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Ashtvinayak
PoonaM म्हस्के
White ऐसा नहीं था कि कोई चाहने वाला नहीं था मगर हमने जिसे चाहा तो हमारा नहीं था यह जानकर भी हमने बस उनको ही चाहा था इसी उम्मीद पर कि शायद एक दिन मेरा खुद ऐसा करेश्मा करेगा और मैंने जिसे चाहा उसे मेरा करेगा ©PoonaM म्हस्के #emotional_sad_shayari ऐसा नहीं था कि कोई चाहने वाला नहीं था मगर हमने जिसे चाहा वह हमारा नहीं था यह जानकर भी हमने बस उनको ही चाहा था इसी
sujeeta
हमने जिसके साथ वफा बड़ी सिद्दत से की हो उसके इल्जाम लगाने पर तकलीफ तो होगी ही ©sujeeta हमने वफा
poetry by heart
gaTTubaba
हमने देखा ही नहीं वो नूर सा चेहरा क्या पता ? शायद हमारी ही नजर लग जाती उसे ... ©gaTTubaba #aaina हमने देखा ही नहीं वो नूर सा चेहरा क्या पता ? शायद हमारी ही नजर लग जाती उसे ...
Dev Rishi
उसे खोना कभी सीखा ही नहीं हमने उसे पाने की जद्दोजहद कभी नहीं की है हमने इस दिल की बस एक ख्वाहिशें रह गई है हम में कि...... उसे इजहार ए मुहब्बत लफ़्ज़ों में कह दूं न मिले, न हां ना की गुजारिश भी नहीं रहेंगी मुझे में ताउम्र वह ख़ुश रहें यही खुदा से अर्जी लगेंगी मुझे से.... कौन कहता है कि यादों से बात कभी नहीं होती हैं? पर ,उसकी यादों से हर रोज बात की है हम ने ...... ©Dev Rishi #हमने..
gaTTubaba
एक बात लिखीं भी नहीं और किसी ने पढ़ ली हमने चेहरा भी नहीं दिखाया उसने परछाई तक पहचान ली ©gaTTubaba #Holi एक बात लिखीं भी नहीं और किसी ने पढ़ ली हमने चेहरा भी नहीं दिखाया उसने परछाई तक पहचान ली
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh प्रभु ने सुंदर धाम चुना है, परम दयालू नाम चुना है, जीवन के पथ पर विराम का, सबने अपना ठांव चुना है, ईश्वर की मर्ज़ी के आगे, हमने अपना गाँव चुना है, दिल में भरे ख़ुशी जो आकर, गीत एक अभिराम चुना है, इतनी तपिश झेलकर यारों, अपनेपन की छाँव चुना है, भाग-दौड़ से दूर जगत के, थोड़ा सा विश्राम चुना है, अनदेखी करते जो 'गुंजन', उनसे अलग मुकाम चुना है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #हमने अपना गाँव चुना है#
gaTTubaba
कोशिशें तो काफ़ी की हमने तेरा होने की नहीं बस तेरा ही बने रहने की ... ©gaTTubaba #achievement कोशिशें तो काफ़ी की हमने तेरा होने की नहीं बस तेरा ही बने रहने की ...
Shashi Bhushan Mishra
किये न झूठ बहाने हमने, बदले नहीं ठिकाने हमने, मक्कारों का साथ छोड़कर, रक्खे दोस्त पुराने हमने, भोले-भाले लगने वाले, देखे कई सयाने हमने, झूठी कसमें खाने वाला, पकड़े खूब दीवाने हमने, प्रेम की दौलत खूब लुटाई, खाली किए खज़ाने हमने, झूठ के सौदागर लौटाए, वापस किए बयाने हमने, राहगीर थे 'गुंजन' सारे, भेद-भाव न जाने हमने, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #बदले न ठिकाने हमने#