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harsha mishra
White कब तक😪 आंगन की किलकारियां क्यों सिसकियों में बदलतीं हैं? मेरे ही चश्में के शीशे मेरे आंखों में चुभतीं हैं। कभी पैरों पर खड़ी मै आज फर्श पर पड़ी थी मैं। मेरे जिस्म के लहू बताते हैं दरिंदों से कितना लड़ी थी मैं। मेरे कंठ की पुकार से कितनों को हंसाया मैंने । तोड़ गई वही गर्दन हाय कितना चिल्लाया मैंने। बदन तो मैंने ढका ही था मर्यादित मेरी काया थी। बताओ ना मेरी गलती अभी क्यों मंडराई बुरा साया थी? अरे मां ने कहा पापा ने कहा शिक्षक ने भी तो कहा था सच बोलो,,सच के लिए बोलो सच बोली तो मार दी गई मैं झुकी नहीं तो लुट ली गई मैं। हैवानियत का जनाजा कब निकलोगे दोस्तों? मोमबत्तियां बहुत जला ली हैवानों को कब जलाओगे दोस्तों? निर्भया की नजरों में भय का ठिकाना गूंजता है। इस दरिंदगी से हमें कब बचाओगे दोस्तों? जिस्म मेरा मर गया आत्मा रो रही है अब तक। मिलने से रही मुक्ति दोषी आजाद हैं जबतक दोषी आजाद हैं जबतक हर्षा मिश्रा रायपुर ©harsha mishra #kolkata #न्याय
Cricket
IPL 2025 Kolkata Knight Riders में बदल देगी कप्तान? #shreyasiyer #IPL2025 #Kkr #DC #olympics
read morebina singh
White नोच खसोट कर अस्मिता लूट लेना हर दिन किसी न किसी ने आज़ादी की क़ीमत ऐसे ही चुकाई है कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है डरा धमका कर तुम चुप करा देना हर बात पर हमने ऐसे ही चुप्पी दोहराई है कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है नोच कर उखाड़ फेंक देते हो हमारे फंख हर ख़्वाब को हमने ऐसे ही आग लगाई है कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से आई है बहुत बार हमने कभी हस कर कभी रो कर, कभी गुस्से में कभी दर्द में ना कहकर असहमति जताई है तुम सुनते कहा हो तुमने वही घिनौनी चाल आजमाई है कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से आई है नोच खसोट कर अस्मिता लूट लेना हर दिन किसी न किसी ने आज़ादी की क़ीमत ऐसे ही चुकाई है कोई बता दे आज़ादी कितने हमारे हिस्से में आई है ....by Bina singh ©bina singh #sad_shayari #kolkata doctor case#Kolkata doctor rape
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read moreRitu Raj
White " बेटी थी वो " सौ सपने और - आंखों में ख्वाब लिए बैठी थी वो " बेटी थी वो " ना कोई तर्क जिनका उन बातों को सेहती थी वो " बेटी थी वो " ये ज़ालिम समाज बेहरे भी और आंख के होते अंधे हैं , खुद का ईमान भी बेच केहते अपने तो धंधे हैं | पर उन धंधों में बर्कत भी जो देती थी जो , " बेटी थी वो " डर है, पाबंदियों के डर से पैड़ों में - बेड़िया ना कोई पड़ जाये, कब कहाॅं इंसान जैसा - पिछे भेड़िया ना कोई पड़ जाये | ऑंखों में अश्क लिये - लौटी घर को पर इक लफ़्ज़ भी ना केहती थी वो " बेटी थी वो " " फिर आई रात कयामत इक दिन " जीन ख़्वाब भरे ऑंखों को देख - सूबह बाप को था- सूकून मिला, हुई रात काली उन ऑंखों से - बाप को बेहता खून मीला | राम-राम केहने वालों - सीता खून से लथपत - लेटी थी वो " बेटी थी वो " 💔 -Ritu Raj। ©Ritu Raj #Kolkata
प्रीति
White फिर एक सफर बिन मंजिल पाएं बिखर गया...... #Kolkata...🤐 ©प्रीति #Kolkata..
ANUSHREE ADHICARY
India@78,Happy Independence day,Jai Bharat MATA?really MATA?This is real Devi Dichotomy!! ©ANUSHREE ADHICARY KOLKATA RAPE CASE #nojohindi #Nojoto #Kolkata
KOLKATA RAPE CASE #nojohindi #Kolkata #Life
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