर-सी भी मुलाकात न कर पाने की मलालों में, जाने कैसा डर था, कैसी झिझक थी, ज़ाम-ए
छगन कुमावत "लाड़ला"
मेरी स्कूली बातें ... (Part - 1) "सच ,वो होता है , जो सब से हजम नी होता ।" - लाखा राम © झीलें जितनी मनमोहक जान पड़ती हैं बाहर से , अन्दर से वास्तव में उतनी होती नहीं है । उसका पेंदा दलदली होता है जिसे पार पाना बड़ा ही मुश्किल है